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उत्तराखंड साहसिक खेल और उपयुक्त स्थल

उत्तराखंड की प्राकृतिक भिन्नता के कारण यहां की भूमि पर्वत, ग्लेशियर, घाटी, चट्टान, दलान,  समतल, उबड़-खाबड़ है। यह प्राकृतिक संरचनात्मक विविधता के कारण हिमाच्छादित पर्वत, हिमनद, नदियों की घाटियां, चट्टानी पहाड़ यहां पर है उनमें साहसिक खेल खेले जा सकते हैं। एक नवशिशु पर्वतारोही इन्हीं पर्वत श्रेणियों से अपना पर्वतारोहण अभियान शुरु करता है। इन्हीं में एक नाम प्रसिद्ध एवरेस्ट पर्वतारोही बछेंद्री पाल का नाम उल्लेखनी है। चमोली जिले की रहने वाली बछेंद्री पाल ने गढ़वाल विश्वविद्यालय में संस्कृत से एम. ए. पास  किया। उसके पश्चात जवाहरलाल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, चमोली से गहन प्रशिक्षण लेने के पश्चात सन 1984 में एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने वाली प्रथम भारतीय महिला होने का गौरव प्राप्त किया।

उत्तराखंड की प्राकृतिक विविधता के कारण ही यहां पर कई माउंटरिंग इंस्टीट्यूट खुले हैं, पर्वतारोहण, शेल आरोहण के लिए चट्टाने भी उपलब्ध है। नदियों का उद्गम इस हिमालय से होता है। गंगा, यमुना, काली भागीरथी, टौंस व पतितपावनी सरयू नदी के तटों पर राफ्टिंग, तैराकी, गोताखोर व नौकाविहार किया जा सकता है। उत्तराखंड में आइस हाँकी, स्केटिंग, पर्वतारोहण, शिलारोहण, राइक्लाईबिंग,ट्रैकिंग, राफ्टिंग, पैरा ग्लाइडिंग आदि साहसिक खेलों की संभावना है। सिर्फ आवश्यकता इन खेलों को बढ़ावा, उपयुक्त माहौल, प्रशिक्षण केंद्र एवं सुविधाएं देने की है।

उत्तराखंड में साहसिक खेलों के लिए उपयुक्त स्थल

  • पैराग्लाइडिंग- पिथौरागढ़, मुनस्यारी, धारचूला, गोपेश्वर, गैरसौंण।
  • आइस हॉकी –  मुनस्यारी, मिलम, ओली, बद्रीनाथ, नॉन्टी व उत्तरकाशी।
  • आइस स्केटिंग –  रानीखेत, मसूरी, मुनस्यारी, मिलम, औली, मसूरी।
  • पर्वतारोहण- उत्तराखंड में स्थित पर्वत श्रेणियां।
  • रॉक क्लाइंबिंग –  नैनीताल, रामनगर (गर्जिया), पौड़ी, उखीमठ, जोशीमठ, श्रीनगर, उत्तरकाशी, पिथौरागढ़।
  • ट्रैकिंग- बद्रीनाथ, दून घाटी, ग्वालदम, गैरसैण व नैनीताल।
  • तेराकी/गोताखोर/राफ्टिंग- संपूर्ण उत्तराखंड में स्थित नदियाँ और झील।

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