हार्मोन
जीवन काल की वह अवधि जब शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जिनके परिणाम स्वरूप जनन परिपक्वता आती है किशोरावस्था कहलाती है।
अंडाणु उत्पन्न होने से पहले गरबा से उसे ग्रहण करने की तैयारी करता है। निषेचन में होने की स्थिति में गर्भाशय की आंतरिक मोटी भीती रक्त कहानियों के साथ टूटकर रक्त स्त्राव के रूप में योनि मार्ग से बाहर आती है इसे ऋतुस्त्राव या रजोधर्म कहते हैं। रजोधर्म की अवधि 4 से 7 दिन तक होती है।
अंत स्त्रावी ग्रंथि का नाम | स्त्रावित हार्मोन का नाम |
थायराइड | थायरोक्सिन |
अग्नाशय | ईसुलिन, ग्लूकागांन। |
पीयूष ग्रंथि | वृद्धि, पोसी हार्मोन। |
अंडाशय | एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन। |
वृषण | टेस्टोस्टेरोन |
परावटु | कैल्सीटोनिन |
जो हार्मोन लड़के लड़कियों में गौण लैंगिक लक्षणों के लिए उत्तरदाई हो, लिंग हार्मोन कहलाते हैं। लड़कों में वृष्ण पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्त्राव करता है जिस से लड़कों के चेहरे पर बाल आना, आवाज का भारी होना व जनन तंत्र का विकसित होना आदि गुण विकसित होते हैं। इसी प्रकार लड़कियों में अंडाशय स्त्री हार्मोन स्त्रावित करता है जिससे दुग्ध ग्रंथियों का विकसित होना, कूल्हों का भारी होना आदि गुण विकसित हो जाते हैं। अंत: लिंग हार्मोन नर व मादा में विभेद करने वाले लक्षण उत्पन्न करते हैं, इसलिए इन्हें लिंग हार्मोन कहा जाता है।
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