हार्डवेयर
कंप्यूटर का वह भाग है, जिसे स्पर्श द्वारा अनुभव किया जा सकता है, हार्डवेयर कहलाता है.
कार्य प्रणाली के आधार पर इसे निम्न प्रकार से विभाजित किया जाता है-
- इनपुट इकाई
- आउटपुट इकाई
- मेमोरी इकाई
- प्रोसेसिंग इकाई
इनपुट इकाई
इस इकाई का प्रयोग आंकड़ों, तथ्यों एवं निर्देशों आदि को कंप्यूटर के अंदर प्रवेश करने के लिए कहा जाता है, जो निम्नलिखित है-
की-बोर्ड
यह टाइप राइटर के समान होता है, जिनके द्वारा इलेक्ट्रिक सिग्नल के माध्यम से अक्षर, एवं विदेश कंप्यूटर की प्रोसेसिंग इकाई को संप्रेषित कर सकते हैं.
माउस
यह इनपुट इकाई पद्धति के निर्देशांक प्रणाली पर आधारित है.
जायस्टिक
यह माउस के समान कार्य करने वाली और कंप्यूटर के लिए उपयुक्त इनपुट डिवाइस है.
ट्रैक बॉल
लैपटॉप में माउस के स्थान पर प्रयुक्त होने वाली इकाई है.
स्कैनर
प्रकाश संबंधित युक्तियों का प्रयोग करने वाली इकाई, जो समृद्धि प्रकाश को फोटोग्राफी या अन्य चित्रों में डिजिटलकृत करती है. केंट स्क्रीन को कंप्यूटरिकृत अक्षीय टोमोग्राफी के नाम से भी जाना जाता है.
सिटी स्कैन प्रक्रिया में एक्सरे और कंप्यूटर प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके शरीर के अंदर की संरचना के अनुभागीय चित्र बनाए जाते हैं. इसे सबसे पहले विकसित करने वाली कंपनी के नाम पर इसे पहले ईएमआई भी कहा जाता है. इसमें किसी वस्तु के 2D चित्र लेकर उन्हें कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए 3D में परिवर्तित कर दिया जाता है.
लाइट पेन
यह मॉनिटर पर सीधे लिखने के लिए प्रयुक्त इकाई है.
ध्वनि पहचान प्रणालियों
यह बोले गए शब्दों को पहचान कर उन्हें कंप्यूटर के लिए डिजिटल संकेतों में बदलने के लिए प्रयुक्त की जाती है.
आउटपुट इकाई
इनपुट इकाई से प्रेषिति तथ्य एवं निर्देश प्रोसेसिंग इकाई क्रियान्वित होने के लिए जिस भाग के पास जाते हैं, उसे आउटपुट इकाई कहते हैं, जो निम्नलिखित है-
मॉनिटर
यह घरों में उपयोग होने वाले TV के समान अधिकाशत कैथोड रे ट्यूब प्रणाली पर आधारित है.
प्रिंटर
इसका उपयोग कई प्रकार की कार्य प्रणाली पर आधारित आंकड़ों, संख्याओं, चित्रों, ग्रहों या अन्य प्रकार की सूचनाओं को कागज पर अंकित करने के लिए किया जाता है. लेजर प्रिंटर ओं की तुलना में डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में होते हैं. लेजर प्रिंटर के आविष्कारक अमेरिकी वैज्ञानिक गिरी स्टारकवेटर थे. पहला कार्मसीरियल लेजर प्रिंटर वर्ष 1976 में लाया गया.
प्लांटर
इसका प्रयोग मानचित्र या ग्राफों से संबंधित है, आरेखन कार्य में किया जाता है.
ग्राफिक डिस्प्ले डिवाइस
यह वीडियो टर्मिनल है. जिसका प्रयोग ग्राफ एवं चित्र युक्त आंकड़ों को प्रदर्शित करने में किया जाता है.
स्पीच आउटपुट यूनिट
इसका प्रयोग कंप्यूटर में संग्रहित अक्षरों के समूह को पढ़कर उसे बोले जाने योग्य वाक्य में परिवर्तित करने में किया जाता है.
मेमोरी इकाई
सूचनाओं को बाद में प्रयोग में लाने हेतु कंप्यूटर में मेमोरी इकाई का उपयोग किया जाता है, जो मुख्यतः दो प्रकार ( प्राइमरी मेमोरी तथा सेकेंडरी मेमोरी) की होती है.
प्राइमरी मेमोरी
रैम(RAM)
इसे रैंडम एक्सेस मेमोरी कहा जाता है. यह कंप्यूटर की मेन मेमोरी होती है. यह वोलेटाइल मेमोरी होती है, जिस में संग्रहित डाटा PC के ऑफ होने के बाद समाप्त हो जाता है.
रोम(ROM)
इसे रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है जो कंप्यूटर के निर्माण में ही स्थापित कर दी जाती है. यह एक ऐसी नॉन वोलेटाइल मेमोरी है, जो कंप्यूटर के बंद हो जाने पर भी डाटा को सुरक्षित रखती है.
सेकेंडरी मेमोरी
माइक्रो SD कार्ड
यह एक ऐसा मेमोरी कार्ड होता है, जिसको मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, GPS नेविगेशन डिवाइस टेबलेट कंप्यूटर में सूचना भंडार के लिए उपयोग किया जाता है.
USB डिवाइस
यूनिवर्सल सीरियल बस डिवाइस कंप्यूटर के साथ प्रयोग एक एसी युक्ति है, जो तेजी से डाटा विनियम करने के लिए प्रयोग की जाती है.
