इस आर्टिकल में हम आपको घड़ी एवं कैलेण्डर से जुडी जानकारी – मैथ के सवाल बता रहे है
आज के युग में प्रत्येक मनुष्य को अपने कार्यों को करने के लिए समय का विशेष ध्यान रखना पड़ता है. समय की सही जानकारी रखने के लिए उसे घड़ी की आवश्यकता होती है. घड़ी एक ऐसा यंत्र है जो घंटे, मिनट तथा सेकंड में समय के अंतराल में व्यक्त करता है.
सामान्यत: घड़ी में चार अव्यय होते हैं
घड़ी का मुख यह गोलाकार अथवा चौकोर आकार की पट्टिका होती है, जिस पर 1 से 12 तक के अंक अथवा बिंदु अंकित होते हैं.
घंटे की सुई, मिनट की सुई से थोड़ी छोटी तथा कुछ मोटी होती है तथा यह निश्चित समय को व्यक्त करती है. जैसे – यदि घंटे की सुई 4:00 पर होता मिनट की सुई 12:00 पर हो, तो यह इस बात का घोतक होगा कि अभी घड़ी में 4:00 बज रहे हैं. तथा एक घंटा बराबर 60 मिनट.
मिनट की सुई, घंटे की सुई से थोड़ी बड़ी तथा आकार में पतली होती है तथा यह घंटे की सुई के साथ मिलकर समय की निश्चितता को व्यक्त करने में एक सहायक की भूमिका अदा करती है.
जैसे- यदि घंटे की सुई 6:00 पर होता मिनट की सुई 12:00 पर हो, तो यह इस बात का घोतक होगा कि अभी घड़ी में 6:00 बज रहे हैं लेकिन यदि घंटे की सुई 6:00 से थोड़ी आगे हो तथा मिनट की सुई 3:00 पर हो, तो यह इस बात का घोतक होगा कि अभी घड़ी में 6:00 बंद कर 15:00 मिनट हो रहे हैं तथा 1 मिनट= 60 सेकंड
सेकंड की सुई, मिनट की सुई से थोड़ी बड़ी पतली होती है. यह घंटे और मिनट दोनों ही सुईयां के विचलन में सहायक की भूमिका अदा करती है. घड़ी के डायल की संपूर्ण पृथ्वी की माप 307 होती है अर्थात हम यह कह सकते हैं कि यदि कोई सुई वामावर्त 12:00 से चलते हुए पुणे 12:00 पर पहुंच जाती है, तो यह इस बात का घोतक है कि वह सुई 360 के पथ का परिभ्रमण कर चुकी है .
घड़ी के किसी भी दो निकटवर्ती अंकों के बीच के कोण की माप 30 होती है. जैसे – दो और तीन के बीच के कोणों की माप 30 है तथा 1 घंटा = 3600 सेकंड
प्रति मिनट सुई का विचलन( डिग्री में) निम्न प्रकार होता है- सेकंड की सुई = 360 प्रति मिनट, मिनट की सुई = 6 प्रति मिनट, घंटे की सुई = 1\2 प्रति मिनट
दिन, समय मापने की एक महत्वपूर्ण इकाई है. 1 दिन की समय अवधि पृथ्वी की अपनी धुरी पर लगाए गए एक संपूर्ण चक्कर में व्यतीत किए गए समय के बराबर होती है एवं जब पृथ्वी सूर्य का एक पूर्ण चक्कर लगा लेती है, तो इस में लगा समय सौर वर्ष कहलाता है.
एक सौर वर्ष = 365 दिन, 5 घंटा, 48 मिनट तथा 47*1\2 सेकंड के बराबर होता है जो लगभग 365 दशमलव 2422 दिन के बराबर होता है. इसे संशोधित करें 365 दिन की अवधि को ही 1 वर्ष मान लिया गया, जिसे सामान्य वर्ष कहा गया.
समय एवं कार्य से जुडी जानकारी – मैथ के सवाल
साधारण वर्ष में 365 दिन होते हैं और लिपि वर्ष में 366 दिन अर्थात थे एक साधारण वर्ष में कुल 52 सप्ताह और एक दिन होते हैं तथा एक लिपि वर्ष में 52 सप्ताह और दो अतिरिक्त दिन होते हैं.
प्रत्येक वह वह वर्ष जो 4 से विभाजित हो जाए तथा प्रत्येक वह शताब्दी वर्ष से जो 400 से विभाजित हो जाए, वह लीप वर्ष या अधिक वृक्ष होता है तथा अन्य सभी साधारण वर्ष होते हैं.
प्रत्येक 4 वर्ष पर लीप वर्ष आता है. अंतः लीप वर्ष 4 के गणित में निहित होते हैं. इस प्रकार वर्ष की संख्या यदि 4 से विभाजित हो तो वह लीप वर्ष होगा लेकिन यह नियम शताब्दी वर्ष पर लागू नहीं होता है.
शताब्दी लीप वर्ष से 400 वर्षों में आते हैं. यह 400 वर्षों के गुणक होते हैं. इस प्रकार यदि शताब्दी वर्ष से 400 से विभाजित हो जाए, तो वह शताब्दी वर्ष लीप वर्ष होगा.
किसी भी सप्ताह के साथ में भाग वो दिन कहते हैं. 1 सप्ताह में 7 दिन होते हैं सोमवार, मंगलवार, बुद्धवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार, तथा रविवार, 7 दिनों में सप्ताह का एक चक्कर पूरा हो जाता है.
इसके बाद दिन पुन: आवर्तिता होने लगते हैं. किसी भी माह के 28वें, 29 वें, या 366 विभाग को तिथि कहते हैं. इसका निर्धारण संस्थाओं द्वारा किया जाता है.
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