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भौतिक विज्ञान से जुडी जानकारी

भौतिक विज्ञान जिसमें है भौतिक वस्तुओं का अध्ययन करते है. भौतिक विज्ञानी अथवा भौतिक शास्त्री अथवा भौतिकीविद् वो वैज्ञानिक कहलाते हैं जो अपना शोध कार्य भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में करते हैं।

भौतिक विज्ञान से जुडी जानकारी

भौतिक विज्ञान से जुडी जानकारी

Q. मापन- भौतिक राशियां किसे कहते है?

Ans. जब किसी पदार्थ का मापन किया जा सकता है, वह भौतिक राशियां कहलाती है. जैसे – लंबाई, समय, बल, द्रव्यमान, कार्य, वेग, ताप, आदि.

Q. मात्रक किसे कहते है?

Ans. वह प्रमाणिक माप, जिससे तुलना करके भौतिक राशि का मापन किया जाता है. मात्रक कहलाता है. जैसे- लंबाई का मात्रक है मीटर, समय का मात्रक: सेकंड , बल का मात्रक: न्यूटन, आदि

Q. यांत्रिकी- गति तथा विराम अवस्था किसे कहते है?

Ans. किसी वस्तु की स्थिति जब उसके वातावरण के सापेक्ष समय अनुसार बदलती है, तब वस्तु गति की अवस्था में कही जाती है. जैसे- सड़क पर दौड़ती हुई कार

इसके विपरीत यदि किसी वस्तु की स्थिति समय के साथ अपने वातावरण के सापेक्ष नहीं बदलती है तो वस्तु विराम अवस्था में कही जाती है. जैसे- सड़क, वृक्ष आदि

भौतिक विज्ञान – प्रकाश, तरंग, उष्मा, ताप और विद्युत

Q. दूरी तथा विस्थापन किसे कहते है?

Ans. वस्तु द्वारा किसी समयांतराल में तय किए गए मार्ग की लंबाई को चली गई दूरी कहते हैं. यह एक अदिश राशि है, इसमें केवल परिमाण होता है. वस्तु की अंतिम स्थिति तथा प्रारंभिक स्थिति के बीच की न्यूनतम दूरी को वस्तु का विस्थापन कहते हैं. यह एक सदिश राशि है, इसमें परिमाण तथा दिशा दोनों होते हैं.

Q. चाल तथा वेग किसे कहते है?

Ans. किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को वस्तु की चाल कहते हैं अर्थात चाल एक अदिश राशि है. SI पदीत में इसका मात्रक मीटर\ सेकंड होता है. कोई वस्तु एकांक समय में इतनी विस्थापित होती है, उसे उस वस्तु का वेग कहते हैं. वेग एक सदिश राशि है. SI पद्धति मैं इसका मात्रक मीटर\सेकंड होता है. वेग ऋणात्मक, धनात्मक अथवा शून्य हो सकता है.

Q. त्वरण किसे कहते है?

Ans. समय के साथ किसी वस्तु के वेग परिवर्तन की दर को उस वस्तु का त्वरण कहते हैं. दूसरे शब्दों में एकांक समयांतराल में वस्तु के वेग में जितना परिवर्तन होता है, त्वरण कहते है. त्वरण एक सदिश राशि है, SI पद्धति मैं त्वरण का मात्रक मीटर\सेकंड होता है.

Q. सरल रेखीय त्वरित गति के समीकरण है.

Ans. मानना कोई वस्तु एक सरल रेखा में प्रारंभिक वेग u से चलना आरंभ करती है तथा इसमें एक समान त्वरण a है. माना वस्तु t सेकंड में s दूरी तय करती है तथा इसका अंतिम वेग v हो जाता, तब प्रथम समीकरण : u = u

  • At (II) द्वितीय समीकरण: s = ut + 1\2 at 2

Q. बल किसे कहते है?

Ans. बल ब्राहा कारक है जो किसी वस्तु की स्थिति परिवर्तित कर सकता है. इसके अतिरिक्त बल लगाकर किसी वस्तु की आकृति एवं आकार भी बदले जा सकते हैं. इसका मात्रक न्यूटन होता है. बल प्राय: कृष व उप्कर्ष के रूप में लगाए जाते हैं.परंतु प्रकृति में बल मूलतः चार प्रकार के पाए जाते हैं. विश्व के सभी बल इन्हीं के अंतर्गत आते हैं. यह बल है – गुरुत्वाकर्षण बल, विद्युत चुंबकीय बल, दुर्बल या क्षीण बल , प्रबल बल

Q. न्यूटन की गति के नियम

Ans. न्यूटन की गति के तीन नियम हैं.

