- जांजगीर – अपूर्ण विष्णु मंदिर।
- धमधा (दुर्ग) – प्राचीन किला मंदिर।
- खैरागढ़ (राजनंदगांव)- एशिया का एकमात्र कला व संगीत विश्वविद्यालय।
- खूंटाघाट (बिलासपुर)- खारंग नदी पर बना बांध, पिकनिक स्पॉट।
- रुद्री (धमतरी) बांध- कुद्रेश्वर महादेव यज्ञ मंदिर, कबीर पंथियों का धार्मिक स्थल, महानदी के तट पर स्थित रुद्री का निर्माण कांकेर नरेश रुद्रदेव ने करवाया था।
- तांदुला (दुर्ग) – तांदुला नदी पर बना बांध
- नागपुरा (दुर्ग) – श्री उवसमहार पार्श्वतीर्थ, प्राचीन जैन मंदिर।
- देव बालौद – सती चबूतरे व प्राचीन किला मंदिर।
- खरखरा (दुर्ग) – 1128 मीटर लंबा मिट्टी का बना बांध ।
- देव बालौदा – प्राचीन शिव मंदिर
- सिंघोड़ा (सरायपाली, महासमुंद्र) – सिंघोड़ा देवी का प्रसिद्ध मंदिर
- तुरतुरिया (महासमुंद) – बहरिया ग्राम के पास वाल्मीकि आश्रम, काली मंदिर।
- पलारी (बालौदा बाजार)- ईंट से निर्मित सिद्धेश्वर मंदिर।
- गिरौधपुरी (रायपुर) – संत घासीदास की जन्मस्थली।
- दामाखेड़ा (सिमगा) – कबीरपंथियों की पीठ
- सिहावा (धमतरी) – श्रृंगी ऋति पर्वत से महानदी का उद्गम, कर्णेश्वर महादेव, मातागुड़ी, मोखला मांझी, भिम्बा महाराज।
- चंदखुरी (रायपुर) – प्राचीन शिव मंदिर।
- रविशंकर जलाशय (धमतरी) – महानदी पर सिंचाई हेतु बहुउद्देशीय बांध
- केशकाल घाटी (जगदलपुर बस्तर) – 5 किमी लंबी सर्पाकार घाटी, राष्ट्रीय स्मारक गढ़पनोरा, कोपेन कोन्हाड़ी में चौथी शताब्दी की प्राचीन गणेश मूर्ति।
- ऋषभ तीर्थ गूंजी व शक्ति (बिलासपुर) – तंमऊदहरा झरना, पंचवटी, गिद्ध पर्वत ।
- रायपुर- राज्य की राजधानी, महामाया मंदिर, बूढ़ेश्वर महादेव, महंत, गुरु घासीदास संग्रहालय, दूधाधारी मठ, बंजारीमाता, बंजारीधाम, साईं मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, सरोना मंदिर, बंजारी वाले बाबा का मजार, सेंट जोसेफ चर्च, नंदन वन, गुरुद्वारा श्री गुरुसिंग सभा।
- पाली (बिलासपुर) – 9वीं शताब्दी का शिव मंदिर।
- लाफ़ागढ़ (बिलासपुर) – मेकाल पर्वत की ऊंची चोटी पर किला व जटाशंकरी नदी का उद्गम स्थल, कलचुरीयों की प्रथम राजधानी।
- धनपुर (बिलासपुर) – जैन तीर्थकार की मूर्ति व प्राचीन मंदिर।
- कोरबा – भारत का सबसे बड़ा ताप विद्युतगृह, एलुमिनियम कारखाना।
- चांग बखार (सरगुजा) – कलचुरी व चौहानकालीन मठों व मंदिरों के पूरावशेष।
जलप्रपात
नाम | नदी | स्थान |
चित्रकूट | इंद्रावती | जगदलपुर (बस्तर) |
तीरथगढ़ | मुनगाबहरा | बारसूर, जगदलपुर |
महादेव धुमर | इंद्रावती | जगदलपुर |
कांगेरधारा | कांगेर | अंतागढ़ (बस्तर) |
मलाजकुंडम | दूध नदी | कांकेर |
गुप्तेश्वर | शबरी नदी | माचकोट (बस्तर) |
खुसेल झरना | शबरी नदी | नारायणपुर (बस्तर) |
मल्हेर इंदुल | सल्गेर नदी | कोंटा (बस्तर) |
पूल पाड़ इंदुल | पर्वतीय प्रपात | दंतेवाड़ा |
