भारतीय आयोजना
- भारत में आर्थिक आयोजना संबंधी प्रस्ताव सर्वप्रथम 1934 ईसवी में डॉक्टर विश्वेश्वरैया ने अपनी पुस्तक प्लांड इकोनॉमी फॉर इंडिया में दिया.
- 1983 ईसवी में मुंबई के 8 प्रमुख उद्योगपतियों ने “ए प्लान फॉर इकोनॉमिक डेवलपमेंट इन इंडिया” तैयार किया जिसे बॉम्बे प्लान कहा जाता है.
- 1940 ईसवी में के.सी. नियोगी की अध्यक्षता में सलाहकारी योजना परिषद की स्थापना की गई.
- 15 मार्च, 1950 को योजना आयोग का गठन किया गया. यह संवैधानिक निकाय नहीं है.
- प्रधानमंत्री योजना आयोग के पदेन अध्यक्ष होते हैं.
- 6 अगस्त, 1952 को राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन किया गया. यह एक संवैधानिक निकाय हैं. इसका कार्य योजना का अंतिम अनुमोदन करना है.
- भारत की पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल, 1951 से प्रारंभ हुई.
- 3 वर्ष योजनाओं (1966- 67, 67-68s, 68-69) अवकाश कहा जाता है.
- कांग्रेस द्वारा लागू की गई पांचवी पंचवर्षीय योजना (1947-79) जनता पार्टी की सरकार ने अपने निर्धारित समय से 1 वर्ष पूर्व ही समाप्त घोषित करके छठी पंचवर्षीय योजना (1978 – 83) लागू किया, जिसे अनवरत योजना (रोलिंग प्लान) कहा जाता है.
- 12वीं पंचवर्षीय योजना का प्रारंभ 1 अप्रैल 2012 को हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य तीव्र, अधिक समावेशी और धारणीय विकास है. इसमें कृषि के क्षेत्र में 4% है, उद्योगिक क्षेत्र में 7.6% तथा सेवा- क्षेत्र 9% की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है तथा विकास दर का लक्ष्य 8% रखा गया है.
- राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम के अंतर्गत राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा 2 फरवरी, 2006 को आंध्र प्रदेश अनंतपुर गांव से किया गया. 1 अप्रैल, 2008 से इस योजना को संपूर्ण देश में लागू कर दिया गया है. 2 अक्टूबर, 2009 से राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम बदलकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम कर दिया गया.
भारत में कृषि
- भारत के कुल क्षेत्रफल 5%1 भाग पर कृषि की जाती है.
- देश की कुल श्रमशक्ति का लगभग 52 प्रतिशत भाग कृषि एवं इससे संबंधित उद्योग-धंधों से अपनी आजीविका चलाता है.
- देश के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान लगभग 17% है.
ऋतू के आधार पर फसलों का वर्गीकरण है ,
रबी फसल
यह फसल अक्टूबर- नवंबर में बोई जाती है और मार्च – अप्रैल में काट ली जाती है. इसकी मुख्य फसलें हैं – गेहूं, चना, जो, मटर , सरसों, आलू, राई आदि.,
खरीफ फसल
यह जून- जुलाई में बोई जाती है और सितंबर-अक्टूबर में काट ली जाती है. इसकी मुख्य फसलें हैं- धान, गन्ना, तिलहन, जवार, बाजरा, मक्का, अरहर आदि. ,
जायद फसल
यह मई- जून में बोई जाती है और जुलाई- अगस्त में काट ली जाती है. इसकी मुख्य फसलें हैं – राई, मक्का, जवार, जुट , मडुआ आदि.,
- कृषि में प्रयुक्त भूमि का 65.8% भाग है खाद्यान्न फसलों में तथा शेष 35.2% भाग व्यापारिक फसलों में प्रयोग किया जाता है.
- भारत की मुख्य खाद्य फसल चावल है. विश्व में चावल उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है.
- भारत में कुल कृषि योग्य भूमि के 40% भाग पर चावल की खेती की जाती है.
- चावल का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल है, दूसरे एवं तीसरे स्थान पर कर्म से उत्तर प्रदेश तथा पंजाब है.
- विश्व में गेहूं के उत्पादन में चीन के बाद भारत का दूसरा स्थान है.