प्रथम नियम

यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है, तो वह विराम अवस्था में रहेगी और यदि वह एक समान चाल से सीधी रेखा में चल रही है, तो उसी प्रकार चलती रहेगी जब तक कि उस पर कोई ब्राहा बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन नहीं किया जाए. इसे गैलीलियो का नियम भी कहते हैं. वस्तुओं की इस प्रवृत्ति को जडत्व भी कहा जाता है.

द्वितीय नियम

किसी वस्तु के प्रियतम की दर उस वस्तु पर आरोपित बल के अनुक्रमानुपाती होती है. था संवेग-परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में ही होता है

तृतीय नियम

इस नियम के अनुसार, प्रतिक्रिया की सदैव सम्मान एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है.

Q. संवेग किसे कहते है?

Ans. किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा उसकी वेग के गुणनफल को वस्तु का संवेग कहते हैं. इसका मात्रक किलोग्राम मीटर सेकंड होता है.

Q. संवेग संरक्षण का नियम किसे कहते है?

Ans. यदि करो के किसी समूह है या निकाय पर कोई ब्राहा बल नहीं लग रहा हो, तो उस निकाय का कुल संवेग नियत रहता है अर्थार्थ सुरक्षित रहता है. टक्कर से पूर्व का कुल संवेग = टक्कर के पश्चात का कुल संवेग

Q. बल का आवेग किसे कहते है?

Ans. जब कोई बल किसी वस्तु पर अल्प समय के लिए कार्य करता है, तो बल तथा समयानतरल के गुणनफल को बल का आवेग कहते हैं. किसका मात्रक न्यूनतम सेकंड होता है

Q. घर्षण किसे कहते है?

Ans. जब किसी धरातल पर रखी किसी वस्तु को धीरे से धकेलने पर वह आगे नहीं बढ़ती है, तो इसका तात्पर्य यह है कि संपर्क में रखी दो वस्तुओं के मध्य एक प्रकार का बल कार्य करता है जो वस्तु के गति करने का विरोध करता है. यह बल ही घर्षण बल कहलाता है. तथा इस घटना को प्रश्न कहते हैं की दिशा सदैव वस्तु की गति की दिशा के विपरीत होती है. कस्टम तीन प्रकार का होता है – स्थैतिक घर्षण , सर्पी घर्षण, लोटनिक घर्षण,

Q. वृत्तीय गति किसे कहते है?

Ans. जब कोई कारण एक निश्चित बिंदु को केंद्र मानकर उसके चारों ओर एक वृत्ताकार मार्ग पर गति करता है, तो उसकी गति को वृत्तीय गति कहते हैं. यदि वह एक समान चाल से गति करता है, तो उसकी गति को समरूप या एक समान वृत्तीय गति कहते हैं.

Q. कोणीय विस्थापन किसे कहते है?

Ans. वृत्ताकार मार्ग पर गतिशील कण को केंद्र से मिलाने वाली रेखा किसी समय में कर्ण की प्रारंभिक स्थिति की अपेक्षा जितने कौण से घूमती है, उसको उनको उस समय कण का कोणीय विस्थापन कहते हैं.

Q. कोणीय वेग किसे कहते है?

Ans. वृत्तीय गति में किसी कारण के कोणीय विस्थापन की समय के साथ परिवर्तन- दर्पण का कोणीय वेग कहते हैं और इसे प्राय: ग्रीक अक्षर ओमेगा से प्रकट किया जाता है.

Q. अभिकेंद्र बल किसे कहते है?

Ans. करण मार्ग में गति बनाए रखने के लिए, वृत्त के केंद्र की ओर एक बल कार्य करता है, इसी अभिकेंद्र बल कहते है.