हार्ड डिस्क
इसे डिस्क, हार्ड ड्राइव एवं हार्ड डिस्क ड्राइव भी कहा जाता है. यह एक नॉन वोलेटाइल भंडार युक्ति है, जो कि विद्युत चुंबकीय वाली गोलाकार डिसक पर डिजिटल रूप में इनकोडेड आंकड़ों का संग्रह करती है. इसकी खोज वर्ष 1950 में की गई थी. हार्ड डिस्क की सेट रोटेशन की गति 4500 से 7200 RPM होती है. सामान्यतः इसकी क्षमता 20 GB से 80 GB तक होती है. वर्तमान में सबसे अधिक समता की हार्ड डिस्क 4 टेराबाइट की है.
फ्लॉपी डिस्क
इसका प्रयोग कम मात्रा में सूचनाओं को संग्रहित कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है. यह मेग्नेटिक के ऑक्साइड से बनी होती है, जिस पर प्लास्टिक चढ़ी होती है. यह ठोस चुंबकीय प्रणाली पर आधारित होती है तथा इसकी क्षमता 360 के बीच 1.44 MB तक होती है.
सीडी
इसमें लेजर तकनीक का प्रयोग करते हुए सूचना एवं आंकड़ों का संग्रह किया जाता है. इसकी 650 MB से 850 MB तक होती है. प्लास्टिक सीडी रोम के भीतर प्रकाश को परावर्तित करने वाली एक एलुमिनियम की परत होती है.
डीवीडी
यह प्रकाश की संग्रह तकनीक पर आधारित भंडार युक्ति है. इसकी सूचना भंडारण क्षमता 4.5 GB से 20 GB तक होती है. इसके दो प्रकार हैं- DVD वीडियो और डीवीडी R+
पेन ड्राइव
यह एक USB उपकरण है, जो विभिन्न जानकारियों एवं सूचनाओं का संग्रह करता है. इसकी मेमोरी क्षमता अधिक होती है.
ब्लू-रे डिस्क
ब्लू -रे डिस्क, विश्व के अग्रणी, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, PC एवं मीडिया निर्माताओं ( एप्पल, डेल, एचपी, जेविसी,सोनी ) के द्वारा विकसित, अगली पीढ़ी की एक ऑप्टिकल डिस्क है. इसका विकास हाई डेफिनिशन ( HD) वीडियो की रिकॉर्डिंग, रेड राइडिंग व प्लेबैक तथा बड़ी मात्रा में आंकड़ों का संग्रह करने के लिए किया गया. इसकी भंडार क्षमता सिंगल लेयर में 25 GB और डबल लेयर में 50 GB होती है..
होलोग्राफिक डिस्क
यह होलोग्राफिक डिजिटल टेक्नोलॉजी पर आधारित प्लास्टिक से बनी एक डिस्क है. इसमें लगभग 1 टेराबाइट डेटा संग्रह किया जा सकता है.
कैश मेमोरी
प्राइमरी तथा सेकेंडरी मेमोरी के अतिरिक्त एक अन्य विशेष प्रकार की कैश मेमोरी का प्रयोग किया जाता है, जो अत्यधिक तेज transfer का उपयोग करती है और प्रोसेसर को किसी विशेष मेमोरी का उपयोग अत्यंत तेजी से करने की सुविधा प्रदान करती है. कैश मेमोरी प्रोफेसर और मानक बी रेम माड्यूलर के बीच बफर के रूप में कार्य करती है.
प्रोसेसिंग इकाई
सीपीयू कंप्यूटर के सभी कार्यों कोई कथा तथा संयोजित कर के संपूर्ण प्रणाली को नियंत्रित करता है. यह कुंजीपटल जैसी विभिन्न इनपुट युक्तियों द्वारा उसको जारी अनुदेशकों का पालन करता है तथा प्रिंटर जैसी विभिन्न आउटपुट युक्तियों के लिए आउटपुट को संयोजीत करता है. सीपीयू की कार्य निष्पादन क्षमता को प्राय: MHz तथा GHz में मापा जाता है. यह वस्तु के कंप्यूटर की क्लॉक स्पीड को बताता है. सीपीयू को मुख्यतः तीन भागों में बांटा जाता है
कंट्रोल यूनिट
कंप्यूटर को दिए गए डाटा तथा निर्देशों को नियंत्रित करती है
अर्थमेटिक लॉजिक
कंप्यूटर पर दिए गए डेटा तथा निर्देशों पर अंक गणितीय क्रियाओं ( जोड़, घटा, गुणा, भाग इत्यादि ) तथा तार्किक क्रिया करने के लिए प्रयोग की जाती है.
मेमोरी
यह कंप्यूटर का वह भाग है, जिसमें सभी डाटा तथा निर्देशों को संग्रहित किया जाता है. यदि यह भाग में हो, तो कंप्यूटर को दिया गया डाटा तथा निर्देश तुरंत ही नष्ट हो जाएगा
CPU
PC या माइक्रो कंप्यूटर के CPU में एक छोटा सा माइक्रोप्रोसेसर होता है, जो कंप्यूटर में लॉजिक चुप के रूप में इस्तेमाल किया जाता है और लोजीकल ऑपरेशन को उत्पन्न करता है. पहला माइक्रोप्रोसेसर वर्ष 1970 में इंटेल कंपनी द्वारा बनाया गया था, जिसका नाम इंटेल 4004 था. वर्तमान में इंटेल द्वारा निर्मित पेंटियम चिप या प्रोसेसर सर्वाधिक प्रचलित है. इसके अतिरिक्त मोटोरोला की चिप एवं एडवांस एथोलेन की भी प्रमुख है.