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मध्य प्रदेश की प्रमुख नवीन योजनाएं एवं विकास कार्यक्रम

मध्यप्रदेश के ऐसे जिले जहां जातिगत आधार पर महिलाओं को वेश्यावृत्ति अपनानी पड़ती है. उनके परिवार के लड़के-लड़कियों हेतु उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और अनुरक्षण के समुचित उपाय आरंभ करने की जाबालि योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही है. इस योजना के अंतर्गत उनके बच्चों के साथ साथ उन महिलाओं के स्वास्थ्य और रोगों की जांच और परीक्षण, उनके लिए सम्मानजनक रोजगार शुरु करने का प्रावधान किया गया है. इन महिलाओं को अपना रोजगार शुरू करने हेतु प्रारंभ में समूह के साथ महिला ₹25,000 के ऋण, तो 5 वर्ष में वापसी योग्य, यह योजना राज्य के मुरैना, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन और सागर जिलों में शुरू की गई है.

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में 11 से 18 वर्ष की आयु की बालिकाओं हेतु दो योजनाएं लागू की है. यह योजना 18 जिलों के 48 विकास खंडों में चलाई जा रही है. योजना का लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेगा जिनकी वार्षिक आय 6400 ₹ से कम है। इसके अंतर्गत बालिकाओं को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से शिक्षा दी दी जाएगी और ने पोषण आहार भी दिया जाएगा। 15 से 18 वर्ष आयु समूह है बालिकाओं को अनौपचारिक शिक्षा दी जाएगी।

मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति के श्रम शिल्पीओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दृष्टि मध्य प्रदेश श्रम विकास निगम द्वारा जनता जूता निर्माण योजना चलाई जा रही है। प्रथम चरण में यह योजना भोपाल में इंदौर जिलों में चलाई गई है। इसके तहत अनुसूचित जाति के चरम की शिलिपियों को 25 प्रति जोड़े जूते की दर से उत्पादन की मजदूरी दी। जूता निर्माण में लगने वाला सभी कच्चा माल निगम द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।

मध्य प्रदेश के अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्टांप वेंडर योजना प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत हितग्राही को ₹35,000 का ऋण स्वरोजगार योजना के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। इसमें ₹5000 का अनुदान भी मिलेगा। इसमें हितग्राही को स्टाम्प पेपर टिकट की कुल बिक्री का 3% कमीशन प्राप्त होगा।  नवंबर 1994 में मध्य प्रदेश शासन ने 13 नवीन योजनाओं की घोषणा की है इन आर्थिक विकास योजनाओं का लाभ मुख्यतः समाज के कमजोर वर्गो, अनुसूचित जाति तथा जनजाति और शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों के बेरोजगारों का मिलेगा-

  • नवजीवन योजना- आगामी 1 वर्ष में शहरी गरीबों के लिए 50,000 भूखंड आवंटन का लक्ष्य।
  • वसुंधरा योजना- अनुसूचित जाति जनजाति भूमिहीन कृषकों को भूमि खरीदने के लिए ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किए जाने का कार्यक्रम,
  • जल जीवन योजना- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कृषकों के लिए सामूहिक सिंचाई योजना।
  • स्वावलंबन योजना- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के निर्धन व्यक्तियों को दुकान देने की घोषणा।
  • पवन पुत्र योजना- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के निर्धन युवकों को ऑटो रिक्शा और टेंपो के माध्यम से स्वरोजगार उपलब्ध कराने की योजना।
  • मधुबन योजना- इसके अंतर्गत आधुनिक प्रीति के डेयरी फार्म और दूसरे पशुपालन विकास फार्म स्थापित किए गए। जिन्हें समुदाय के आधार पर अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों द्वारा चलाया जाएगा।
  • निर्मित योजना (शराब ठेका समिति)- इसके अंतर्गत से कुशल श्रमिकों को भवन निर्माण संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • सहकार योजना- इस योजना के अंतर्गत कुशल श्रमिकों को सीधा लाभ दिलाने के लिए खनिज एवं इंटर भट्टा सहकारी समितियां बनाई जाएगी।
  • रफ्तार योजना- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के श्रमिकों को संगठित कर यातायात समिति बनाई जाएगी और उन्हें ट्रक या बस खरीदने के लिए ऋण अनुदान दिया जाएगा।
  • वनजा योजना- इस योजना का उद्देश्य आदिवासी (लघु वनोपज जो पर आश्रित है) श्रमिकों को उनके निवास के निकट ही लघु उद्योग में लाभप्रद रोजगार दिलाना।
  • धमतरी योजना- अनुसूचित जाति एवं जनजाति के युवकों के लिए प्राइवेट प्रैक्टिस के लिए सहायता देने की योजना।
  • न्याय योजना- अनुसूचित जाति व जनजाति के वकीलों के लिए योजना।
  • सहारा योजना- विकलांग व निराश्रितों के लिए विशेष सहायता योजना।