Q. अभिकेंद्र त्वरण किसे कहते है?

Ans. यदि कोई करण r त्रिज्या के वृत्त आकार मार्ग पर एक समान चाल v से चलता है, तो उस पर केंद्र की दिशा में v2 \ r परिमाण का त्वरण कार्य करता है, जिसे अभिकेंद्र त्वरण कहते हैं.

Q. अपकेंद्र बल किसे कहते है?

Ans. कभी- कभार जब कोई वस्तु घूमते निकाय पर स्थित है, तो उसे एक ऐसे बल का अनुभव होता है जो कि वास्तव में कार्य नहीं करता है, चूँकि घूमते निकाय में त्वरण होता है इसलिए इस प्रकार के बल का अनुभव होता है. गोमती निकाय के त्वरण के कारण परीक्षित इस आभासी बल को अपकेंद्र बल कहते हैं. इसकी दिशा अभिकेंद्र बल की दिशा के विपरीत होती है.

Q. कार्य किसे कहते है?

Ans. बल लगाकर किसी वस्तु को बल की दिशा में विस्थापित करने की क्रिया को कार्य कहते हैं. अतः कार्य = बल = x बल की दिशा में वस्तु का विस्थापन कार्य एक अदिश राशि है. किसका मात्रक SI पद्धति में न्यूनटन मीटर होता है, जिसे विज्ञानिक जेम्स प्रेस्कॉट जूल ( 1818- 89) के सम्मान में झूल कहा जाता है संकेत j द्वारा व्यक्त किया जाता है

Q. ऊर्जा किसे कहते है?

Ans. किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की ऊर्जा कहते हैं. यह एक अदिश राशि है, इसका मात्रक जूल है. किसी वस्तु पर किए गए कार्य द्वारा प्राप्त ऊर्जा यांत्रिक ऊर्जा कहलाती है. पूजा दो प्रकार की होती है- गतिज ऊर्जा, स्थितिज ऊर्जा.

Q. गतिज ऊर्जा किसे कहते है?

Ans. किसी वस्तु की गति के कारण कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की गतिज ऊर्जा कहते हैं.

Q. स्थितिज ऊर्जा किसे कहते है?

Ans. किसी वस्तु की स्थिति के कारण कार्य करने की क्षमता को उस वस्तु की स्थितिज ऊर्जा कहते हैं

Q. घूर्णन गति किसे कहते है?

Ans. जब कोई पिंड किसी स्थिर अक्ष के परित इस प्रकार गति करता है कि पिंड का प्रत्येक करें वृत्तीय पथ पर चल रहा है. तथा समस्त वृतों के केंद्रों उस अक्ष पर हो, तो उसकी गति को घूर्णन गति कहते हैं?

Q. जड़त्व आघूर्ण किसे कहते है?

Ans. किसी अक्ष के परित घूमने के लिए अथवा घूर्णन करते पिंड के कोणीय वेगमैं परिवर्तन के लिए उस पर एक बल आघूर्ण लगाना पड़ता है. पिंड के इस गुण को पिंड का घूर्णन अक्ष के परित जड़त्व आघूर्ण कहते हैं.

Q. बल-आघूर्ण किसे कहते है?

Ans. किसी बल द्वारा एक पिंड को एक अक्ष के परित घुमाने की प्रवृत्ति को बल आघूर्ण कहते हैं. इस प्रकार किसी अक्ष ( या बिंदु) के परित एक बल का बल- और भुजबल के परिमाण तथा अक्ष ( या बिंदु) सेबल की क्रिया रेखा के बीच के लंबवत दूरी के गुणनफल के बराबर होता है.

Q. आघुर्णों का सिद्धांत किसे कहते है?

Ans. यदि कोई पिंड किसी अक्ष के चारों ओर घूमने के लिए स्वतंत्र है और वह संतुलन में है, तो वस्तु पर आरोपित सभी बलों के उसे अक्ष के परित आघुर्णों का बीजगणितीय योग सुनने होगा अर्थार्थ दक्षिणावर्ती बल्ले और आघुर्णों का योग= वामावर्त बल – आघुर्णों का योग

Q. गुरुत्व केंद्र किसे कहते है?

Ans. किसी वस्तु का गुरुत्व केंद्र, वह बिंदु है जहां पर वस्तु का समस्त भार( गुरुत्व बल) कार्य करता है चाहे वह तो किसी भी स्थिति में रखी हो.

