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UP के प्रमुख मेले एवं उत्सव
नौचंदी मेला
नौचंदी मेला प्रतिवर्ष मेरठ महानगर में आयोजित किया जाता है। इस मेले में एक तरफ नवचंडी देवी का मंदिर है तथा दूसरी तरफ विश्व प्रसिद्ध संत सैयद सालार (बाले मियां) की दरगाह है, जिसका कारण इस मेले में हिंदू व मुस्लिम समान रूप से सौहार्दपूर्ण वातावरण में आनंद लेते हैं।
शाकुम्भरी मेला
प्रदेश के सहारनपुर जिले में प्रतिवर्ष नवरात्रों में शाकुम्भरी देवी का मेला आयोजित किया जाता है।
कुंभ का मेला
कुंभ का मेला प्रति 12 वर्ष में इलाहाबाद में संगम के तट पर आयोजित किया जाता है। यहां देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जन विश्व के सबसे बड़े मेले में आते हैं और पवित्र पावन संगम में स्नान करके पुण्य कमाते हैं।
देवा शरीफ मेला
इस मेले का आयोजन प्रति वर्ष बाराबंकी में प्रसिद्ध सूफी संत वारिस अली शाह की दरगाह पर किया जाता है, जिसे हिंदू व मुस्लिम भाई प्रेम व सद्भावनापूर्वक मानते हैं।
कैलाश मेला
इस मेले का आयोजन प्रति वर्ष सावन के तीसरे सोमवार को राज्य के आगरा जनपद में कैलाश तथा सिकंदरा नामक स्थान पर किया जाता है, इस मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु लोग भाग लेते हैं।
बटेश्वर मेला
बटेश्वर मेला का आयोजन प्रति वर्ष आगरा जनपद के बटेश्वर नामक स्थान पर यमुना के किनारे किया जाता है। इस मेले का धार्मिक तथा व्यापारिक दोनों प्रकार का महत्व है। यहाँ व्यापारी लोग सामानों की खरीद-फरोख्त भी करते हैं।
श्रावणी एवं जन्माष्टमी मेला
भगवान श्री कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर प्रतिवर्ष लाखों भक्तजनों द्वारा व्रत रखकर यह मेला आयोजन किया जाता है।
राज्य में लगने वाले अन्य मेले और उनके आयोजन स्थल
मेला | आयोजन स्थल |
मेला | आयोजन स्थल |
लक्ष्मया होली मेला | नंद गांव के निकट बरसाना (मथुरा) | कबीर मेला | मगहर (बस्ती) |
बाल सुंदरी मेला | अनुप शहर | देवछठ मेला | दाऊजी (मथुरा) |
गोविंद साहब मेला | अतरौलिया आजमगढ़ | नककटेया मेला | वाराणसी |
शाकुंभरी देवी मेला | सहारनपुर | कैलाश मेला | आगरा (प्रतिवर्ष रावण के तीसरे सोमवार को) |
नवरात्रि मेला | आगरा | बटेश्वर मेला | बटेश्वर (आगरा) |
परिक्रमा मेला | मिसरिख और नीमसार (सीतापुर) अयोध्या | गोला-गोकर्णनाथ मेला | खीरी |
श्रावणी व जन्माष्टमी मेला | मथुरा | रामायण मेला | चित्रकूट |
खिचड़ी मेला | गोरखपुर | अयोध्या मेला | फैजाबाद |
कांपिमेला | बांदा | ढाइघाट मेला | शाहजहांपुर |
देवीपाटन मेला | गोंडा | नेमीषारन्य मेला | नेमीषारन्य (सीतापुर) |
देवी मेला | बाराबंकी | नौचंदी मेला | मेरठ |
मकनपुर मेला | फर्रुखाबाद | दशहरा मेसेक्सला | आगरा-मथुरा (वैसे यह मिला राज्य में सर्वत्र मनाया जाता है) |
हरिदास जयंती मेला | वृंदावन | माघ मेला | इलाहाबाद (प्रयाग) में प्रत्येक वर्ष |
कुंभ मेला | इलाहाबाद (प्रत्येक 12 वर्ष) | सैयद सालार मेला | बहराइच |
राज्य के प्रमुख सांस्कृतिक उत्सव
राज्य की सांस्कृतिक विभाग द्वारा प्रतिवर्ष अनेक उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
ताज महोत्सव
यह उत्सव हर साल आगरा में मनाया जाता है। ताज उत्सव में भारतीय ललित कलाओं तथा मुगलों के समय की विभिन्न संस्कृतियों को प्रस्तुत किया जाता है। आगरा में हर साल फरवरी माह में इस महोत्सव का आयोजन किया जाता है।
कबीर उत्सव
यह उत्सव बस्ती जनपद के मगहर नामक स्थान पर आयोजित किया जाता है। संत कबीर दास जी के जीवन चरित्र से संबंधित विषयों को इस मेले में दर्शाया जाता है। इस मेले में कबीरपंथी तथा अन्य जागरूक लोग भाग लेते हैं।
