हिमाचल प्रदेश में सरकार द्वारा औद्योगिक इकाइयों की सुविधा एवं प्रोत्साहन हेतु सभी सूचना प्रौद्योगिकी उद्यमों को जिनमें की सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवाएं एवं प्रशिक्षण संस्थान भी शामिल है उद्योग का दर्जा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार लोगों को अच्छी सुविधाएं मुहैया कराने एवं सूचना प्रौद्योगिकी की उन्नति के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से सरकारी उद्योग को उत्साहित करने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है। प्रदेश में सभी वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में जिनमें 50 या उससे अधिक विद्यार्थी है, सूचना प्रौद्योगिकी की शिक्षा दी जा रही है।
सूचना प्रौद्योगिकी योजना के अंतर्गत 805 वर्ष पाठशाला में लाई गई है तथा लगभग 926 कंप्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा के विषय के रूप में पढ़ाया जाता है तथा एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का अनुसरण किया जा रहा है। प्रशासन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से सरकार टेली मेडिसन परियोजना प्रबंधन सूचना (एच. एम. आई. एस.) सामुदायिक सेवा केंद्र, ई-समाधान कृषि संस्थान, सूचना तंत्र, मैनेजमेंट सिस्टम (सी. सी. एम. एस.) हिम-स्वान, आई सी ओ और एस सी प्रणालियां राज्य में प्रारंभ की गई है.
हिमाचल प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी से जुडी जानकारी
- हिमाचल प्रदेश में हिमाचल परियोजना के अंतर्गत सचिवालय में 600 नोडों के प्रावधानयुक्त एक लोकल एरिया नेटवर्क स्थापित किया गया है जिसमें 3 कर्मचारियों को कम से कम एक पी.सी.एम. मुहैया कराने का इरादा है। इस उद्देश्य से नेटवर्किंग उपकरणों सहित 256 पी.एस.एम. स्थापित किए गए हैं।
- उपरोक्त प्रथम चरण पूर्ण होने में लगभग 1.55 करोड रुपए की धनराशि व्यय हुई है। नेटवर्क ने सफलतापूर्वक काम करना शुरू कर दिया है नेटवर्क को इंटरनेट से भी जोड़ा गया है। इस नेटवर्क से काफी शक्ति एवं स्रोत की बचत होगी। प्रदेश सरकार ने निश्चय किया है कि सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवाओं और शैक्षणिक संस्थानों समेत सभी सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाओं को उद्योग का दर्जा दिया जाएगा।
- राज्य में सभी आई.डी. इकाइयों को सन 2007 तक आयकर से छूट मिली थी।
- वर्तमान समय में औद्योगिक नीति के अंतर्गत उद्योगों को उपलब्धि से प्रवचन सुविधाएं राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी की इकाइयां को भी दी जा रही है।
- शिमला में 6 करोड रुपए के निवास से सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क स्थापित किया गया है। इस पार्क के ₹3.50 करोड के निवेश से इंटरनेशनल कॉल सेंटर स्थापित किया गया है।
- सोलन जिले के वाकनाघाट में 100 करोड रुपए की लागत से बडकली विश्वविद्यालय केलिफोर्निया से शैक्षणिक तालमेल कर सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। राज्य के कांगड़ा जिले के संसारपुर टेरेस में 22 करोड रुपए की लागत से ग्रोथ सेंटर बनाया गया है।
- हिमाचल सरकार ने राज्य को सूचना प्रौद्योगिकी के शिखर पर ले जाने के लिए नैसकॉम के सहयोग से सूचना प्रौद्योगिकी विजन 2010 तैयार किया गया है।
- सूचना विभाग हिमस्वान द्वितीय की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में लगा हुआ है। जिसमें प्रश्नों तथा प्रतिवेदनाओं कि शीघ्र उपलब्धता के लिए हिमाचल प्रदेश सचिवालय, विभागों, जिला, उपमंडल एवं तहसीलों को एक दूसरे के साथ जोड़ा गया है।
- सचिवालय के लोकल एरिया नेटवर्क को दूसरे चरण में विस्तार किया जाएगा एवं वाइड एरिया नेटवर्क से समस्त प्रदेश में उपलब्ध होगा।
- भारत सरकार खंड स्तर पर एक टर्मिनल के लिए उपकरण हेतु वित्तीय सहायता उपलब्ध करा रही है।
- प्रदेश सरकार एक निर्णय के अनुसार टेलिकॉम संरचना प्रदायकों को 2 एम.बी.पी.एस., 16 एम.बी.वी.पी.एस. रेंज की बैंड विड निशुल्क प्रदान करनी होगी।
