आपने earthing के बारे में घर में जरुर सुना होगा या अगर आप electrician की study कर रहे हो तो यह शब्द बार बार इस्तेमाल किया जाता है. अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो इस आर्टिकल में हम आपको Earthing क्या है? ( Earthing Hindi ) और इसके कितने प्रकार होते है के बारे में पूरी जानकरी देंगे.
Earthing क्या है? – What is Earthing in Hindi ?
किसी भी equipment को एक तार के सहारे safety purpose के लिए earth से जुडी Plate या Electrode से Connect करना ही earthing कहलाता है.
Definition की बात करें तो अर्थिंग एक ऐसी process है जिसमें हम किसी उपकरण या मशीन के non-current वाले धातु भागों को एक Low Resistance Conductor के द्वारा Earth के साथ जोड़ते है।
Earthing कैसे काम करती है?
जब भी किसी वजह से किसी उपकरण या मशीन में fault आ जाता है तो उसका धातु वाला भाग में भी Current बहने लगता है जिससे उसे इस्तेमाल करने वाले इंसान को electric shock लग सकता है. अगर वह machine या equipment सही तरीके से Earth की गयी है तो उस धातु भाग में आने वाला Current को सीधे Earth में चला जाता है और उसे इस्तेमाल करने वाले को किसी प्रकार का electric shock लगता है.
Earthing की जरूरत क्यों होती है?
घर, फैक्ट्री, ऑफिस, हर जगह पर हमें Earthing की जरूरत पड़ती है. अगर सही मायने में कोई अपने घर में Electric Meter लगवाना चाहते है घर में MCB और Proper Connection के साथ साथ Earthing सही तरीके से होना चाहिए. Electric Shock से बचने के लिए, Voltage Stabilization और Overload Protection के लिए Earthing की जरूरत पड़ती है.
Earthing और Grounding में क्या अन्तर है?
इसके बीच में वैसे को बड़ा Difference नहीं है Earthing में हम Equipment के non-current carrying part को connect करते है और Grounding में current carrying part को connect करते है. इनके symbol में अंतर नहीं होता है. Earthing इंसान को Electric Shock से बचाता है और Grounding Power System को protect करता है.
Grounding | Earthing |
इसमें Zero Potential नहीं होता. | इसमें Potential Zero होता है. |
इसका इस्तेमाल Power System को protect करने के लिए किया जाता है | इसका इस्तेमाल electric shock से बचने के लिए किया जाता है. |
यह तीन प्रकार की होती है –
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यह 5 प्रकार की होती है.
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इसके wire का कलर काला होता है. | इसकी wire का कलर हरा होता है. |
इसका इस्तेमाल unbalance load को balance करने के लिए किया जाता है. | इसका इस्तेमाल Electric shock से बचने के लिए किया जाता है. |
Earthing के लिए क्या क्या सामान की आवश्यकता होती है?
यह आपके Earthing के Type पर भी depend करता है की आपको किस किस सामान की आवश्यकता होगी. तो सबसे पहले आपको Earthing के प्रकार को select करना जरुरी है. लेकिन कुछ common चीजें है जिसकी जरूरत हर तरह की Earthing में पड़ती है. जैसे
- Earth Continuity Conductor
- Earthing Lead
- Earth Electrode
Earthing के प्रकार – Types of Earthing Hindi
- Strip और Wire Earthing
- Coil Earthing
- Pipe Earthing
- Rod Earthing
- Plate Earthing
- Earthing Through Water Mains
- Chemical Earthing
Strip और Wire Earthing
इस तरह की अर्थिंग में strip electrode का इस्तेमाल किया जाता है जिसका Cross Section 25mm X 1.6mm कम से कम होना चाहिए. इसको धरती के भीतर कम से कम 5 मीटर नीचे तक लगाना होता है. अगर Copper का इस्तेमाल किया जाए तो इसका Cross Section 25mm X 4mm कम से कम होना चाहिए. ये अर्थिंग ज्यादातर पहाड़ी एरिया में की जाती है.
