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धातुओं के बारे में जानकारी

आज इस आर्टिकल में हम आपको धातुओं के बारे में जानकारी के बारे में बताने जा रहे है.

  • सामान्यत: धातुएं विद्युत की सुचालक है तथा अम्ल से क्रिया करके हाइड्रोजन गैस प्रभावित करती है. धातुए सामान्यतः चमकदार, अघातवर्ध्य एवं तन्य होती है. पारा एक ऐसी धातु है जो द्रव अवस्था में रहती है.
  • पृथ्वी धातुओं की सबसे बड़ी स्रोत है तथा धातु पृथ्वी की भूपर्पटी में मुक्त अवस्था या यौगिक के रुप में पाई जाती है. भूपर्पटी में मिलने वाली धातु रूप में एलुमिनियम, लोहा, कैल्शियम का क्रम प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान है.

धातुओं के बारे में जानकारी

खनिज

भूपर्पटी प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्व या यौगिक को खनिज कहते हैं.

अयस्क

खनिज जिससे धातुओं को आसानी से तथा कम खर्च में प्राप्त किया जा सकता है उन्हें अयस्क कहते हैं. इसीलिए सभी अयस्क खनिज होते हैं लेकिन सभी खनिज अयस्क नहीं होते हैं, अतः सभी खनिजों का उपयोग धातु प्राप्त करने के लिए नहीं किया जा सकता.

गैंग

अयस्क में मिले अशुद्ध पदार्थ को गैंग कहते हैं.

फलक्स

अयस्क में मिले अशुद्ध पदार्थ को हटाने के लिए बाहर से मिलाए गए पदार्थ को फलक्स कहते हैं.

अमलगम

पारा अमलगम का आवश्यक अवयव है. पारा के मिश्र धातु अमलगम कहलाते हैं. निम्न धातुएं अमलगम नहीं बनाते हैं- लोहा, प्लैटिनिम, कोबाल्ट, निकेल और टंगस्टन इत्यादि

एनिलिंग

इस्पात को उच्च ताप पर गर्म कर धीरे धीरे ठंडा करने पर उस की कठोरता कम हो जाती है इस प्रक्रिया को एनिलिंग कहते हैं.

  • लोहे में जंग लगने के लिए ऑक्सीजन बनाने की आवश्यकता होती है. जंग लगने से लोहे का भार बढ़ जाता है. जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन का उदाहरण है. लोहे में जंग लगने में बना पदार्थ फेरसोफेरिक ऑक्साइड होता है.
  • यशदलेपन, तेल लगाकर, पेंट करके, एनोडिकरण या मिश्र धातु बनाकर लोहे को जंग से बचाया जा सकता है.

यशदलेपन

लोहे और इस्पात को जंग से सुरक्षित रखने के लिए उन पर जस्ते की पतली परत चढ़ाने की विधि को यशदलेपन कहते हैं.

इस्पात

लोहा एवं 0.5 प्रतिशत से 1.5 प्रतिशत कार्बन की मिश्र धातु इस्पात कहलाती है.

स्टेनलेस इस्पात

यह लोहे में कार्बन के साथ क्रोमियम तथा निकेल की मिश्र धातु होती है. यह जंग प्रतिरोधी अथवा धब्बा रहित होता है तथा इसका उपयोग शल्य उपकरण तथा बर्तन बनाने के लिए किया जाता है.

कोबाल्ट इस्पात

इसमें कोबाल्ट की उपस्थिति के कारण विशिष्ट चुंबकत्व का गुण जाता है. इसका उपयोग स्थाई चुंबक बनाने के लिए किया जाता है.

मेगनीज इस्पात

मेगनीज युक्त इस्पात दृढ़, अत्यंत कठोर एवं टूट-फूट रोधी होता है. इसका उपयोग अभेद तिजोरी और हेलमेट इत्यादि बनाने के लिए किया जाता है.

