हाल ही में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 22 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2020 यानी राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार वितरित किये है. वर्ष 2019 में 22 बच्चों का चयन किया गया जिनको 22 जनवरी 2020 National Bravery Award से समानित किया गया.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार क्या है? – What is National Bravery Award?
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 16 वर्ष से कम उम्र के लगभग 25 भारतीय बच्चों को “सभी बाधाओं के खिलाफ शौर्य के मेधावी कृत्यों” के लिए प्रतिवर्ष दिए जाने वाले पुरस्कारों का एक समूह है। यह पुरस्कार भारत सरकार और भारतीय बाल कल्याण परिषद ( ICCW ) द्वारा दिया जाता है। यह पुरस्कार 1957 में स्थापित किया गया था.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार क्यों दिया जाता है?
National Bravery Award बच्चों को उनकी बहादुरी की वजह से किसी भी आपत्ति से निकलने में सहायता करने के लिए दिया जाता है. इसके लिए हर साल 25 बच्चों का चयन किया जाता है.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार किसके द्वारा प्रदान किया जाता है? – Who give National Bravery Award?
यह Award भारत सरकार और भारतीय बाल कल्याण परिषद के द्वारा हर वर्ष 26 जनवरी की पूर्व संध्या पर दिया जाता है. इस पुरस्कार में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 20,000 रूपये की नगद राशि होती है और साथ ही उन बच्चों की स्कूली पढाई का खर्चा भी सरकार द्वारा उठाया जाता है.
इस दिन यह सभी बच्चे गणतंत्र परेड में भी हाथी पर सवार होकर शामिल होते है.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार की शुरुवात कैसे हुई?
यह बहुत ही दिलचस्प कहानी है. यह बात 2 अक्टूबर,1957 की है जब पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और जगजीवन राम आदि रामलीला मैदान में रामलीला देखने आये थे. रामलीला शुरू होने के बाद अचानक उस शामियाने के ऊपर आग की लपटें फैलने लगी जिस जहाँ पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और जगजीवन राम बैठे थे.
यह सब देख हरीश मेहरा (उस समय उम्र 14 वर्ष) जो की उस दिन वॉलंटियर की ड्यूटी पर थे, ने 20 फीट ऊँचे खम्बे पर चढ़कर Scout Knife (चाक़ू) के जरिये बिजली के तार को काट कर अलग कर दिया जिसकी वजह से आग फ़ैल रही थी. बिजली की वजह से हरीश मेहरा के दोनों हाथ झुलस गए थे.
इस साहस को देख कर नेहरु काफी प्रभावित हुए और उन्होंने राष्ट्रिय स्तर पर बहादुर बच्चों को सम्मानित करने का निर्णय लिया और सबसे पहले हरीश मेहरा को National Bravery Award से सम्मानित किया गया. सबसे पहला National Bravery Award हरीश चंद्र मेहरा को प्रदान किया गया.
अब तक 871 बहादुर बच्चों को यह पुरस्कार प्रदान किया जा चूका है.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार के विजेताओं को क्या क्या प्रदान किया जाता है?
इसमें विजेताओं को एक पदक, एक प्रमाण पत्र और 20-20 हजार रूपये की नगद राशि दी जाती है. इसके अलावा विजेताओं को तब तक वित्तीय सहायता दी जाती है जब तक उनके स्कुल की पढाई पूरी नहीं हो जाती.
इसके अलावा कुछ राज्य भी वित्तीय सहायता प्रदान करते है. इंदिरा गांधी छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत ICCW उन बच्चों को भी सहायता देते है जो Engineering और Medical की पढाई करते है और अन्य बच्चों को उनकी graduation पूरी होने तक सहायता देते है.
भारत सरकार के द्वारा मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज तथा पोलीटेक्नीक में कुछ सीटें इन विजेताओं के लिए आरक्षित रखी जाती है.
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2014 – National Bravery Award 2014
वर्ष 2014 में 25 बच्चों को यह पुरस्कार दिया गया जिसमें से 9 लड़कियां थी. पांच बच्चों को मरणोपरांत यह पुरस्कार दिया गया.
नाम | राज्य | साहसी कार्य |
कुमारी महिका | दिल्ली | केदारनाथ (उत्तराखंड) की बाढ़ में अपने भाई की जान बचाई |
कुमारी मलिका सिंह | राजस्थान | अपने साथ छेड़छाड़ कर रहे लोगों से मुकाबला |
शुभम संतोष चौधरी | महाराष्ट्र | स्कूल वैन में आग लगने पर दो बच्चों की जान बचाई |
मास्टर संजय नवासू सुतार | महाराष्ट्र | – |
अक्षय जयराम रोज | महाराष्ट्र | – |
स्वर्गीय कुमारी मौसमी कश्यप | उत्तर प्रदेश | – |
स्वर्गीय मास्टर आर्यन राज शुक्ला | उत्तर प्रदेश | – |
कुमारी शिल्पा शर्मा | हिमाचल प्रदेश | – |
मास्टर सागर कश्यप | नई दिल्ली | – |
मास्टर अभिषेक एक्का | छत्तीसगढ़ | – |
मास्टर एस. एस. मनोज | कर्नाटक | – |
मास्टर सुबीन मैथ्यू | केरल | – |
मास्टर अखिल बीजू | केरल | – |
मास्टर यदूकृष्णन वी.एस. | केरल | – |
मास्टर सौरभ चंदेल | मध्यप्रदेश | – |
कुमारी तनवी नन्द कुमार ओवहल | महाराष्ट्र | – |
मास्टर रोहित रवि जनमांची | महाराष्ट्र | – |
मास्टर कंजलिंगगनबा क्षेत्रीमयूम | मणिपुर | – |
कुमारी खरीबाम गुणीचंद देवी | मणिपुर | – |
कुमारी खरीबाम गुणीचंद देवी | मणिपुर | – |
मास्टर वनलालरूआइया | मिजोरम | – |
कुमारी रेमलालरूआइलुआंगी | मिजोरम | – |
स्व. कुमारी मालसोमथुआंगी | मिजोरम | – |
कुमारी हनी गुरथिनथारी | मिजोरम | – |
स्व. मास्टर एल. मानियो चाचेई | नागालैंड | – |
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2015 – National Bravery Award 2015
वर्ष 2015 में 22 लड़कों और 5 लड़कियों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार दिया गया.
