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गति के बारे में पूरी जानकारी

आज इस आर्टिकल में हम आपको गति के बारे में पूरी जानकारी दे रहे है. गति सदा सापेक्ष होती है. एक वस्तु दूसरी वस्तु को स्थिर दिखाई दे सकती है लेकिन वहीँ किसी तीसरी वस्तु को गति की अवस्था में दिखाई दे सकती है.

गति के बारे में पूरी जानकारी

गति के प्रकार

गति तीन प्रकार की होती है.

स्थानान्तरिय गति

जब कोई वस्तु किसी सीधी रेखा में गति करती है तो उसे स्थानान्तरिय गति कहते हैं.

घूर्णन गति

जब कोई किसी पिंड के परित: घूमता है तो उसे घूर्णन गति कहते हैं.

कम्पनीय गति

जब कोई पिंड या वस्तु किसी निश्चित बिंदु के इधर उधर गति करती है तो उसे कम्पनीय गति कहते हैं.

अदिश राशियां

ऐसे भौतिक राशियां जिनमें केवल परिमाण होता है दिशा नहीं उसे अदिश राशि कहा जाता है: जैसे द्रव्यमान, चाल, आयतन, कार्य, समय, ऊर्जा, कोण, आवेश, घनत्व, विद्युत् धारा, दुरी और ताप इत्यादि.
नोट:- विद्युत धारा, ताप, दाब सभी में दिशा है फिर भी यह सभी अदिश राशि में आती है.

सदिश राशियां

एसी भौतिक राशियां जिनमें परिमाण के साथ-साथ दिशा भी रहती है और जो योग के निश्चित नियमों के अनुसार जोड़ी जाती है उन्हें सदिश राशि कहते हैं: जैसे विस्थापन, बल, त्वरण, भार, विद्युत् क्षेत्र, बल आघूर्ण, दाब, विद्युत् धारा, ताप, चुम्बकीय क्षेत्र त्रिवता, विद्युत् तीव्रता, घनत्व इत्यादी.

विस्थापन

किसी वस्तु की प्रारंभिक और अंतिम स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी को उसका विस्थापन कहते हैं. यह सदिश राशि है क्योंकि चली गई दूरी में परिमाण होता है जबकि विस्थापन के परिमाण के साथ साथ दिशा भी होती है. विस्थापन घनात्मक, ऋणात्मक और शून्य भी हो सकता है.

  • स्वतंत्र रूप से गिरती हुई वस्तु की गति, असमान गति का उदाहरण है

चाल

किसी वस्तु द्वारा प्रति सेकंड तय की गई दूरी को चाल कहते हैं.

चाल= दुरी/समय

  • समय के किसी भी क्षण, किसी चलती गाड़ी की चाल का स्पीडोमीटर नामक उपकरण से नापते हैं. वस्तु की चाल सदैव घनात्मक होती है.
  • किसी वस्तु का वेग घनात्मक ऋणात्मक दोनों हो सकता है. यह एक अदिश राशि है. इसका मात्रक मीटर/सेकंड है.

औसत चाल

चली गई कुल दूरी को उसे तय करने में लगे हुए कुल समय द्वारा भाग देने से प्राप्त भागफल वस्तु की औसत दूरी होती है.

औसत चाल= चली गयी कुल दुरी/लिया गया कुल समय

वेग

किसी पिंड के विस्थापन की दर को या एक निश्चित दिशा में प्रति सेकंड वस्तु द्वारा तय की गई दूरी को वेग कहते हैं. यह एक सदिश राशि है. इसका मात्रक मीटर/सेकंड है.

वेग= विस्थापन/समय , v= s/t

यहाँ वेग=v, विस्थापन=s समय=t

किसी निश्चित दिशा में यदि कोई वस्तु ‘t’ समय में ‘s’ दुरी चलती है, तो उसका वेग ‘v’ होता है.

v= s/t

त्वरण

किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन की दर को उस वस्तु का त्वरण कहते हैं. यह एक सदिश राशि है.

त्वरण= वेग में परिवर्तन/परिवर्तन हेतु लिया गया समय

वेग में परिवर्तन= अंतिम वेग-प्रारम्भिक वेग

इसीलिए, त्वरण= अंतिम वेग-प्रारम्भिक वेग/लिया गया समय

मान ले, की वस्तु का प्रारम्भिक वेग u है और t समय के पश्चात अंतिम वेग v हो जाता है, तो:

a= v-u/t

जहाँ a= वस्तु का त्वरण
             v= वस्तु का अंतिम वेग
                 u= वस्तु का प्रारम्भिक वेग
                                   t= वेग में परिवर्तन हेतु लिया गया समय

त्वरण का SI मात्रक मीटर प्रति सेकंड प्रति सेकंड अथवा मीटर प्रति सेकंड वर्ग होता है. तवरण एक सदिश राशि है.

एकसमान त्वरण

वस्तु में एक समान त्वरण तब होता है जब वह सीधी रेखा में चलती है और समय के समान अंतरालों में, समान मात्रा में उसका वेग बढ़ता है . दूसरे शब्दों में, वस्तु के एकसमान त्वरण तब होता है जब उसका वेग एकसमान दर से परिवर्तित होता है.

असमान त्वरण

किसी वस्तु को असमान त्वरण तब होता है जब उसका वेग समय के समान अंतराल में असमान परिमाण से बढता है. दूसरे शब्दों में, वस्तु में असमान त्वरण तब होता है जब उसका वेग असमान दर से परिवर्तित होता है.

मंदन (ऋणात्मक त्वरण)

यदि वस्तु का वेग समय के साथ बढ़ता है तो त्वरण धनात्मक होता है और यदि वस्तु का वेग घटता है तो त्वरण ऋणात्मक होता है जिसे मंदन कहते हैं.

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