लखनऊ उत्सव
अवध कालीन परंपरागत लोक नृत्य, वैभव, नजाकत तथा नफासत को लखनऊ महानगर में आयोजित इस महोत्सव में प्रदर्शित किया जाता है।
इलाहाबाद उत्सव
इलाहाबाद में आयोजित इस उत्सव में मिली-जुली संस्कृति की विरासत का अवलोकन किया जाता है। इनके वृंदावन हरिदास समृति संगीत समारोह का आयोजन, झांसी में महोत्सव का आयोजन, मथुरा में होलीकोत्सव तथा कन्नौज में कनौज महोत्सव आयोजित किए जाते हैं।
कामीपल उत्सव
फर्रुखाबाद के रामेश्वर नाथ एवं कामेश्वर नाथ तथा जैनियों के मंदिर मेंकाम्पिल उत्सव का आयोजन किया जाता है। जैन धर्मावलंबियों की संस्कृति को भी इस उत्सव के अंतर्गत दर्शाया जाता है।
वाराणसी उत्सव
वाराणसी में आयोजित पर होने वाले उत्सव के अंतर्गत भारतीय धर्म, सांस्कृतिक तथा ज्ञान विज्ञान के विषयों से संबंधित दृश्यों को प्रस्तुत किया जाता है।
प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्व एवं त्यौहार
उत्तर प्रदेश एक हिंदू प्रधान राज्य है इसलिए यहां पर अधिकांश उत्सव हिंदू कैलेंडर के अनुसार ही मनाए जाते हैं।
राज्य में विभिन्न संप्रदायों के अनुयायियों द्वारा मनाए जाने वाले उत्सवों में प्रमुख उत्सव-
- शीतला अष्टमी
- राम नवमी
- वैशाखी पूर्णिमा
- बरगदही अमावस्या
- गुरु पुर्णिमा
- नाग पंचमी
- रक्षा बंधन
- हलषष्ठी
- कृष्ण जन्माष्टमी
- हरियाली तीज
- गणेश चतुर्थी
- अनंत चतुर्थी
- पितृ विसर्जन अमावस्या
- दुर्गा नवमी
- दशहरा
- करवा चौथ
- दीपावली
- गोवर्धन पूजा
- भैया दूज
- देवोत्थान एकादशी
- कार्तिक पूर्णिमा
- संकट चौथ
- मकर सक्रांति
- बसंत पंचमी
- शिवरात्रि तथा होली
- बौद्ध धर्म के अनुयायि बुद्ध पूर्णिमा
- जैन धर्म के अनुयाई महावीर जयंती
- सिख धर्म के अनुयाई गुरु नानक जयंती आदि उत्सव मनाते हैं।
मुसलमानों के प्रमुख त्यौहार हैं-
- रमजान
- ईद उल जुहा
- मोहर्रम
- ईद उल फितर
- बारावफात
- शबे बरात आदि है।
ईसाइयों के पर्वों के मुख्य है-
- नव वर्ष दिवस
- गुड फ्राइडे
- क्रिसमस
क्रम संख्या | धर्म | पर्व/त्यौहार |
1 | हिंदू | मकर सक्रांति (14 जनवरी), बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि ,गणेश चतुर्थी, होली, राम नवमी, वैशाखी, दशहरा, दीपावली, नाग पंचमी, रक्षा बंधन, कृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्रि, भैया दूज, गोवर्धन पूजा, कार्तिक पूर्णिमा, तीज, करवा चौथ, अमावस्या, अनंत चतुर्थी, देवोत्थान एकादशी आदि। |
2 | मुस्लिम | रमजान, ईद उल जुहा, मोहर्रम, ईद उल फितर, बारावफात, शब-ए-बारात आदि। |
3 | सिख | वैशाखी, गुरु नानक जयंती, गुरु गोविंद सिंह जयंती, गुरु अर्जुन देव बलिदान दिवस आदि। |
4 | इसाई | गुड फ्राइडे, ईस्टर, क्रिसमस नव वर्ष |
5 | बौद्ध | बुद्ध पूर्णिमा (बुद्ध जयंती) |
6 | जैन | महावीर जयंती |
महत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य
- हिंदू मुस्लिम एकता के प्रतीक सुलहकुल उत्सव का आयोजन आगरा में किया जाता है।
- कबीर मेले का आयोजन बस्ती जिले के मगहर नामक स्थान पर किया जाता है।
- उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक विभाग की स्थापना सन 1937 में की गई।
- प्रदेश में सर्वाधिक मेला मथुरा में आयोजित किए जाते हैं।
- उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष लगभग 2260 मेलों का आयोजन किया जाता है।
- राज्य में सबसे कम मेले पीलीभीत में लगते हैं।
- राज्य में सर्वाधिक मेले लगने वाले पांच जिला मथुरा, कानपुर, हमीरपुर, झांसी तथा आगरा है।