आज इस आर्टिकल में हम आपको विद्युत तथा चुम्बकत्व के बारे में पूरी जानकारी देंगे. यहाँ पर जितने भी आर्टिकल आपको दिए जाते है वो सभी आपके एग्जाम से related होते है.
पदार्थों को परस्पर रगड़ने पर या घर्षण से उस पर जो आवेश की मात्रा संचित होती है उसे स्थिर विद्युत कहते है, इसमें आवेश भी स्थिर रहता है.
पदार्थों को परस्पर रगड़ने पर उस पर जो वस्तुओं को आकर्षित या प्रतिकर्षित करने की क्षमता उत्पन्न होती है, उसे स्थिर विद्युत् आवेश कहते है.
बेंजामिन फ्रेंक्लिन ने दो प्रकार के आवेशों को घनात्मक और ॠणात्मक आवेश का नाम दिया था.
जिन पदार्थों से होकर आवेश सरलता से प्रवाहित होता है, उन्हें चालक कहते है. चालक में मुक्त इलेक्ट्रान होते है. उदाहरण के लिए:- चांदी, तांबा, एलुमिनियम आदि.
चांदी सबसे अच्छा चालक है इसके बाद में तांबे का स्थान है.
यह दोनों महंगे धातु होने की वजह से ज्यादातर एलुमिनियम का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे की ट्रांसफार्मर तक आने वाली हाई वोल्टेज की तार एलुमिनियम से बनी होती है.
जिन पदार्थों से आवेश नहीं गुजर सकता उनको अचालक कहा जाता है. अचालक में मुक्त इलेक्ट्रान नहीं होते है. उदहारण के लिए – लकड़ी, रबर, कागज आदि.
विद्युत आवेश के परित क्षेत्र को विधुतीय क्षेत्र कहा जाता है.
दो स्थिर विधुत आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षण तथा प्रतिकर्षण बल, दोनों आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती और उनके बीच की दुरी के व्तुत्क्रमानुपाती होता है.
किसी घनात्मक आवेश को अनन्त से विद्युत क्षेत्र के किसी बिंदु तक लाने में किय गए कार्य और आवेश के मान के अनुपात को उस बिंदु का विद्युत विभव कहा जाता है.
विद्युत विभव (Electric Potential) का SI मात्रक वोल्ट है. यह एक अदिश राशि है.
यह एक कूलाॅम घनात्मक आवेश को विद्युत क्षेत्र में एक बिंदु से दुसरे बिंदु तक ले जाने में किये गए कार्य को उन बिंदुओं के मध्य विभवान्तर कहते है.
विभवान्तर (Potential Difference) का SI मात्रक भी वोल्ट है. यह भी एक अदिश राशि है.
विद्युत सेल दो प्रकार के होते है.
किसी चालक में विद्युत के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहा जाता है. विद्युत धारा (Electric Current) का SI मात्रक एम्पियर होता है. यह एक अदिश राशि है.
विद्युत धारा को मापने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले यंत्र को अमीटर कहते है.
विद्युत धारा को मापने के लिए इस यंत्र को परिपथ के सीरीज में लगाया जाता है.
चित्र में इसको A से दर्शाया जाता है.
आदर्श अमीटर यंत्र का प्रतिरोध शून्य होता है. Ammeter का इस्तेमाल चित्र में दिखाया गया है.
वोल्टमीटर का इस्तेमाल विभवान्तर को मापने के लिए किया जाता है.
इसके परिपथ के parallel लगाया जाता है. वोल्टमीटर का प्रतिरोध अनन्त होता है.
आप इसके लिए उपर दिए गए चित्र देख सकते है.
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