भूमिहीन श्रमिक परिवारों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के समय सुरक्षा एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने संबंधी वात्सल्य योजना।

अस्पतालों में भर्ती महिलाओं के लिए उपचार सुविधा संबंधित आयुष्मति योजना ग्रामीण क्षेत्रों के भूमिहीन परिवारों कि बीमार महिलाओं के विषय में है। इसके अंतर्गत मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों में भर्ती होने वाली महिलाओं को उनके प्रति रहने के दौरान दवा और पोष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाएगा।

कल्पवृक्ष योजना अनुसूचित जनजाति की महिलाओं को सीधा रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लागू की जा रही है इस योजना की शुरुआत रायगढ़ से की गई है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर था उत्पादकता को बढ़ाने के लिए ग्रामोद्योग विभाग की स्थापना की गई है। वह विभाग ग्रामीण क्षेत्रों को नए उद्योगों से युक्त करना सुनिश्चित करेगा।

किसानों को ऋण दिलाने की लाचारी से छुटकारा दिलाने के लिए कृषि विकास मंडल का गठन किया गया।

उच्च गुणवत्ता के बीजो, रोपण सामग्री ओद्योगिक तथा वाणिज्यिक फसलों पर आधारित कृषि प्रसंस्करण औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन देने के लिए प्रदेश शासन ने कृषि जोत की उत्तम सीमा में सीमित छूट देने का निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश इस दिशा में निर्णय करने वाला देश का प्रथम राज्य है। इस योजना से कृषि पर आधारित उद्योग लगाने के लिए इस सेक्टर में पूंजी निवेश की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

विश्व बैंक ने मध्यप्रदेश में वन संरक्षण और संवर्द्धन के लिए 800 करोड रुपए की योजना मंजूर की है यह योजना विवेच्य वर्ष 1995 से संपूर्ण राज्य में लागू है।

मध्यप्रदेश में एक स्वायत्त संस्था के रूप में राजीव गांधी प्रायमरी एजुकेशन मिशन की स्थापना 1994 में की गई है। इसका उद्देश्य सभी को विशेष लड़कियों को प्राथमिक शिक्षक उपलब्ध कराना। केंद्र सरकार ने मिशन को एक करोड रुपए की आर्थिक सहायता दी है।

मध्यप्रदेश शासन ने प्रदेश की सीधी भर्ती से भरी जाने वाली सेवाओं में अधिकतम आयु सीमा में 3 वर्ष की छूट देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के परिणाम स्वरुप लाजवंती होने वाले लोगों की लिए अधिकतम आयु सीमा 33 वर्ष होगी। ओमान की एक कंपनी के साथ हुए एक समझौते में भारतीय पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ने एक तेल शोधक कारखाना बिना में लगाने का निर्णय लिया है। इसकी क्षमता 60 लाख टन है जो बी पी सी एल के बाद दूसरा कारखाना होगा।  हलाली परियोजना का 1 लीटर का नाम सम्राट अशोक सागर परियोजना भी है। यह वृहत सिंचाई परियोजना विदिशा एवं रायसेन की संयुक्त परियोजना है।

विश्व बैंक मध्य प्रदेश में सड़कों के रखरखाव और मरम्मत के लिए ₹1000 से अधिक की वित्तीय सहायता देने पर सहमत हो गया है। विश्व बैंक द्वारा सड़क नेटवर्क को सुधारने के लिए चुने गए नौ राज्यों में मध्य प्रदेश भी है। प्रसिद्ध पर्यावरण वैज्ञानिक एवं नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण के निदेशक डॉ अफरोज अहमद को संयुक्त राष्ट्र के इंटरनेशनल लीडरशिप पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन करके लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य से एक पंचायत एक उत्पाद योजना मध्यप्रदेश के पन्ना जिले में शुरू की जा रही है।  इसके तहत प्रत्येक पंचायत के क्षेत्र के लोगों को किसी एक उत्पाद के उत्पादन में विशिष्टकरण दिलाया जाएगा तथा उनके उत्पादन का एक विपणन प्रदेश भर में किया जाएगा।  मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने 31 जुलाई 2003 को भोपाल में स्टेट बैंक ऑफ इंदौर की एम्पलाइज प्लस योजना का शुभारंभ किया स्टेट बैंक ऑफ इंदौर शाखा द्वारा शुरू की गई. मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने 25 सितंबर 2004 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर पांच बड़ी जनहित योजनाओं की घोषणा की है इन योजनाओं का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है-

