HSSC

हरियाणा राज्य के जैन साहित्य एवं वास्तुकला

आज इस आर्टिकल में हम आपको हरियाणा राज्य के जैन साहित्य एवं वास्तुकला के बारे में बताने जा रहे है.

हरियाणा राज्य के जैन साहित्य एवं वास्तुकला

हरियाणा राज्य के जैन साहित्य एवं वास्तुकला

भगवतीदास के द्वारा लिखे साहित्य

चतुर बनजारा मनक रहरास, अनेकों अर्थ माला, सीता सुत, जोगीरासा मधु बिन्धक चौपाई, टझना रास व ,मृणाककलेरवा चरित.

बनारसीदास के द्वारा लिखे साहित्य

नवरास रचा अर्द्ध कथानक, नाटक समयसार, बनारसी विलास, नामा माला, मोह विवेक युद्ध.

विजयानन्द सूरी के द्वारा लिखे साहित्य

नवतत्व आत्म बावनी, रत्नावली, जैन तत्वादर्श व अज्ञात तिथि भास्कर.

पुष्पदंत के द्वारा लिखे साहित्य

कोष ग्रन्थ, जसहर चरिउ व टीसटटिय महापुरिस गुणालंकर.

मालदेव के द्वारा लिखे साहित्य

देवदत चौपाई, वीरानगत चौपाई भोज प्रबंध, स्थूलभद्र फागु, पुरन्दर चौपाई व सुर सुन्दरी चौपाई.

बूचराज उर्फ़ बल्ह के द्वारा लिखे साहित्य

देवदत चौपाई, विरांगत चौपाई भोज प्रबंध, स्थूलभद्र फागु,पुरन्दर चौपाई व सुर सुन्दरी चौपाई.

श्रीधर अपरवाल के द्वारा लिखे साहित्य

पासणह चरिउ, सुकमाल चरिउए भविसयत चयरिउ व आमेर शास्त्र भण्डार.

जगतराय के द्वारा लिखे साहित्य

सभ्यक्तय कौमुदी, आगम विलास व पदमन्नदी पत्र विशन्तिका.

सुन्दरदास के द्वारा लिखे साहित्य

सुंदर श्रृंगार, सुंदर विलास. सुंदर सतसई, पाखण्ड पचासीका व धर्म सहेली.

रूपचन्द्र पाण्डेय के द्वारा लिखे साहित्य

मंगलगीत, घित परमार्थी, रूपचन्द्र शतक व परमार्थी शतक.

आनन्दधन के द्वारा लिखे साहित्य

आनंदबन्धन बहोतरी

गोवर्द्धनदास के द्वारा लिखे साहित्य

शकुन विचार

धर्मपाल के द्वारा लिखे साहित्य

श्रतु पंचमी रास व आदिनाथ स्तवन.

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के बारे में विस्तृत जानकारी

कला एवं वास्तुकला

हरियाणा प्रदेश की कला की झलक हम वास्तुकला, मूर्तिकला व चित्रकला व नृत्यकला में स्पष्ट रूप से देख सकते है. कला के विविध पहलुओं ने मिलकर इस प्रदेश की संस्कृति को आत्मीय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.

यहाँ की वास्तुकला, नृत्यकला,  चित्रकला, मूर्तिकला की अपनी विविध विशेषताएँ है जो इसे हरियाणा  संस्कृति के रूप में परिभाषित करवाने का काम करती है. हरियाणवी कला के विविध पहलुओं व तथ्यों का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है.

वास्तुकला

  1. दिव्यवदान में उल्लेखित है, कि रोहतक नगर 12 योजन लम्बा तथा 7 योजन चौड़ा था, जिसका रक्षा करने के लिए इर्द-गिर्द रक्षात्मक दीवारों की सरंचना थी, जिसमें कुल 62 दरवाजें बने हुए थे.
  2. वैदिक साहित्य में भी हमें इस प्रदेश संबंधी आलीशान भवनों का ज्ञान प्राप्त होता है.
  3. चेनेटी का स्तूप प्राचीन धार्मिक इमारत का सबसे प्रमुख उदहारण है, जिसकी वास्तुकला उतम दर्ज की है. यह हिन्दू-मुस्लिम वास्तुकला में मिश्रण का सबसे अच्छा उदहारण है. इसे ‘अकबरी स्टाइल’ भी कहा जाता है.
  4. प्राचीन ग्रन्थों में राज्य में दस  प्रसिद्ध दुर्गों का वर्णन मिलता है,जिसमें से तीन का उल्लेख नकुल दिग्विजय में ही मिलता है.
  5. बलबन द्वारा निर्मित गोपलगीरि का मध्यकालीन दुर्ग दिल्ली-गुडगाँव पर स्थित है.
  6. हरियाणा में नवीन पद्धति में बसाया  गया पहला शहर करनाल है.
Share
Published by
Manoj Swami

Recent Posts

CGPSC SSE 09 Feb 2020 Paper – 2 Solved Question Paper

निर्देश : (प्र. 1-3) नीचे दिए गये प्रश्नों में, दो कथन S1 व S2 तथा…

5 months ago

CGPSC SSE 09 Feb 2020 Solved Question Paper

1. रतनपुर के कलचुरिशासक पृथ्वी देव प्रथम के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा…

6 months ago

अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए – List of Gazetted Officer

आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे की अपने डॉक्यूमेंट किससे Attest करवाए - List…

6 months ago

Haryana Group D Important Question Hindi

आज इस आर्टिकल में हम आपको Haryana Group D Important Question Hindi के बारे में…

6 months ago

HSSC Group D Allocation List – HSSC Group D Result Posting List

अगर आपका selection HSSC group D में हुआ है और आपको कौन सा पद और…

6 months ago

HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern – Haryana Group D

आज इस आर्टिकल में हम आपको HSSC Group D Syllabus & Exam Pattern - Haryana…

6 months ago