Coil Earthing
इस तरह की अर्थिंग में 8 SWG की wire को 50mm diameter में coil का आकार देकर बनाई जाती है इसके लिए गड्ढा 1800mm Depth और 600mm section होना चाहिए.
Pipe Earthing
इसमें 25mm की GI Pipe जो की 2 से 3 मीटर लम्बी हो उसे ground में गाढ़ दिया जाता है इसकी depth आपके soil और water के nature पर डिपेंड होती है. ज्यादा नमी वाले इलाकों में इसकी गहरी 9 से 10 फुट तक रख सकते है एयर अगर आपके यहाँ पर मिट्टी का प्रकार रेतली है तो इसे ज्यादा गहरे में गाड़ा जाना चाहिए. इसके बाद में इस pipe के चारों और नमक और कोयला डालकर ढक देना चाहिए और ऊपर के सिरे पर Earthing के लिए तार को जोड़ देना चाहिए.
Rod Earthing
इस अर्थिंग में 12 mm की कॉपर की रोड का इस्तेमाल किया जाता है और उसे धरती में गाड दिया जाता है. इसके साथ इसमें आपको clamp के द्वारा एक Copper wire भी connect करनी होती है जिससे आप इसे आसानी से equipment के साथ connect कर सके.
Plate Earthing
इस तरह की अर्थिंग में कॉपर की प्लेट जिसका आकार 60cm X 60cm X 3.18mm हो का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी जगह आप GI प्लेट का इस्तेमाल भी कर सकते है. GI Plate का Size 60cm X 60cm X 6.36mm होना चाहिए. जिस भी प्लेट का आप इस्तेमाल करते है उसमें आपको 8 SWG की Wire (Copper Wire का इस्तेमाल Copper Plate पर और GI Wire का इस्तेमाल GI Plate पर ) को कनेक्ट करना है. इसे आपको धरती में कम से कम 3 से 5 मीटर नीचे तक install करना है. इसको इनस्टॉल करने के बाद में आपको इस पर चारकोल और साल्ट का मिश्रण डालना है.
Earthing Through Water Mains
इस तरह की अर्थिंग में Ground Water Pipe के साथ GI या Copper wire को clamp कर दिया जाता है. इसके लिए Ground Water Pipe धातु की होनी जरुरी है जिससे Faulty Current को Ground में भेजकर neutral किया जा सके.
Chemical Earthing
इस तरह की अर्थिंग में वैसे तो rod या pipe की ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इनके साथ साथ इसमें bentonite और graphite का इस्तेमाल होता है जिससे resistivity को कम किया जा सके.
Earthing के फायदे – Advantages of the Earthing system Hindi
- इससे electric shock के बचा जा सकता है जिससे किसी भी faulty device को touch करने पर electric Shock नहीं लगता.
- Voltage Stabilization में ये काफी मदद करता है.
- अर्थिंग Over Voltage से आपके मशीन और दुसरे electric device को protect करता है.
- यह बिल्डिंग को आकाशीय बिजली गिरने से भी बचाता है.
Earthing करते समय सावधानियाँ
जब भी आप कहीं पर अर्थिंग सिस्टम लगवा रहे है या पहले लगा हुआ है तो आपको कुछ चीजों का हमेशा ध्यान रखना होगा.
- आप नमी वाले स्थान पर ही अर्थिंग पाइप लगवाए.
- अर्थिंग वायर ढीली नहीं होनी चाहिए.
- अर्थिंग पॉइंट को कवर करना चाहिए.
- जहाँ पर अर्थिंग सिस्टम लगाया गया है वहां पर ईंटों से कवर बना कर उसे ढक दें ताकि उसमें धुल मिट्टी ना जाए.