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दीनदयाल समर्थ योजना

मानसिक एवं शारीरिक रूप से निशक्त लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें हर दृष्टि से सक्षम बनाने के लिए मध्य प्रदेश शासन द्वारा प्रारंभ की गई है। योजना को राज्य मंत्रिमंडल की 2 जून 2004 की बैठक में स्वीकृति प्रदान की गई थी। समय सीमा इस योजना पर ₹30करोड़ 33 लाख 53 हजार व्यय करने की राज्य सरकार की योजना है।

इस योजना के तहत निशक्त बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे शिक्षकों को ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष प्रशिक्षण दिए जाएंगे स्कूलों में निशुल्क शैक्षणिक सामग्री के साथ साथ छात्रवृत्ति व अन्य भत्ता प्रदान किया जाएगा।

इस योजना में निशक्तों के रोजगार के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं।  व्यावसायिक परिसरों में 1% तथा शासकीय नौकरियों में 6% आरक्षण की व्यवस्था उनके लिए की जाएगी भोपाल एवं इंदौर में विशेष रोजगार प्रकोष्ठ इन के लिए स्थापित किए जाएंगे। निशक्त जनों की सेवा में सलंग्न संस्थाओं को विशेष प्रोत्साहन योजना के तहत दिया जाएगा इसके अतिरिक्त जिला विकलांग एवं पुनर्वास केंद्रों का विस्तार पूरे प्रदेश में किया जाएगा निशक्त जनों के लिए टेलीफोन हेल्पलाइन भी प्रारंभ की जाएगी।

गोकुल ग्राम प्रकल्प योजना 2004

25 सितंबर 2004 से प्रारंभ की गई इस योजना के तहत चुनिदा गांव का एक वर्ष में समन्वित ढंग से पंचज के आधारभूत सिद्धांतों के आधार पर एकीकृत विकास किया जाएगा। इस गांव में सभी आधारभूत सुविधाएं जुटाई जाएगी प्रत्येक गोकुल ग्राम में 10 लाख की लागत से पंडित दीनदयाल उपाध्याय उत्कृष्टता विद्यालय की स्थापना की जाएगी। गोकुल ग्राम योजना का शुभारंभ तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने भोपाल के निकट अकबरपुरा ग्राम पंचायत के तहत ग्राम सलैया से किया। अगले 4 वर्षों में प्रदेश के लगभग 20,000 गांवों को श्रम सुविधा संपन्न गोकुल ग्रामों के रूप में विकसित करने की राज्य शासन की योजना है।

दीनदयाल अंत्योदय उपचार योजना- 2004

25 सितंबर 2004 को प्रारंभ की गई यह योजना अनुसूचित जाति जनजातीय गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए है। योजना के तहत इन वर्गों के लोगों का इलाज शासन द्वारा अपने खर्चे कराया जाएगा तथा इस पर 1 वर्ष में प्रति परिवार अधिकतम ₹20000 की राशि शासन द्वारा व्यय की जाएगी। इसके लिए नीले और पीले रंग के विशेष कार्ड हितग्राही परिवारों को शासन द्वारा उपलब्ध कराए जाएंगे।

दीनदयाल रोजगार योजना- 2004

इस योजना के माध्यम से शिक्षित बेरोजगारों की मदद की जाएगी। बैंकों से ऋण प्राप्त करने के लिए आवश्यक मार्जिन मनी भी इस योजना के तहत बेरोजगारों को मध्यप्रदेश शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के अंतर्गत 2012-13 में लक्ष्य 3,000 के लिए दिसंबर 2012 तक के 891 शिक्षित बेरोजगारों को राशि 77.42 लाख रुपए वितरित की गई है।

अयोध्या योजना 2004

मध्यप्रदेश में गांव के लिए लागू की गई गोकुल ग्राम प्रकल्प योजना की तर्ज पर ही शहरी झुग्गी बस्तियों के लिए अयोध्या योजना प्रारंभ की गई है। भोपाल में राहुल नगर पंपापुर आ में प्रदेश पहली अयोध्या बस्ती काला पण मुख्यमंत्री ने 4 अक्टूबर 2004 को किया।

अयोध्या बस्ती योजना के तहत झुग्गी बस्तियों में अच्छी सड़कों, नालियों, विजय, साफ सफाई पेयजल आपूर्ति की समुचित व्यवस्था राज्य शासन द्वारा की जाएगी।  तथा इन स्थानों पर रहने वालों को मूलभूत सुविधाओं के लिए कहीं भटकना नहीं पड़ेगा।