- देश की कुल कृषि योग्य भूमि के लगभग 15% भाग पर गेहूं की खेती की जाती है.
- उत्तर प्रदेश गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य है. पंजाब दुसरे और मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है.
- गेहूं की प्रति हेक्टेयर उत्पादन में प्रथम स्थान पंजाब का है तथा दूसरे स्थान पर हरियाणा है.
- साठ के दशक में हुए हरित क्रांति का सर्वाधिक प्रभाव गेहूं और चावल की कृषि पर पड़ रहा है, परंतु चावल की तुलना में गेहूं के उत्पादन में वृद्धि हुई है.
- भारत में हरित क्रांति लाने का एम. एस. स्वामीनाथन को जाता है. भारत में मोटे अनाजों का सर्वाधिक उत्पादन राजस्थान में होता है. कर्नाटक दुसरे एवं मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है.
भारत में उद्योग
- वस्त्र उद्योग भारत का सबसे अधिक संगठित एवं व्यापक. उद्योग है.
- भारत में प्रथम आधुनिक सूती वस्त्र मिल की स्थापना मुंबई में कवास. जी. एंन डाबर द्वारा की गई थी.
- मुंबई को सूती वस्त्रों की राजधानी कहा जाता है तथा कानपुर को उत्तर भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है.
- गुजरात के अहमदाबाद को पूर्व का बोस्टन कहते हैं.
- चीन के बाद कच्चे रेशम का उत्पादन करने वाला भारत विश्व का दूसरा देश है. भारत में सर्वाधिक रेशम उत्पादन कर्नाटक में होता है.
- टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी की स्थापना 1960 ईसवी में जमशेदपुर ( झारखंड). में की गई.
- भारत का सबसे बड़ा आयातक जापान है.
- 1859 ईसवी में भारत में जूट का पहला कारखाना पश्चिम बंगाल के रिसरा में लगाया गया.
- पहली कागज मिल 1881 ईसवी में टीटागढ़ (पश्चिम बंगाल) में लगाई गयी.
- अखबारी कागज का पहला कारखाना वर्ष 1940 में नेपानगर में स्थापित किया गया.
- भारत में रासायनिक खाद का प्रथम कारखाना तमिलनाडु में वर्ष 1996 में लगाया गया. वर्ष 1951 में सिंदरी उर्वरक कारखाने की स्थापना हुई.
महारत्न कंपनियां
महारत्न कंपनियों की मान्यता सरकार द्वारा वर्ष 2009 से प्रदान की गई है. यह कंपनियां अपने निवल मूल्य के 25% तक का निवेश करने के लिए स्वतंत्र है. अब तक कुल 8 कंपनियां को महारत्न का दर्जा प्राप्त है.
- तेल एवं प्राकृतिक गैस लिमिटेड (ONGC)
- भारतीय इस्पात का ऑपरेशन (SAIL)
- इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन (IOc)
- राष्ट्रीय ताप एवं विद्युत नियम (NTPC)
- कोल इंडिया लिमिटेड (CIL)
- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL)
- भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (GAIL)
- भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
नवरत्न कंपनियां
सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का वाणिज्य एवं प्रबंधन की स्वायत्तता देने के लिए नवरत्न की संकल्पना वर्ष 1997में शुरू की गई थी. अब तक कुल 17 कंपनियों को नवरत्न एवं 73 कंपनियों को मिनीरत्न का दर्जा प्राप्त है.
- राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड
- निवेली लिग्नाइट कॉर्पोरेशन
- ऑयल इंडिया लिमिटेड
- हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड
- महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड
- नेशनल पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड
- भारत इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड
- हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड
- पावर फाइनेंस कारपोरेशन
- राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड
- पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड
- ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड
- भारतीय नौवाहन निगम,
- कॉर्पोरेशन इंडिया लिमिटेड (कोंनकोर),
- इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड,
- नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड,
नवरत्न का दर्जा प्राप्त हो जाने पर कंपनियों को अधिक प्रशासनिक तथा वित्तीय स्व्य्तता मिलती है. यह कंपनियां सरकार की अनुमति के बगैर देश में या विदेश में संयुक्त उद्यम लगा सकती है और उनमें अपने नेटवर्क के 15% तक का निवास कर सकती है.