- गर्मी के मौसम में अर्थिंग सिस्टम में नमी बनाये रखना जरुरी है तो इसके लिए आप पानी का इस्तेमाल करें.
घर में अर्थिंग कैसे करें? – How to install Earthing System Hindi ?
अगर आप अपने घर में अर्थिंग करना चाहते है तो आप Pipe या फिर Rod type earthing कर सकते है. यह ज्यादा खर्चीला भी नहीं होगा. https://www.youtube.com/watch?v=XO9Kh60z3fU इसके लिए आपको एक pipe या rod की जरूरत होगी जिसके साइज़ के बारे में हमने आपको ऊपर के सेक्शन में बताया है.
Earthing करने का तरीका
- सबसे पहले आपको नमी वाली जगह के पास एक 30 x 30 cm का 8 से 10 फुट गहरा गड्ढा खोदना है.
- इसके बाद में आपको 2 से 3 मीटर लम्बी Pipe (38mm Dia) लेकर उसे 12mm के gap में छेद करवा लेने है.
- इसके बाद में इसे एक Socket की मदद से पतली pipe ( 19mm Dia) से जोड़ देना है.
- अब आपको इस pipe को गड्ढे में डालकर इसमें एक परत कोयला फिर एक परत नमक और फिर दोबारा कोयला और नमक की परत लगा देनी है.
- Pipe के ऊपरी हिस्से पर आपको Funnel लगा देना है ताकि बाद में आप इसमें नमी बनाने या Resistance कम करने के लिए chemical डाल सकें.
- इसके बाद में आपको Clamp के जरिये अर्थिंग Wire को इससे Pipe के ऊपरी हिस्से से कनेक्ट कर देना है.
- अब आपको मिट्टी डाल कर गड्ढे को बंद कर देना है.
- इस तरह से आप घर में अर्थिंग सिस्टम लगा सकते है.
Earthing System में इस्तेमाल होने वाले शब्द
- Solidly Earthed
- Earth Electrode
- Earthing Lead
- Earth Continuity Conductor
- Earth Resistance
Solidly Earthed
किसी भी मशीन या उपकरण को बिना किसी Fuse, CB या फिर प्रतिरोध के सीधे Electrode से जोड़ दिया जाए तो उसे Solidly Earthed कहते है.
Earth Electrode
अर्थिंग में इस्तेमाल होने वाली धातु की plate, rod, strip आदि Earth Electrode कहलाती है.
Earthing Lead
अर्थिंग सिस्टम और उपकरण या मशीन को एक दुसरे से connect करने वाली wire को कम earthing lead कहते है.
Earth Continuity Conductor
यह भी earthing सिस्टम का एक हिस्सा है सभी Conduit, ducts, boxes, metal casing of switches, switch fuses, fuse distribution boards, regulating और controlling apparatus को earthing से connect करता है या हम इसे third Conductor भी कह सकते है जो की आपको Socket में देखने को मिल जाएगा.
Earth Resistance
Earth Electrode और मशीन या उपकरण के बीच मापा गया प्रतिरोध Earth Resistance कहलाता है. NFPA और IEEE के हिसाब से इसकी Value 5 Ohms या इससे कम होनी चाहिए. आज इस आर्टिकल में हमने आपको Earthing Hindi के बारे में बताया. अगर आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बताएं.
5 replies on “Earthing क्या है और इसके प्रकार”
Types of electrical motor in Hindi , types of Transformers and how to work Transformers in Hindi , and how to work HVAC system in Hindi.
Bahut hi detailed information daal hai aapne…. aapke lekh mujhe bahut pasand aaye. Earthing ko lekar log aaj ke date me jyda jaagrook nahi hai par aapke article padh kar logo ko kafi jaankari mil jayegi
Is lekh ke liye aapko shubkaamna
gharelu arthing me kitna kharch aata hai
gharelu arthing me kitna kharch aata hai vstar se batayen
sabse achhi arthing ke bare me kharch sahit vistar se batayen.