Q. गुरुत्वाकर्षण किसे कहते है?

Ans. गुरुत्वाकर्षण एक कमजोर अथवा क्षीण मौलिक बल है, जो ब्रह्मांड में प्रत्येक कन्या पिंड के बीच उनके द्रव्यमान के कारण लगता है,

Q. गुरुत्वीय त्वरण किसे कहते है?

Ans. पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण वस्तु में उत्पन्न त्वरण को वस्तु का गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं.

Q. द्रव्य किसे कहते है?

Ans. प्रत्येक वस्तु दो स्थान घेरती है तथा जिसमें बाहर होता है द्रव्य कहलाती है. जैसे – जल,, लोहा, लकड़ी, वायु, आदि. द्रव्य चार अवस्थाओं में पाया जाता है.- ठोस, द्रव्य, गैस तथा प्लाज्मा

Q. प्रत्यास्थता किसे कहते है?

Ans. प्रत्यास्थता पदार्थ का वह गुण है, जिसके कारण वस्तु, उस पर लगाए गए ब्राहा बल से उत्पन्न किसी भी प्रकार के परिवर्तन का विरोध करती है तथा जैसे ही बल हटा लिया जाता है वह अपनी पूर्व अवस्था में वापस आ जाती है.

Q. दाब किसे कहते है?

Ans. किसी तल के एकांक क्षेत्रफल पर कल के लंबवत लगने वाले बल के परिमाण को दाब कहते हैं. दाब = बल\ क्षेत्रफल, दाब का मात्रक न्यूटन मीटर होता है. जिसे पास्कल कहते हैं. दाब एक अदिश राशि है.

Q. आक्रीमीडीज का सिद्धांत

Ans. जब कोई वस्तु किसी द्रव्य में पूर्णत अथवा आशिक रुप से ढूबोई जाती है, तो उसके भार में कमी का आभास होता है. बाहर में यही आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव्य के भार के बराबर होती है.

Q. घनत्व किसे कहते है?

Ans. वस्तु के द्रव्यमान तथा आयतन के अनुपात को वस्तु का घनत्व कहते हैं. द्रव का घनत्व = द्रव्य का द्रव्यमान\ द्रव्य का आयतन इसका SI मात्रक किलोग्राम मीटर होता है

Q. केशिकात्व किसे कहते है?

Ans. केशनली में द्रव्य के ऊपर चढ़ने या नीचे उतरने की घटना को केशिकात्व कहते हैं. समानता है जो द्रव कांच को भिगोता है, वह नीचे उतर जाता है.

Q. श्यानता किसे कहते है?

Ans. किसी द्रव्य की दो क्रमागत परतों के बीच उनकी अपेक्षा गति का विरोध करने वाले घर्षण बल को श्यान बल कहते हैं. तरल का वह गुण जिसके कारण तरल की विभिन्न परतों के मध्य आपेक्षिक गति का विरोध होता है, श्यानता कहलाता है.

श्यानता का एक अर्थ है द्रव्य का गाढ़ापन भी है. किसी आदर्श तरल की श्यानता शून्य होती है.किसी तरल की श्यानता को श्यानता गुणांक द्वारा मापा जाता है. जिसका पद्धति में मात्रक किलोग्राम मीटर सेकंड था.

Q. सीमांत वेग किसे कहते है?

Ans. जब कोई वस्तु किसी शयान द्रव में गिरती है, तो प्रारंभ में उसका वेग बढ़ता जाता है, परंतु कुछ समय बाद यह नियत वेग से गिरने लगती है. इसलिए सिर्फ एक को ही वस्तु का सीमांत वेग कहते हैं.

आज इस आर्टिकल में हमने आपको भौतिक विज्ञान से जुडी जानकारी, विज्ञान से जुड़ी कुछ हैरान कर देने वाली जानकारियां, भौतिक विज्ञान के 160 महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर, महत्वपूर्ण प्रश्न के बारे में बताया है, अगर आपको इससे जुडी कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है.

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Darshana

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