- संदर्भित पत्रों की नवीनतम स्थिति जानने के लिए हिमाचल प्रदेश सचिवालय में संदर्भ अनुश्रवण प्रणाली कार्यान्वित की जा रही है। मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव के कार्यालय के लिए परीक्षा के मॉडल विकसित किए गए हैं। इस प्रणाली के सफल कार्यक्रम के लिए सचिवों एक लिपिक वर्गीय कर्मचारियों सहित 600 अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है।
- बार-बार टंकण एवं दस्तावेजों की समस्या के निराकरण के लिए संदर्भ अनुश्रवण प्रणाली काफी लाभदायक सिद्ध हो रही है। इस सॉफ्टवेयर द्वारा बचे समय का कर्मचारी विचार दिन क्षेत्रों की अधिक जांच में उपयोग कर सकते हैं।
- रैफनिक ई-मेल द्वारा संचालित सम्मान पत्र भेजने का प्रावधान भी है क्योंकि डाक द्वारा पत्र वितरण में समय लगता है।
- रेफनिक प्रणाली को विस्तृत एवं दोष मुक्त बनाने के लिए प्रयोगकर्ताओं द्वारा दिए गए सुझाव विकास दल द्वारा सॉफ्टवेयर में शामिल किए जाएंगे।
- सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा हिमाचल प्रदेश सचिवालय के स्वागत कक्ष में एक सूचना कियोस्क स्थापित किया गया है। यह सूचना कियोस्क आम जनता को कार्यालय समय के दौरान उपलब्ध रहेगा। इससे जनता को राज्य सरकार की वेबसाइट पर नागरिकों से संबंधित विभिन्न सेवाओं ऑनलाइन पर उपलब्ध होगी।
- प्रदेश में एकीकृत सामुदायिक सेवा केंद्र प्रथम चरण में शिमला, मंडी एवं कांगड़ा जिले में शुरू किए जाएंगे। इस प्रावधान एन.आई.एस.जी. हैदराबाद को भेजा गया है।
- एन.आई.एस.जी. (यू.एन.डी.पी.) सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के प्रस्तावित परियोजना को आई.सी.टी.डी. परियोजना के अंतर्गत निधि प्रदान करने के लिए चुन लिया है। इस स्वीकृत सामुदायिक सेवा केंद्र (आई.सी.ओ.एम.सी.) प्रयोजना की स्वीकृति राशि 1.5 करोड रुपए है एवं शेष धनराशि राज्य सरकार खुद खर्च करेगी।
- यह परियोजना अधिकारी सामुदायिक सेवा केंद्र (आई.सी.ओ.एस.सी.) विकसित करने हेतु है, जिसका उद्देश्य राज्य की जनता के लिए एक स्टॉप शाप योजना स्रोत एवं केंद्र साबित करना है।
- सूचना प्रौद्योगिकी पार्क वाकनघाट में कोर संरचना (प्रथम चरण) सोलन जिले में वाचन घाट में स्थापित किया जाएगा। 126 एकड़ क्षेत्र को वाकणाघाट में इस पार्क के निर्माण के लिए निर्धारित किया गया है। इस पार्क के वन जाने से रोजगार के अवसर सृजित होंगे एवं सूचना प्रौद्योगिकी शिक्षा में नवयुवकों को प्राप्त हो सकेगी।
- सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में टेलीमेडिसिन प्रयोजना भी शीघ्र ही शुरू होने जा रही है। जिस राज्य में कुल्लू, किनौर एवं सिरमोर जिलों में कार्यान्वित किया जाएगा। इस परियोजना से राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं में मामूली सुधार आएगा एवं विशेषज्ञ सुविधाओं जनसाधारण की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही उपलब्ध कराई जाएगी।
- सरकार ने इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला को पीजीआई चंडीगढ़ से भी जोड़ने का निर्णय लिया है।
- हिमाचल प्रदेश में भू-अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण की प्रणाली राज्य के सभी जिलों में कार्यान्वित की गई है।
- राज्य की 37 तहसीलों को कंप्यूटर सिस्टम खरीदकर उपलब्ध करा दिए जाएंगे। डाटा एंट्री का कार्य खुली निविदाओं के कार्यान्वयन के उपरांत किया गया है।
- डाटा एंट्री का कार्य राज्य के 3 मंडलों- शिमला, कांगड़ा एवं मंडी में सुचारू रूप से चल रहा है।
- सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के माध्यम में रखते हुए हिम स्वा (हिमाचल प्रदेश स्टैंड वाइड एरिया नेटवर्क) प्रयोजना का प्रथम चरण पूर्ण हो गया है। इस प्रयोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत सचिवालय में स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क पहले ही स्थापित किया जा चुका है।
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