उत्तर प्रदेश के विज्ञान, कृषि और सूचना विभाग

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उत्तर प्रदेश के विज्ञान, कृषि और सूचना विभाग

उत्तर प्रदेश में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. उत्तर प्रदेश में कृषि, स्वास्थ्य ,सूचना, पर्यावरण, अंतरिक्ष, जैव आदि प्रौद्योगिकी के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विशेष कार्य किए हैं। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत दो संस्थाएं कार्यरत हैं- सुदूर संवेदी उपयोग केंद्र, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद।

सुदूर संवेदी उपयोग केंद्र

सुदूर संवेदी तकनीक का प्रादुर्भाव लगभग तीन दशक पूरा हुआ। संपूर्ण देश में अग्रणी स्थान प्राप्त करते हुए प्रदेश स्तर का प्रथम सुदूर संवेदी उपयोग केंद्र, वर्ष 1981 में राज्य सरकार ने लखनऊ में स्थापित करने का निर्णय लिया। इस केंद्र की स्थापना, 1982 में एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में हुई।

प्रारंभ इसके प्राकृतिक संसाधनों संबंधी अध्ययन व यूरिया तथा उपग्रह सुदूर संवेदन तकनीक एवं फॉर्म तकनीकों के समन्वय से किए जाते हैं। इस केंद्र द्वारा राज्य के चहुंमुखी विकास में योगदान हेतु भू-संपदा, जल संसाधन, वन एवं कृषि संपदा, मृदा भूमि की उपयोगिता/भूमि स्थान तथा नगरीय संरचना संबंधी प्रकोष्ठ में अनेक बहुमूल्य आंकड़े सर्जित किए गए हैं।

विज्ञान एवं औद्योगिक परिषद

वर्ष 1975 ई. में उत्तर प्रदेश, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तर प्रदेश शासन के प्रशासनिक नियंत्रण में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1860 के अंतर्गत एक स्वायत्तशासी संस्था के रूप में लखनऊ में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की स्थापना की गई थी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का विकास करना एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहन देना इस परिषद का मुख्य उद्देश्य है।

विज्ञान एवं औद्योगिक परिषद के द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों, मेडिकल कॉलेजों, तकनीकी व शोध संस्थाओं, कृषि विश्वविद्यालयों, स्नातकोत्तर महाविद्यालय, स्वैच्छिक संस्थाओं, सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से विभिन्न वैज्ञानिक एवं तकनीकी पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया अथवा कराया जाता है।

सुदूर संवेदी उपयोग केंद्र, उत्तर प्रदेश द्वारा विगत दो दशकों के अपने कार्यकाल में वायुवीय उपगृहीय और पारम्परिक तकनीकों में समन्वय से राज्य के विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों संबंधी अध्ययन करके बहुमूल्य आंकड़े सर्जित किए जाते रहे हैं, जिसके द्वारा उपयोगकर्ता विभाग लाभान्वित हो सके हैं।

  • प्रशिक्षण
  • प्राकृतिक संसाधनों संबंधी एकीकृत सर्वेक्षण
  • पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संबंधी अध्ययन
  • भूमि उपयोगिता एवं नगरीय संरचना संबंधी अध्ययन
  • कृषि एवं उद्यान संबंधी अध्ययन
  • मृदा संसाधन संबंधी अध्ययन
  • वन संपदा संबंधी अध्ययन
  • भू- संसाधन संबंधी अध्ययन
  • जल संसाधन संबंधित अध्ययन

वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी उधमिता पार्क

प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं में जो युवक प्राविधिक शिक्षा ग्रहण कर रहे है उन्हे निजी उद्योग स्थापित करने हेतु आवश्यक जानकारी एव प्रेरणा देना इस प्रकार के पार्क की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है।

एच बी टी आई कानपुर, व रुड़की विश्वविधालय में इस प्रकार के दो विज्ञान एव प्रोधिगिकी उधमिता पार्क स्थापित किये जा रहे है। इस योजना मे विज्ञान एव प्रौद्योगिकी विभाग भारत सरकार, आई डी बी आई, विज्ञान एव प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश, उद्योग विभाग, उत्तर प्रदेश शासन व कुछ अन्य संस्थाओ द्वारा वितीय सहयोग प्रदान किया गया है।