बोग्तुम | पर्वतीय प्रपात | भोपालपटनम लक्कापल्ली (बस्तर) |
मिल्कुलवाड़ा | इंद्रावती | अबूझमार (बस्तर) |
राजपुरी प्रपात | प्रवाही वाले | बगीचा (जशपुर) |
दमेरा प्रपात | श्रीनाल | जशपुर |
मेहंदी घूमर | महनार | जगदलपुर |
तामड़ा घूमर | पर्वतीय प्रपात | चित्रकूट (जगदलपुर) |
केन्दाई प्रपात | – | कटघोरा |
चित्रधारा | – | पिथौरागढ़ (महासमुंद) |
अमृतधारा | – | सरगुजा |
चेंदा प्रपात | – | सरगुजा |
- बैलाडीला (दंतेवाड़ा) – लौह अयस्क की प्राप्ति का प्रसिद्ध स्थान।
- बिलाई माता – धमतरी नगर में बिलाई माता।
- बिरकोनी (महासमुंद)- चंडीमाता का मंदिर
- चंडी डोंगरी (बागबाहरा) – चंडीमाता की विशाल प्रतिमा।
- फिंगेश्वर (राजिम, रायपुर) – मौली माता, पंच मंदिर, गरीबनाथ
- ब्राह्मनी (महासमुंद) – रामेश्वर महादेव की प्राचीन मंदिर व श्वेत गंगा नामक जल कुंड।
- झलझला ( बालोद) – गंगा मैया का मंदिर।
- पत्थर फोड़ मां कंकालीन (बालोद) – कंकालीन मैया का पवित्र मंदिर।
- खल्लारी (महासमुंद) – खल्लारी माता का मंदिर, नारायण मंदिर।
प्रसिद्ध गुफाएं, शैल चित्र शैलाश्रया
- कुटुमसर गुफा – जगदलपुर
- कैलाश गुफा – जगदलपुर
- लक्ष्मण गुफा – सरगुजा
- दरबार गुफा – सरगुजा
- बिल्दुर (पतालद्वार) – सरगुजा
- नलपल्ली (गुफा) – बस्तर
- कोरर (गुफा) बस्तर
- रैनखोल गुफा – गूंजी, शक्ति, बिलासपुर।
- सीता बेंगा (गुफा) – रामगढ़ की पहाड़ी, सरगुजा (तीसरी शताब्दी ई. पूर्व की प्राचीन नाट्यशाला)
- जोगीमरा (गुफा) – रामगढ़ की पहाड़ी, सरगुजा (तीसरी शताब्दी ई. सदी की प्राचीन नाट्यशाला।
- लेखाभाडा (शैलचित्र) – रायगढ़
- करमागढ (शैलाश्रय) – रायगढ़
- बेनीपाट (शैलचित्र)- रायगढ़
- काबरा (शैलचित्र) – रायगढ़
- ओगना (शैलचित्र)- रायगढ़
- सिंघनपुर (शैलचित्र) – रायगढ़
- चितवा डोंगरी (शैलचित्र) – रायगढ़
प्राचीन गुफाएं
कबरा गुफाएं – रायगढ़ से 21 किमी दूर सिंघनपुर गांव के समीप मांद नदी के पास छोटी-छोटी पहाड़ियां है। इनमें 11 छोटी-बड़ी गुफाएं है। जिनमें अधिकांश गुफाएं में गेरुए और पीले रंग की कई आकृतियां है। इनमें कुछ चित्र अंकित है। ऐसा कहा जाता है कि ये गुफाएं पांचवी शताब्दी की है।
जोगीमारा की गुफाएं – सरगुजा में रायगढ़ के समीप पहाड़ियों में कई गुफाएं हैं, इन गुफाओं के चित्र गेरुए रंग से बने हैं। कहीं-कहीं कपड़ों तथा बालों में काले रंग का भी प्रयोग किया जाता है। एक स्थान पर एक वृक्ष के नीचे एक पुरुष बेठा दिखाई दे रहा है। दूसरी ओर नृत्यांगनाएं नृत्य कर रही है। यहां हाथी-घोड़े आदि के भी चित्र है ये गुफाएं तीसरी शताब्दी की है।
चित्रकूट जलप्रपात – जगदलपुर से 39 किलोमीटर दूर यह जलप्रपात है। यहां इंद्रावती नदी 32 मीटर की ऊंचाई से गिरती है। इससे कुछ आगे 36 मीटर ऊंचा तीरथगढ़ जल-प्रपात है।
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