नाम | राज्य | साहसी कार्य |
स्वर्गीय मास्टर गौरव कवडूजी सहस्रबुद्धि | महाराष्ट्र | अपने चार मित्रों को बचाने के प्रयास में अपना जीवन बलिदान दिया |
कुमारी शिवमपेट रूचिता | तेलंगाना | अपनी स्कूल बस की एक ट्रेन से टक्क्र होने के बाद दो बहुमूल्य जान बचाई |
मास्टर अर्जुन सिंह | उत्तराखंड | अपनी मां के जीवन को एक चीते से बचाया |
मास्टर रामदीनथारा | मिजोरम | बिजली से दो व्यक्तियों की जान बचाई |
मास्टर राकेशभाई शानाभाई पटेल | गुजरात | एक गहरे कुंए में गिरे एक लड़के की जान बचाई |
मास्टर अरोमल एस.एम. | केरल | दो महिलाओं को डूबने से बचाया |
मास्टर कशिश धनानी | गुजरात | – |
मास्टर मॉरिस येंगखोम | मणिपुर | – |
मास्टर चोंगथेम कुबेर मेइती | मणिपुर | – |
कुमारी एंजिलिका तेंनसोंन | मेघालय | – |
मास्टर सांईकृष्ण | तेलंगाना | – |
अखिल कायेलंबी | तेलंगाना | – |
कुमारी जोयना चक्रवती | छत्तीसगढ़़ | – |
मास्टर सर्वानंद साहा | छत्तीसगढ़़ | – |
मास्टर दिशांत मेहंदीरत्ता | हरियाणा | – |
मास्टर बीधोवन | केरल | – |
मास्टर नीतिन फिलिप मैथ्यू | केरल | – |
मास्टर अभिजीत के.वी | केरल | – |
मास्टर अनन्दू दलिफ | केरल | – |
मास्टर मोहम्मद शमनाद | केरल | – |
मास्टर मोहित महेन्द्र दलवी | महाराष्ट्र | – |
मास्टर निलेश रिवाराम भिल | महाराष्ट्र | – |
मास्टर वैभव रमेश घनगरे | महाराष्ट्र | – |
मास्टर अभिनाष मिश्र | ओडिशा | – |
मास्टर भीमसेन उर्फ सोनू | उत्तर प्रदेश) | – |
स्वर्गीय मास्टर शिवांश सिंह | उत्तर प्रदेश) | – |
राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2019 – National Bravery Award 2019
नाम | राज्य | साहसी कार्य |
कमल कृष्णा दास | असम | – |
राखी | उत्तराखंड | अपने 4 साल के भाई को तेंदुए से बचाया |
भामेरी निर्मलकर | छत्तीसगढ | – |
कांति पैकरा | छत्तीसगढ | – |
अलाईका | हिमाचल | कार का एक्सीडेंट में अपने परिवार की जान बचाई |
मुदासिर अशरफ | जम्मू कश्मीर | बडगाम में इंडियन एयर फोर्स की स्ट्राइक के दौरान जवानों को बचाने में उनकी मदद की |
सरताज मोहिउद्दीन मुगल | जम्मू कश्मीर | गोलीबारी में फंसे अपने परिवार को बचाया |
बेंकटेश | कर्नाटक | – |
आरती किरण शेट | कर्नाटक | – |
फतह पीके | केरल | – |
लालियानसांगा | मिजोरम | – |
कैरोलिन मलसामतुआंगी | मिजोरम | – |
बनलालरियातरेंगा | मिजोरम | – |
लारेंबम याईखोंबा मंगांग | मणिपुर | – |
एवरब्लूम के. नोंगरम | मेघालय | – |
जेन सदावरते | महाराष्ट्र | – |
आकाश मच्छिंद्रा खिल्लारे | महाराष्ट्र | – |
पूर्णिमा गिरि और सबिता गिरि | ओडिशा | मगरमच्छों से भरी नदी में गिरने पर दोनों ने 12 लोगों को डूबने से बचाया था |
मोहम्मद मुशीन | – | तीन दोस्तों को उग्र समुद्र में बचाया |
एस. बदरा | – | ट्रेन दुर्घटना में दायां पैर गंवाने वाली अपनी दोस्त की मदद की थी |
मास्टर आदित्य | केरल | नेपाल में बस में लगी आग से 40 लोगों की जान बचाई |
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