धातुओं से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य

  • धात्विक ऑक्साइड कार्य होते हैं जबकि अधात्विक ऑक्साइड अम्लीय होते हैं.
  • धात्विक ऑक्साइड जल में घुलकर किया करते हैं और अम्ल बनाते हैं.
  • धात्विक ऑक्साइड जल में खुलकर किया करते हैं और क्षार बनाते हैं.
  • सोडियम एक ऐसी धातु है जो जल पर तैरता है.
  • एल्मुनियम को भविष्य की धातु कहा जाता है.
  • रक्त प्रवाह को रोकने के लिए फेरिक क्लोराइड का प्रयोग किया जाता है.
  • कॉपर को खुली हवा में छोड़ने पर उस पर हरे कार्बोनेट की परत बन जाती है.
  • चार्जेबल बैटरी में इलेक्ट्रोडो का काम निकिल व कैडमियम का जोड़ा करता है.
  • ऑक्सीजन व एसिटिलीन गैस के मिश्रण का प्रयोग वेल्डिंग करने के लिए किया जाता है.
  • मोजानाइट रेडियो ऐक्टिव खनिज है.
  • ताप बढ़ाने पर ठोस पदार्थों की विलेयता बढ़ती है.
  • कमरे के ताप पर पारा धातु द्रव अवस्था में होती है.
  • टंगस्टन का गलनांक उच्च होता है जो लगभग 3500 डिग्री सेल्सियस होता है.
  • बिजली के बल्ब में टंगस्टन तंतु के उपचयन को रोकने के लिए हवा निकाल दी जाती है.
  • कोबाल्ट के समस्थानिक का उपयोग कैंसर रोग के इलाज के लिए किया जाता है.
  • पनडुब्बी जहाज तथा अस्पताल आदि की बंद हवा को शुद्ध करने के लिए सोडियम पेरोक्साइड का उपयोग किया जाता है.
  • गैलियम धातु कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में पाया जाता है.
  • पर्ल एश पोटेशियम कार्बोनेट को कहते हैं.
  • विद्युत हीटर की कुंडली नाइक्रोम की बनी होती है. नाइक्रोम बहुत कठोर तथा बहुत तन्य है. नाइक्रोम निकेल, क्रोमियम और आयरन का मिश्रधातु है.
  • सोने में सर्वाधिक तन्यता होती है.
  • ब्रिटेनिया धातु एंटीमनी, तांबा व टिन की मिश्रधातु है.
  • टाइटेनियम इस्पात के बराबर मजबूत लेकिन भार में उससे आधा होता है. इसका उपयोग रक्षा उत्पादन में होता है इसलिए इसको रणनीतिक धातु कहते हैं. इसका उपयोग वायुयान का फ्रेम तथा इंजन बनाने में नाभिकीय  रिएक्टरों में होता है.
  • शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है. आभूषण बनाने के लिए 22 कैरेट सोने का उपयोग होता है. सोने को कठोर बनाने के लिए उसमें तांबा या चांदी मिलाया जाता है. आयरन पाइराइट को झूठा सोना और बेवकूफों का सोना कहते हैं.
  • ट्यूबलाइट में सामान्यत पारा का वाष्प और आर्गन गैस भरी रहती है.
  • कार्बन सीसा का उपयोग कृत्रिम अंगों के निर्माण में होता है तथा लेड आर्सेनिक नामक मिश्रधातु का उपयोग गोली बनाने में होता है.
  • अफ्रीका के बांटू आदिवासियों में लौहमयता रोग पाया जाता है ऐसा उनमें लोहे का बर्तन में बीयर सेवन करने के कारण होता है. शरीर में लोहे की कमी से एनीमिया तथा अधिकता से लौहमयता रोग हो जाता है.
  • जिंक क्लोराइड के लेपन द्वारा लकड़ी की वस्तुओं को कीड़ों से बताया जाता है.
  • सिल्वर आयोडइड का उपयोग कृत्रिम वर्षा कराने के लिए होता है.
  • सिल्वर नाइट्रेट का प्रयोग निशान लगाने वाली स्याही बनाने में किया जाता है. मतदान के समय मतदाताओं के उंगलियों पर इसी का निशान लगाया जाता है. सूर्य के प्रकाश में अपघटित हो जाने के कारण इसे रंगीन बोतलों में रखा जाता है.
  • सबसे अधिक घनत्व तथा सबसे भारी धात्विक तत्व ऑस्मियम है.
  • लिथियम सबसे कम घनत्व, सबसे हल्का एवं सबसे प्रबल अपचायक तत्व है.
  • प्लेटिनम सबसे कठोर धातु है इसे सफेद होना भी कहा जाता है.
  • बेरियम सल्फेट का उपयोग बेरियम मील के रूप में उधर के x-ray में होता है.
  • आतिशबाजी के दौरान लाल चटक रंग स्ट्रान्शियम तथा हरा रंग बेरियम की उपस्थिति के कारण उत्पन्न होता है.
  • चांदी, तांबा व एलुमिनियम विद्युत धारा का सर्वोत्तम चालक है.
  • पोटेशियम की उपस्थिति के कारण लहसुन और प्याज में गंध आती है.
  • चांदी अंडे में उपस्थित गंधक से प्रतिक्रिया कर के काले रंग का सिल्वर सल्फाइड बनाती है, यह चम्मच नष्ट हो जाती है. इसीलिए चांदी की चम्मच से अंडा खाना वर्जित रहता है.
  • विद्युत उपकरणों में प्रयुक्त होने वाले फ्यूज तार लेड और टिन से बना मिश्रधातु होता है. इस मिश्र धातु का गलनांक लेड और टिन से कम होता है.
  • यूरेनियम धातु का निष्कर्षण मुख्यत उसके अयस्क पिंचब्लेड से किया जाता है. यूरेनियम को आशा धातु कहा जाता है. भारत में यूरेनियम का सर्वाधिक उत्पादन झारखंड में होता है यूरेनियम का समस्थानिक 92U238 रेडियो सक्रियता प्रदर्शित नहीं करता है.
  • रेडियम का निष्कर्षण पिच ब्लेड से किया जाता है.
  • कैडमियम, बोरान तथा जिरकोनियम का उपयोग न्यूट्रॉन को अवशोषित करने के गुणों के कारण नाभिकीय रिएक्टर में न्यूट्रॉन मंदक के रूप में किया जाता है.
  • कैडमियम का उपयोग संग्राहक बैटरी में तथा निम्न गलनांक की मिश्रधातु बनाने में होता है.

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