आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रारम्भिक सांख्यिकी – Short Tricks Hindi के बारे में बता रहे है.
किन्हीं विशेष गुणों से युक्त तत्वों का संख्यात्मक रूप संमक कहलाता है. तथ्यों को सामान्यतया दो रूप में व्यक्त किया जाता है. गुणात्मक, संख्यात्मक, इनमें केवल वही तथ्य-संभव हो सकते हैं, जो संख्या में व्यक्त किए जाते हैं.
समंकों को निम्नलिखित तीन विधियों द्वारा प्रदर्शित किया जाता है –
वर्ग तथा वर्गमूल से जुडी जानकारी
समंकों का अध्ययन कर निष्कर्ष ज्ञात करना और भविष्य के परिणामों का अनुमान लगाना समंकों का विश्लेषण कहलाता है. इसके अंतर्गत समंको से संबंधित या तो कोई सारणी अथवा कोई ग्राफ दिया होता है.इसका विश्लेषण करके प्रश्न का उत्तर ज्ञात किया जाता है. यहां हम निम्नलिखित 4 शिक्षकों खंडों का अध्ययन करेंगे-
समंकों की सतह एवं पंक्तियों में कर्मबंध व्यवस्था सारणीयन कहलाती है,
रचना के आधार पर सारणीयन मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है.
सरल सारणी में विभिन्न संबंधों के केवल एक ही गुण व विशेषता का विवेचन किया जाता है. सरल सारणी में केवल दो ही भाग होते हैं.
जटिल सारणी में समय सारणी की तरह केवल एक गुण या लक्षण का विवेचन ना होकर एक से अधिक गुणों या लक्षणों का निवेचन होता है. जटिल सारणी तीन प्रकार की होती है-
समंकों के विश्लेषण में रेखाचित्र आंकड़ों को व्यक्त करने का एक चित्रमय प्रदर्शन है. यह प्रदर्शन बिंदु रेखिय चित्रों से प्रस्तुत किया जाता है. बिंदु रेखीय चित्र समंकों की विशेषताओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करते हैं, इन चित्रों के क्षेतीज (x-अक्ष) व उर्ध्वाधर (y-अक्ष ) रेखिए झुकाव किन्ही दो क्रमिक बिंदुओं के मध्य होने वाले मात्रात्मक परिवर्तन की तुलना करने में सहायक होते हैं.
रेखीय दुकानों का उत्तम बिंदु किसी परिमाण की अधिकतम मात्रा दर्शाता है जबकि निम्नतम बिंदु उसके न्यूनतम मात्रा को दर्शाता है.
दंड चित्र और रेखाचित्र में बहुत साधारण अंतर है और वह यह है कि दंड चित्र में रेखाओं को मोटा बना देते हैं. मोटा बनाते समय मूल्य का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है. सभी बंधुओं की मोटाई समान रहती है. झंडू के बीच की दूरियां भी समान रहती है. ठंड चित्रों को आकर्षक बनाने के लिए दंडों को रंग दिया जाता है.
दंड चित्र मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं
समंको को तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए चित्रों का प्रयोग किया जाता है, जिस प्रकार, तथ्यों के उपविभागों को प्रदर्शित करने के लिए दंड और आयत को विभक्त किया जाता है, उसी प्रकार जब गुणों के दो मानों समग्र रूप में प्रस्तुत करने के साथ- साथ इसके भागों को भी दिखाना होता है, तब हम वृत्तचित्रों अथवा कोणिय चित्रों का प्रयोग करते हैं.
किसी समंकश्रेणी में सभी पदो के योगफल को, पदों की संख्या से भाग देने पर जो मान प्राप्त होता है, उसे समांतर माध्य कहते हैं. समानता है इसे द्वारा प्रदर्शित किया जाता है.
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