अपने जैसी संतति/संतान को जन्म देने की प्रक्रिया जनन कहलाती है।
नहीं, जीव बिल्कुल अपने जैसी प्रतिकृति उत्पन्न नहीं करते हैं।
डी ऑक्सीराइबोज न्यूक्लिक अम्ल(DNA)
डी एन ए प्रतिकृति
विभिन्नताएं विकास का आधार है।
DNA (जीन) प्रतिकृति के समय हुए परिवर्तन जीनी उत्परिवर्तन कहलाते हैं। उत्परिवर्तन ही विभिन्नताओं के आधार हैं।
अनुवांशिक पदार्थ में हुए अचानक परिवर्तनों को उत्परिवर्तन कहते हैं।
लैगिक जनन, अलैंगिक जनन।
जनन की वह प्रक्रिया जिसमें युग्मकों का बनना व उनका संयोग करना नहीं होता, अलैंगिक जनन कहलाता है।
अलैंगिक जनन।
मुकुलन
द्विखंडन द्वारा
हाइड्रा, प्लेनेरिया
प्लाज्मोडियम, यह एक एककोशिकीय जीव है।
लेस्मानिया कालाजार का रोगाणु है।
प्लेनेरिया, केचुआ।
हाइड्रा
मुकुलन वह प्रक्रिया है जिसमें जीव के शरीर से कोई प्रवर्ध निकलता है, जो जीव से अलग होने के पश्चात पूर्ण जीव के रूप में विकसित हो जाता है।
अलैंगिक जनन का प्रकार है जिसमें पौधे का पूरा का पूरा शरीर पौधे के किसी कायिक भाग, जैसे जड, तनाया पत्ते से विकसित होता है, कायिक प्रवर्धन कहलाता है।
आलू तथा अदरक।
शीशम
द्विगुणित संरचना जो नर तथा मादा युग्मक के सहयोग से बनती है।
नर तथा मादा युग्मक के योग की क्रिया निषेचन या फर्टिलाइजेशन कहलाती है।
अर्ध-सूत्री विभाजन प्रक्रिया द्वारा।
युग्मकों को जनन कोशिकाएं कहते हैं।
पूकेंसर व स्त्रीकेसर
पुष्प का मादा भाग जिसमें बीजांड में मादा युग्मकोदभिद होता है स्त्रीकेसर कहलाता है ।
परागकण वे गुणित कोशिकाएं होती है जो परागकोष में पराग मातृ कोशिकाओं में अर्धसूत्री विभाजन के परिणाम स्वरुप बनती है।
परिपक्व बीजांड जिसमें पूर्ण होता है, बीज कहलाता है।
परिपक्व अंडाशय को फल कहते हैं।
बीज के उगने की क्रिया जिसमें भ्रूण से छोटा पौधा बनता है, बीज अंकुरण कहलाता है।
बीज के अंदर गुण के साथ उपस्थित पत्तों जैसी संरचना बीजपत्र कहलाती है।
शिशु में दांतो का प्रथम स्तर, दूध के दांत कहलाते हैं।
नर/मादा में लैंगिक परिपक्वता के आरंभ को यौवनारंभ कहते हैं।
जब लैंगिक/जननांग पूर्ण रूप से विकसित व क्रियाशील हो जाते हैं, तो इसे लैंगिक परिपक्वता कहते हैं। इसमें द्वितीयक लैंगिक लक्षण भी प्रकट हो जाते हैं।
मानव नर में शुक्राणु वृषण में बनते हैं।
नर सेक्स हार्मोन- टेस्टोस्टेरोन, मादा सेक्स हार्मोन- एस्ट्रोजन।
शुक्राणु का निर्माण/बनाना तथा उनका परिपक्व होना।
अंड/डिंब वाहिनी नलिका में।
स्खलन के समय यह वीर्य में एक क्षारीय द्रव स्त्रावित करता है जो शुक्राणुओं को उत्तेजित करने का काम करता है। तथा उन्हें आपस में जोड़ने से रोकता है।
अंडाशय में।
अपरा एक तस्तरिनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भिती में धंसी होती है। यह विकसित हो रहे भूर्ण को मां से पोषण प्रदान कराता है।
लगभग 270 दिन (9 महीने)
केवल एक।
गर्भाशय में।
योनि के रास्ते रक्त, उत्तक तथा पानी का स्त्राव, जो गर्भाशय की भिती के फटने/गिरने के कारण होता है, रजोधर्म या तंतुस्त्राव कहलाता है।
वे रोग जो लैंगिक क्रिया के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित होते हैं, यौन संचारित रोग कहते हैं।
कंडोम एक रबड़/प्लास्टिक की नाजुक सी थैली होती है जिसे नर या मादा यौन क्रिया के समय लैंगिक अंगों पर सुरक्षा के रूप में पहन सकते हैं।
हार्मोन की गोलियां जिन्हें गर्भ ठहरने से रोकने के लिए उपयोग में लाया जाता है, गर्भनिरोधक गोलियां कहलाती है।
कॉपर-टी T की आकृति का तांबे का एक छल्ला होता है जो Cu++ आयरन के स्रोत के रूप में कार्य करता है।
उपार्जित रोधक्षमता हीनता जन्य
अंतरा गर्भाशय गर्भनिरोधक यंत्र
क्योंकि माता भ्रूण नाशकों के उपयोग से मादा भ्रूण की हत्या गर्भ में ही कर दी जाती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन
एडस, हिपेटाइटिस।
अंडाशय से अंड के उत्सर्जित होने की क्रिया को अंडोत्सर्ग कहते हैं।
बीजांड परिपक्व हो कर बीज बनाते हैं।
वायु, कीट।
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