सेंटर ऑफ एक्सिलेन्स

राज्य मे विज्ञान एव प्रौद्योगिकी के विशिष्ट क्षेत्रों में शोध एवं विकास हेतु आधारभूत ढांचा, कैपेसिटी बिल्डिंग तथा मानव संसाधन के संवर्धन हेतु 11वीं पंचवर्षीय योजना काल में दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई. पहला पीजीआई लखनऊ में इंसेफेलाइटिस पर शोध हेतु तथा दूसरा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मैटेरियल साइंस पर रिसर्च हेतु।

नक्षत्रशाला

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश की देखरेख में लखनऊ एवं गोरखपुर में खगोलिकी प्रति लोगों में जागरूकता व अभी रुचि उत्पन्न करने के लिए एक एक नक्षत्र शाला की स्थापना की गई है। नक्षत्र शाला विशेष रूप से डिजाइन किया गया एक ऐसा भवन होता है, जिसे विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है तथा इसके पर प्रोजेक्टर के सहयोग से उतरी रूप से का गोलिया आकाशीय ज्ञान को सजीव रुप से प्रदर्शित किया जाता है।

गोरखपुर नक्षत्रशाला

गोरखपुर में रामगढ़ ताल योजना के अंतर्गत 400 सीटों की क्षमता की नक्षत्रशाला के निर्माण का निर्णय, वर्ष 1987 में विज्ञान की लोकप्रियता का समर्थन करने के उद्देश्य से लिया गया था। इस परियोजना को किया नवनीत करने का दायित्व गोरखपुर विकास प्राधिकरण को है। इस नक्षत्रशाला के भवन आदि का सिविल कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, लेकिन आवश्यक उपकरणों की आपूर्ति/स्थापना किए जाने हेतु जिस जर्मनी कंपनी से अनुबंध किया गया था उससे विवाद उत्पन्न होने के कारण, संप्रति नक्षत्र शाला का कार्य बाधित है।

इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला

28 फरवरी 1998 को लखनऊ में गोमती नदी के किनारे सूरजकुंड पार्क के समीप 224 सीटों की क्षमता वाला इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला का शिलान्यास किया गया था। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश को मैसर्स गोटो ऑप्टिकल्स मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, जापान के साथ उपकरणों की आपूर्ति हेतु एक अनुबंध संपादित हुआ। 9 मई 2003 को इसका उद्घाटन किया गया।

रामपुर नक्षत्र शाला

प्रदेश की इस नक्षत्र शाला का निर्माण रामपुर में किया जा रहा है।

इलाहाबाद नक्षत्र शाला

यह नक्षत्र शाला इलाहाबाद के प्रसिद्ध आनंद भवन परिसर में स्थित है. इस नक्षत्रशाला के द्वारा जनमानस को विभिन्न खगोलीय घटनाओं से परिचित कराया जा रहा है।

राज्य में कृषि प्रौद्योगिकी का विकास

जनसंख्यापरक कृषि विकास की दर वृद्धि तथा विभिन्न फसलों के उत्पादन तथा प्रति हेक्टेयर उत्पादकता में वृद्धि करना कृषि प्रौद्योगिकी का मूल उद्देश्य है, जिसके द्वारा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के कृषकों को रोजगार के नए अवसर था उनकी आय में वृद्धि की जा सके.

कृषि विज्ञान केंद्र

कृषि विज्ञान केंद्र कृषि तकनीक के प्रसार हेतु भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा संचालित केंद्रीय प्रसार परियोजना है. यह प्रयोजना देशभर में पहले लगभग 300 कृषि विज्ञान केंद्रों के द्वारा प्रशिक्षण के माध्यम से अपने व्यवसाय में लगे हुए कृषकों, महिलाओं, मछुआरों, शिक्षित ग्रामीण युवकों तथा ग्राम सतरिया कृषि प्रसार कार्यकर्ताओं को व्यवसाय तथा तकनीकी ज्ञान प्रदान करती है.

राजकीय फल संरक्षण एवं डिब्बाबंद संस्थान, लखनऊ

राजकीय फल संरक्षण एवं डिब्बा बंदी संस्थान, लखनऊ द्वारा फल तथा सब्जियों को सुरक्षित तथा सुरक्षित रखने एवं उत्पाद का उसके उत्पादकों को उचित मूल्य सुलभ कराने के उद्देश्य से निरंतर शोध प्रयोग कार्य संपादित किए जा रहे हैं.

