आज इस आर्टिकल में हम आपको शैवाल के बारे में जानकारी के बारे में बताने जा रहे है.
शैवाल को अंग्रेजी की भाषा में Algae कहा जाता है. यह एक सरल सजीव है. अधिकांश शैवाल प्रकाश की उपस्थिति में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया से अपना भोजन खुद बनाते हैं इसीलिए उनको स्वपोषी भी कहा जाता है. यह एक कोशिकीय और बहुकोशिकीय भी हो सकते हैं. लेकिन पौधों की तरह इनमें जड़ पत्तियां इत्यादि नहीं होती है. इसमें जनन कई प्रकार से होता है कई शैवाल खुद विभाजित होते रहते हैं.
शैवाल के बारे में जानकारी
शैवाल का अध्ययन को फाइकोलोजी कहा जाता है.
शैवाल में कार्बोहाइड्रेट्स अकार्बनिक पदार्थ और विटामिन A, C, D, E में पाए जाते हैं.
शैवाल प्राय: पर्णहरित युक्त, संहवन उतक रहित आत्मपोषी और सेल्युलोज भित्ति वाले होते हैं. इसका शरीर शुकाय सदृश्य होता है जिसका मतलब है जड़, तना और पत्तियों में विभक्त नही होता है. यह एक जलीय पौधा है जो समुंदर जल, ताजे जल, गर्म जल के झरनों तथा तालाबों में उगता है.
मनुष्य के लिए उपयोगी शैवाल
कुछ शैवाल मानव के लिए उपयोगी होते है इनका उपयोग भोजन, व्यवसाय, खेती में, दवाइयों में, अनुसन्धान में इसका बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है.
भोजन में उपयोगी शैवाल
पोरफाइरा, अल्वा रोड़ोमेरिया, पल्मेटा, नास्टोक, अम्बल्कस
व्यवसाय में उपयोगी शैवाल
- एलिजन का निर्माण किया जाता है. जो वाल्केनाइजेशन, टाइपराइटर के रोलर और अज्वलनशील फिल्मों के निर्माण में उपयोगी है.
- सारगासम नामक शैवाल कृत्रिम ऊन उत्पादन में किया जाता है.
- श्रंगार प्रसाधनों, शैंपू, जूतों, की पालिश में भी शैवाल का उपयोग होता है.
- अगर नामक पदार्थ लाल शैवाल से निर्मित होता है.
- लेमीनेरिया, फ्युकस शैवाल का प्रयोग आयोडीन, ब्रोमीन, अम्ल और एसीटोन में किया जाता है.
खेती में उपयोगी शैवाल
- नास्टोक से क्लोरिन नामक शैवाल नाइट्रोजन स्थिरीकरण में उपयोगी है.
- नील हरित शैवाल का उपयोग ऊसर भूमि को उपजाऊ बनाने में किया जाता है.
दवाइयों में उपयोगी शैवाल
- ग्लोरेला से क्लोरिन नामक प्रतिजैविक तथा लेमिनरिया में आयोडीन टिंचर बनाई जाती है.
- कारा तथा नाइट्रेला शैवाल मलेरिया उन्मूलन में सहायक है.
अनुसंधान कार्य में उपयोगी शैवाल
- क्लोरेला प्रकाश संश्लेषण की खोज में यह बहुत उपयोगी शैवाल है. क्लोरेला शैवाल को अंतरिक्ष यान के केबिन में हौज में उगाकर अंतरिक्ष यात्री प्रोटीन युक्त खाना, जल और ऑक्सीजन प्राप्त कर सकता है.
- एसिटाबुलेरिया केंद्रक की खोज में उपयोगी.
- वैलोनिया-जीव द्रव्य की खोज में उपयोगी.
हानिकारक शैवाल
- Microcystis, chirococcus, Oscilleria और सिफेल्युरोम आदि हानिकारक शैवाल है.
- सबसे छोटा एक कोशिकीय शैवाल एसीटोबुलेरिया है.
- माइक्रोसिस्टीस सबसे बड़ा शैवाल है.
- बर्फ पर पाया जाने वाले शैवाल को क्रिप्टोफाइटस कहा जाता है.
- पहाड़ों पर पाए जाने वाले शैवाल को लीथोफाइटस कहा जाता है.
- सबसे छोटा क्रोमोसोम शैवाल का होता है. क्रोमोसोम का मतलब होता है गुणसूत्र.
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