मनुष्य में केंद्रीय तंत्रिका की रचना तथा कार्य

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

मनुष्य में केंद्रीय तंत्रिका की रचना तथा कार्य, तंत्रिका तंत्र भागों और कार्यों, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, मानव तंत्रिका तंत्र, मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र, तंत्रिका तंत्र की संरचना, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र के कार्य, तंत्रिका कोशिका के कार्य, तंत्रिका तंत्र के प्रकार

More Important Article

मनुष्य में केंद्रीय तंत्रिका की रचना तथा कार्य

केंद्रीय तंत्रिका तंत्र(CNS) – मनुष्य में CNS अति विकसित है, इसके दो भाग है-

मस्तिष्क, मेरूरज्जू।

मस्तिष्क

यह पूरे शरीर का समन्वय केंद्र है। मस्तिष्क कपाल में सुरक्षित रहता है। यह तीन झीलोंयों से ढका हुआ होता है। इन झिलियों के बीच के रिक्त स्थान में प्रमस्तिष्क द्रव्य भरा हुआ होता है। जो मस्तिष्क यांत्रिका आघात से बचाता है। मस्तिष्क के तीन भाग होते हैं- अग्रमस्तिष्क,  मध्यमस्तिष्क, पश्चमस्तिष्क।

अग्रमस्तिष्क

अग्रमस्तिष्क में प्रमस्तिष्क तथा घ्राण पिंड होते हैं। प्रमस्तिष्क एक बहुत ही जटिल तथा विशिष्ट भाग होते हैं। यह दो अर्ध गोलाकार भागों से मिलकर बनता है। प्रमस्तिष्क बुद्धिमता, संवेदना तथा समरण शक्ति का केंद्र है। संवेदी अंग जैसे आंखें, कान, त्वचा, जिव्हा आदि इससे प्रत्यक्ष रूप से जुड़े होते हैं। ऐच्छिक गतिविधियों का केंद्र होने के कारण नफरत, ईर्ष्या/द्वेष, प्यार और सहानुभूति का केंद्र है। चीजों को याद रखना, सूचित करना मस्तिष्क के इसी भाग का कार्य है। प्रमस्तिष्क चार भागों में विभक्त होता है।

प्रमस्तिष्क के कार्य

  1. यह सोचने विचारने की शक्ति, भावनाओं, सीखने तथा बुद्धिमता का केंद्र है।
  2. यह देखना, सुनना, सुघना, दर्द, गर्म\ठंडा, स्पर्श की संवेदना का केंद्र है।
  3. यह ऐच्छिक पेशियों के कार्य से समन्वित करता है।

घ्राणपिण्ड

यह मनुष्य में अधिक विकसित नहीं है। यह सूंघने की संवेदना से संबंधित है।

प्रमस्तिष्क का मुख्य भाग डायनसेफेलोन है। यह दर्द, जलन, गर्म\ठंडा,  प्यास\भूख और ताप आदि की संवेदना को नियंत्रित करता है। यह पाचन क्रिया में वसा तथा स्टार्च उपापचय को नियंत्रित करता है।

मध्य मस्तिष्क

इसके 2 भाग होते हैं-

कोरपोरा कवाडरीजेमीना

यह मध्यमस्तिष्क की ऊपरी सतह से दो गोल उभार होते हैं। यह आंख की पलकें, आयरिस के प्रतिवर्त को नियंत्रित करता है तथा कान से संवेदना की सूचना प्रमस्तिष्क को देता है।

प्रमस्तिष्क स्तंभ

ये तंत्रिकाओं के दो बंडल होते हैं जो मध्य मस्तिष्क की निचली सतह पर पड़े होते हैं। यह अग्रमस्तिष्क को पश्चमस्तिष्क से जोड़ते हैं।

प्श्चमस्तिष्क

इसके 3 भाग होते हैं- अनुमस्तिष्क, पोन्स तथा मेडुला ऑब्लांगेटा।

अनुमस्तिष्क

यह शरीर का संतुलन तथा ठीक स्थिति बनाए रखता है।

मेडुला ऑब्लांगेटा

यह निगलना, खांसना, छींकना, उल्टी करना आदि को नियंत्रित करता है।

पोन्स

यह श्वसन के नियंत्रण में भाग लेता है।

मेरुरज्जु

यह एक दंडकार सरंचना है। यह मेडुला ऑब्लांगेटा से आरंभ होकर नीचे की ओर जाती है। यह रीढ़ की हड्डी के अंदर से होकर गुजरती है। यह भी झिलियों से घिरी होती है। कुल मिलाकर 31 जोड़ें मेरुतंत्रिका इससे निकलती है। मेरुरज्जु प्रतिवर्ती क्रियाओं को नियंत्रित करती है तथा मस्तिष्क व शरीर के अन्य भागों को सूचनाएं रिले करती है।

Leave a Comment