उत्तक संवर्धन प्रयोगशाला, अलीगंज, लखनऊ

अलीगंज प्रक्षेत्र में उत्तक संवर्धन प्रयोगशाला की स्थापना 1992-93 ई. में कृषकों को फल, साग भाजी एवं फूलों जैसी औद्योगिक फसलों के गुणात्मक उत्पादन हेतु व्यवसाय क्षेत्र पर उत्कृष्ट रोपण सामग्री (बीज) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अंतर्गत की गई है.

उत्तर प्रदेश एग्रो-इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन

29 मार्च 1967 ई. को इस निगम की स्थापना राज्य के कृषकों को रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशक औषधियों, प्रमाणित बीज, विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरण आदि को उचित मूल्य पर आसानी से उपलब्ध कराने एवं कृषि पर आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए की गई थी।

नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फैजाबाद

वर्ष 1978 में इस कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। यह विश्वविद्यालय कृषि एवं आर्थिक विकास में कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार के माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

कृषि डीम्ड विश्वविद्यालय

इलाहाबाद के नैनी में स्थित इस विश्वविद्यालय द्वारा भी कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।

भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ

1952 ई. में लखनऊ में भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान की स्थापना की गई। इसी संस्थान में अखिल भारतीय समन्वित गन्ना सुधार परियोजना की समन्वयक इकाई स्थित है। यह संस्थान अखिल भारतीय समन्वित बीज उत्पादन परियोजना का भी समन्वय करता है। इस संस्थान में गन्ने की खेती से संबंधित कई महत्वपूर्ण खोजें हुई है।

चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर

मार्च 1975 ई. में इस कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। राज्य में बुंदेलखंड, दक्षिणी पश्चिमी अर्ध शुष्क तथा मध्य मैदानी क्षेत्र के 30 जनपदों तक इस विश्वविद्यालय का कार्य क्षेत्र विस्तृत है। यह विश्वविद्यालय कृषि शिक्षा, शोध एवं प्रसार द्वारा इन जनपदों के विकास हेतु प्रयासरत है।

कृषि अनुसंधान द्वारा धान्य, दलहनी, तिलहनी, शाकभाजी, सारे आदि फसलों में अनेकानेक उन्नतिशील व रोग और अवरोधी प्रजातियां एवं सस्य तकनीकी विकसित कर कृषि उत्पादकता व उत्पादन बढ़ाने में विशेष योगदान दिया जा रहा है।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ

उत्तराखंड के गठन के बाद पन्तनगर स्थित कृषि विश्वविद्यालय उत्तराखंड में चला गया है। इसके फलस्वरूप राज्य सरकार द्वारा 2 अक्टूबर, 2000 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, मेरठ, मुरादाबाद एवं बरेली मंडल में कृषि शिक्षा, अनुसंधान एवं प्रसार हेतु सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ की स्थापना को ज्ञापित किया गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इस कृषि विश्वविद्यालय का शिलान्यास 28 मार्च, 2001 को किया गया।

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद

उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना जुलाई, 1989 में राज्य में कृषि विश्वविद्यालयों तथा कृषि विभाग एवं कृषि से संबंधित अन्य विभागों के कृषि संबंधित शोध एवं शिक्षण में समन्वय स्थापित करने, उसकी उपलब्धियों के क्षेत्रीय असंतुलन की समाप्ति हेतु रणनीति बनाने के उद्देश्य की प्रतिपूर्ति के लिए की गई है।

सूचना प्रौद्योगिकी

राज्य की सूचना प्रौद्योगिकी नीति, 2004

  • नई नीति में अगले 3 वर्षों में नगरीय क्षेत्रों के सभी सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
  • पूरे राज्य में फाइबर ऑप्टिक केबल बिछाई जा रही है ताकि सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ आम आदमी को मिल सके।
  • इन 6 शहरों में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क ऑफ इंडिया कि मदद से सॉफ्टवेयर पार्क स्थापित किए जा रहे हैं।
  • नई नीति में नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, इलाहाबाद से 6 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
  • वर्ष 2005 ई. तक सभी ग्रामों में दूरसंचार की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
  • नई सूचना प्रौद्योगिकी नीति के अंतर्गत है सभी जिलों में 2008 ई. तक समस्त सरकारी कामकाज का पूर्णत कंप्यूटरीकृत किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास

सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आंध्र प्रदेश की भारतीय उत्तर प्रदेश भी अग्रणी राज्य बनने के लिए प्रयासरत है।

