आज इस आर्टिकल में लोक वित्त से जुड़ी जानकारी दे रहे है.
राजस्व
राजस्व वह विज्ञान है कला है, जो सार्वजनिक आय-व्यय, ऋण तथा वितीय शासन के मुल सिंद्धान्तो का और अन्य सम्बन्धित क्रियाओं का समाज और आर्थिक व्यवस्था पर प्रतिक्रियाओं का अध्ययन करता है.
सार्वजनिक बजट
बजट सरकार की आय एवं व्यय का एक विवरण-प्रपत्र होता है. अन्यों शब्दों में, बजट विगत वर्ष के आय एवं व्यय के अनुमानों का वार्षिक वितीय विवरण प्रपत्र होता है.सावर्जनिक बजट को प्राय: दो भागों में प्रस्ततु किया जाता है.- राजस्व (आयगत) बजट तथा पुजिंगत बजट.
राजस्व बजट
राजस्व
- कर राजस्व, गैर-कर राजस्व
- सावर्जनिक उपक्रमों का लाभ
- प्रशासनिक फ़ीस
- जुर्माना एवं जब्ती
- सरकारी सम्पति का बिक्री मूल्य, अन्य
व्यय
- प्रशासनिक कार्यों पर होने वाला व्यय
- सावर्जनिक उपक्रमों को आर्थिक सहायता तथा अन्य भुगतान
- ब्याज का भुगतान
- सुरक्षा पर व्यय
- सामाजिक सेवाओं पर व्यय
- एनी व्यय
- राज्य व्यय = शुद्ध अतिरेक या घाटा
पुजिंगत बजट
प्राप्तियाँ
- चालु राजस्व से प्राप्त आधिक्य
- आन्तरिक एव ब्राहा ऋण तथा अनुदान
- लघु बचतें
- ऋणों की आद्यागी से प्राप्त भुगतान
- सावर्जनिक भविष्य निधि एवं एनी सुरक्षित निधि
- अन्य
व्यय
- राजस्व घाटा
- विकास एवं गैर-विकास-व्यय
- ऋणों का भुगतान
- मौजूदा प्रिस्मप्ती की खरीद
- अन्य
- प्राप्तियां-व्यय = नकद शेष में परिवर्तन
पूंजी घाटा
इसी तरह पूंजीगत व्यय (CE) तथा पूंजीगत प्राप्तियों (CR) के आधार पूंजी खाते के घाटे को प्रदर्शित किया जा सकता है. यदि कुल पूंजी व्यय (CE) की तुलना में कुल पूंजीगत प्राप्तियों (CR) कम होती है.
मौद्रिकृत घाटा
मौद्रिकृत घाटा = बजटरी घाटा + सावर्जनिक ऋण के सम्बन्ध में RBI का योगदान.
इस प्रकार मौद्रिकृत घाटा केन्द्रीय सरकार की शुद्ध RBI ऋण में बढ़ोतरी दर्शाता है.
प्राथमिक घाटा
राजकोषीय घाटे में से सरकार के ब्याज भुगतानों को निकाल देने से प्राथमिक घाटा मालुम हो जाता है अर्थात प्राथमिक घाटा = राजकोषीय घाटा = ब्याज का भुगतान
बजटीय शेष
राजस्व खाते शेष तथा पूंजी खाते के शेष को जोड़कर बजटीय शेष प्राप्त किया जा सकता है.
आर्थिक सुधारों से सम्बन्धित प्रमुख समितियां
रगराजन | बचत एवं निवेश सावर्जनिक व्यय |
राजा चेलैया समिति | कर सुधार |
केलकर समिति | प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कर |
केंद्र सरकार के अप्रत्यक्ष कर
आय कर | निगम कर |
धन कर | एस्टेट ड्यूटी |
व्यय कर | उपहार |
राज्य सरकार के प्रमुख प्रत्यक्ष कर
भू-राजस्व | होटल प्राप्तियों पर कर |
कृषि आय पर कर | व्यवसाय कर |
रोजगारों पर कर |
केंद्र सरकार के परोक्ष कर
केन्द्रीय उत्पादक शुल्क | सेवा कर |
सीमा शुल्क | केन्द्रीय बिक्री कर |
राजस्व सरकार के प्रमुख परोक्ष
बिक्री कर | राज्य उत्पादक शुल्क |
वाहन कर | प्रवेश कर |
विज्ञापन कर | शिक्षा उपकार |
कच्ची जुट पर कर | विध्यत कर |
स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क | डीजल एवं पेट्रोल पर बिक्री कर |
बजट के विभिन्न रूप सन्तुलित बजट,घाटे का बजट साधारण बजट,बहुद्देशीय बजट,आधिक्य का बजट आदि.
शून्य आधार बजट ये तकनीकी में बजट अनुमान शून्य से प्रारम्भ किए जाते तथा गत वर्षों के व्यय सम्बन्धी आकड़ों को कोई महत्व नही दिया जाता है.