आपने earthing के बारे में घर में जरुर सुना होगा या अगर आप electrician की study कर रहे हो तो यह शब्द बार बार इस्तेमाल किया जाता है. अगर आपको इसके बारे में जानकारी नहीं है तो इस आर्टिकल में हम आपको Earthing क्या है? ( Earthing Hindi ) और इसके कितने प्रकार होते है के बारे में पूरी जानकरी देंगे.
किसी भी equipment को एक तार के सहारे safety purpose के लिए earth से जुडी Plate या Electrode से Connect करना ही earthing कहलाता है.
Definition की बात करें तो अर्थिंग एक ऐसी process है जिसमें हम किसी उपकरण या मशीन के non-current वाले धातु भागों को एक Low Resistance Conductor के द्वारा Earth के साथ जोड़ते है।
जब भी किसी वजह से किसी उपकरण या मशीन में fault आ जाता है तो उसका धातु वाला भाग में भी Current बहने लगता है जिससे उसे इस्तेमाल करने वाले इंसान को electric shock लग सकता है. अगर वह machine या equipment सही तरीके से Earth की गयी है तो उस धातु भाग में आने वाला Current को सीधे Earth में चला जाता है और उसे इस्तेमाल करने वाले को किसी प्रकार का electric shock लगता है.
घर, फैक्ट्री, ऑफिस, हर जगह पर हमें Earthing की जरूरत पड़ती है. अगर सही मायने में कोई अपने घर में Electric Meter लगवाना चाहते है घर में MCB और Proper Connection के साथ साथ Earthing सही तरीके से होना चाहिए. Electric Shock से बचने के लिए, Voltage Stabilization और Overload Protection के लिए Earthing की जरूरत पड़ती है.
इसके बीच में वैसे को बड़ा Difference नहीं है Earthing में हम Equipment के non-current carrying part को connect करते है और Grounding में current carrying part को connect करते है. इनके symbol में अंतर नहीं होता है. Earthing इंसान को Electric Shock से बचाता है और Grounding Power System को protect करता है.
Grounding | Earthing |
इसमें Zero Potential नहीं होता. | इसमें Potential Zero होता है. |
इसका इस्तेमाल Power System को protect करने के लिए किया जाता है | इसका इस्तेमाल electric shock से बचने के लिए किया जाता है. |
यह तीन प्रकार की होती है –
| यह 5 प्रकार की होती है.
|
इसके wire का कलर काला होता है. | इसकी wire का कलर हरा होता है. |
इसका इस्तेमाल unbalance load को balance करने के लिए किया जाता है. | इसका इस्तेमाल Electric shock से बचने के लिए किया जाता है. |
यह आपके Earthing के Type पर भी depend करता है की आपको किस किस सामान की आवश्यकता होगी. तो सबसे पहले आपको Earthing के प्रकार को select करना जरुरी है. लेकिन कुछ common चीजें है जिसकी जरूरत हर तरह की Earthing में पड़ती है. जैसे
इस तरह की अर्थिंग में strip electrode का इस्तेमाल किया जाता है जिसका Cross Section 25mm X 1.6mm कम से कम होना चाहिए. इसको धरती के भीतर कम से कम 5 मीटर नीचे तक लगाना होता है. अगर Copper का इस्तेमाल किया जाए तो इसका Cross Section 25mm X 4mm कम से कम होना चाहिए. ये अर्थिंग ज्यादातर पहाड़ी एरिया में की जाती है.
इस तरह की अर्थिंग में 8 SWG की wire को 50mm diameter में coil का आकार देकर बनाई जाती है इसके लिए गड्ढा 1800mm Depth और 600mm section होना चाहिए.
इसमें 25mm की GI Pipe जो की 2 से 3 मीटर लम्बी हो उसे ground में गाढ़ दिया जाता है इसकी depth आपके soil और water के nature पर डिपेंड होती है.
इस अर्थिंग में 12 mm की कॉपर की रोड का इस्तेमाल किया जाता है और उसे धरती में गाड दिया जाता है.
इस तरह की अर्थिंग में कॉपर की प्लेट जिसका आकार 60cm X 60cm X 3.18mm हो का इस्तेमाल किया जाता है. इसकी जगह आप GI प्लेट का इस्तेमाल भी कर सकते है.
इस तरह की अर्थिंग में Ground Water Pipe के साथ GI या Copper wire को clamp कर दिया जाता है. इसके लिए Ground Water Pipe धातु की होनी जरुरी है जिससे Faulty Current को Ground में भेजकर neutral किया जा सके.
इस तरह की अर्थिंग में वैसे तो rod या pipe की ही इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इनके साथ साथ इसमें bentonite और graphite का इस्तेमाल होता है जिससे resistivity को कम किया जा सके.
जब भी आप कहीं पर अर्थिंग सिस्टम लगवा रहे है या पहले लगा हुआ है तो आपको कुछ चीजों का हमेशा ध्यान रखना होगा.
अगर आप अपने घर में अर्थिंग करना चाहते है तो आप Pipe या फिर Rod type earthing कर सकते है. यह ज्यादा खर्चीला भी नहीं होगा. https://www.youtube.com/watch?v=XO9Kh60z3fU इसके लिए आपको एक pipe या rod की जरूरत होगी जिसके साइज़ के बारे में हमने आपको ऊपर के सेक्शन में बताया है.
किसी भी मशीन या उपकरण को बिना किसी Fuse, CB या फिर प्रतिरोध के सीधे Electrode से जोड़ दिया जाए तो उसे Solidly Earthed कहते है.
अर्थिंग में इस्तेमाल होने वाली धातु की plate, rod, strip आदि Earth Electrode कहलाती है.
अर्थिंग सिस्टम और उपकरण या मशीन को एक दुसरे से connect करने वाली wire को कम earthing lead कहते है.
यह भी earthing सिस्टम का एक हिस्सा है सभी Conduit, ducts, boxes, metal casing of switches, switch fuses, fuse distribution boards, regulating और controlling apparatus को earthing से connect करता है या हम इसे third Conductor भी कह सकते है जो की आपको Socket में देखने को मिल जाएगा.
Earth Electrode और मशीन या उपकरण के बीच मापा गया प्रतिरोध Earth Resistance कहलाता है. NFPA और IEEE के हिसाब से इसकी Value 5 Ohms या इससे कम होनी चाहिए. आज इस आर्टिकल में हमने आपको Earthing Hindi के बारे में बताया. अगर आपका इससे जुड़ा कोई सवाल या सुझाव है तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बताएं.
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