  • जून 2001 तक राज्य के सभी जिला मुख्यालय इंटरनेट से जोड़ दिए गए हैं।
  • ग्रामीण छात्रों को कंप्यूटर शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा आगरा और अलीगढ़ में ग्रामीण कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की गई है।
  • आगरा में इलेक्ट्रॉनिक सिटी की स्थापना की योजना।
  • आगरा, नोएडा, वाराणसी, और लखनऊ में राज्य सरकार द्वारा चार नए सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्कों की स्थापना के लिए स्वीकृति दी गई है।
  • इलाहाबाद और कानपुर में इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की स्थापना की गई है।
  • उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक निगम लिमिटेड को सूचना प्रौद्योगिकी (IT) के विकास हेतु नोडल एजेंसी बनाई गई है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी का किसानों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य की कृषि मंडियों का कंप्यूटरीकरण किया गया है।
  • राज्य सरकार द्वारा 26 जनवरी, 2001 के मुख्यमंत्री सचिवालय से सभी मंडलों के प्रमुख कार्यालयों को कंप्यूटर से जोड़ने हेतु वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की योजना लागू की गई है। अब मुख्यमंत्री मंडलायुक्तो से सीधे वीडियो कॉन्फ्रेसिंग द्वारा जन समस्याओं पर जवाब तलब कर सकते हैं।
  • सरकारी कामकाज में सूचना प्रौद्योगिकी ई-गवर्नेंस को बढ़ावा दिया जा रहा है।
  • सॉफ्टवेयर विकास के मामले में राज्य को देश में दूसरा स्थान प्राप्त है।
  • मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सभी सदस्यों वाले सूचना प्रौद्योगिकी सलाहकार समूह का गठन किया गया है।

प्रदेश सचिव महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान

क्रम संख्या संस्थान अवस्थिति
1 इंडियन गर्ल एंड फॉडर रिसर्च इंस्टीट्यूट झांसी
2 स्कूल ऑफ पेपर टेक्नोलॉजी सहारनपुर
3 पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान इज्जत नगर, बरेली
4 मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ मैथ्स एंड फिजिक्स इलाहाबाद
5 इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी इलाहाबाद
6 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर
7 सेंट्रल टैक्सटाइल इंस्टीट्यूट कानपुर
8 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर
9 नेशनल सूगर रिसर्च इंस्टीट्यूट कानपुर
10 सेंट्रल मैंगो रिसर्च इंस्टीट्यूट रहमान खेड़ा ( लखनऊ)
11 इंडियन सुगरकेन रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ
12 इंडियन टेक्नोलॉजी रिसर्च  इनइंस्टीट्यूट लखनऊ
13 सेंट्रल इंडियन मेडिसिनल प्लांट्स ऑर्गेनाइजेशन लखनऊ
14 इंडस्ट्रियल टॉक्सिकोलॉजिकल रिसर्च सेंटर लखनऊ
15 नेशनल बोटैनिकल गार्डेंस लखनऊ
16 सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट लखनऊ
17 बीरबल साहनी इंस्टीट्यूट ऑफ  पेलियोंबाटनी लखनऊ

महत्वपूर्ण स्मरणीय तथ्य

  • राज्य में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद की स्थापना वर्ष 1975 में लखनऊ में की गई।
  • उत्तर प्रदेश में सुदूर संवेदी उपयोग केंद्र लखनऊ में अवस्थित है।
  • इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला की स्थापना लखनऊ में की गई है।
  • राज्य की सबसे बड़ी नक्षत्र शाला गोरखपुर नक्षत्र शाला कहलाता है।
  • उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना जुलाई, 1989 ई. में की गई है।
  • प्रदेश मैं भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान की स्थापना 1952 ई. में लखनऊ में की गई है।
  • उत्तर प्रदेश एग्रो- इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन की स्थापना मुहूर्त 1967 ई. में हुई।
  • प्रदेश में उत्तक संवर्धन प्रयोगशाला की स्थापना अलीगंज ( लखनऊ) में 1992-93 ई. में की गई।
  • प्रदेश में राजकीय फल संरक्षण एवं डिब्बाबंदी संस्थान लखनऊ में अवस्थित है।
  • प्रदेश में प्रथम सॉफ्टवेयर पार्क की स्थापना लखनऊ में की गई है।
  • केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश के लिए शहर में साइंस सिटी की स्थापना इलाहाबाद में की जा रही है।

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