स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना

मध्यप्रदेश शासन ने विद्यालय एवं महाविद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ उनके लिए उपयुक्त के लिए अवसरों की जानकारी देने के लिए स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना तैयार की है। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा तैयार की गई इस योजना का उद्देश्य युवा पीढ़ी के लिए शिक्षा के साथ अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना है। स्कूली शिक्षा तकनीकी शिक्षा तथा आदिम जाति कल्याण विभाग के सहयोग से इस योजना का संचालन किया जाएगा। योजना के तहत मध्यप्रदेश के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में कैरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ शुरू किए जाएंगे। इन प्रकोष्ठों में कैरियर मार्गदर्शन कार्य के लिए प्रशिक्षित अध्यापक एवं प्राध्यापक विद्यार्थियों को कैरियर संबंधी मार्गदर्शन देंगे। ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को कृषि संबंधित पाठ्यक्रम और कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्रों के अच्छे रोजगार के अवसरों के बारे में भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। इस योजना के लिए वर्ष 2005-06 में करीब डेढ करोड रुपए की राशि मंजूर की गई थी। यह योजना एक निरंतर प्रक्रिया के रूप में जारी रखी जाएगी ताकि आगामी वर्षों में प्रदेश के छात्रों को कैरियर चुनने में किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। इंटरनेट के माध्यम से भी कैरियर के अवसरों की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना- 2005

केंद्र सरकार की राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना 2005 के प्रथम चरण के लिए चयनित देश के कुल 200 जिले में से 18 जिले मध्य प्रदेश के हैं।  18 जिले हैं- झाबुआ, मंडला, उमरिया, शहडोल, बड़वानी, खरगोन (पश्चिम निमाड़) शिवपुरी, सिद्धि, टीकमगढ़, बालाघाट, छतरपुर, बेतूल, खंडवा (पूर्वी निमाड़), शयोपुर, धार, सिवनी, डिंडोरी और सतना।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत इस योजना के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय वर्ष 2006-07 में राज्य सरकार द्वारा 140 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।

विवेकानंद समूह बीमा योजना

मध्यप्रदेश शासन ने निर्धनता रेखा से नीचे के परिवारों के व्यस्क परिजनों को दुर्घटना बीमा का लाभ पहुंचाने के लिए यह योजना प्रारंभ की है। इसका शुभारंभ 28 जनवरी 2006 को किया गया।

इस बीमा योजना के लिए राज्य सरकार ने 3.45 करोड रुपए की राशि आईसीआईसीआई लोंबार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी को प्रदान की है। प्रदेश के परिवारों के 18 से 65 वर्ष की आयु के लगभग 2 करोड लोगों को बीमा सुरक्षा कवच इससे प्राप्त होगा।

बाल शक्ति योजना

मध्य प्रदेश में बाल संजीवनी अभियान के तहत अक्टूबर-नवंबर 2005 में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि राज्य में 5 वर्ष तक की आयु के 33.48 लाख बच्चे कुपोषण का शिकार है। यह राज्य में इस उम्र के कुल बच्चों की संख्या का लगभग 50% है। कुपोषित बच्चों में 10,913 बच्चे श्रेणी-4 के तथा 67,352 बच्चे श्रेणी-3 के कुपोषण के शिकार पाए गए। कुपोषित बच्चों में अधिकांश निर्धन एवं पिछड़े वर्गों के ही थे।

बच्चों में कुपोषण दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा बाल शक्ति योजना प्रारंभ की गई। जन स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संयुक्त रुप से संचालित इस योजना का लक्ष्य श्रेणी-4 व श्रेणी – 3 के कुपोषित बच्चों की संख्या घटाकर 1% तक लाना है।

विजया राजे जननी कल्याण बीमा योजना

गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की गर्भवती महिलाओं की सहायता के लिए योजना मध्य प्रदेश में संचालित है। इस योजना के तहत लक्षित महिलाओं को प्रसव के दौरान इलाज में खर्च किए हुए की प्रतिपूर्ति के रूप में ₹1,000 और प्रसव के दौरान मृत्यु होने पर उसके उत्तराधिकारी को बिमित राशि के भुगतान के रूप में ₹50,000 की राशि दी जाती है. इस योजना का लाभ तभी दिया जाता है जब संबंधित महिला द्वारा प्रसव पूर्व  3 जांच कराई गई हो और प्रसव अस्पताल में हुआ हो। यदि किसी महिला का प्रसव में मान्यता प्राप्त संस्थानों में होता है तो योजना का लाभ मिलेगा, किंतु राशि का भुगतान अस्पताल का होगा। इस भुगतान के अतिरिक्त जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत दें बी पात्रता अनुसार ₹1,400 अथवा ₹1,000 दिए जाते हैं।

लाड़ली लक्ष्मी योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने कन्याओं के लिए एक नई लाड़ली लक्ष्मी योजना 1 अप्रैल 2007 से शुरू की है। इसके लिए 24 करोड का प्रावधान राज्य सरकार के 2007-08 के बजट में किया गया है. 1 अप्रैल 2007 से शुरु की गई अपने किस्म की इस अनूठी योजना के तहत कन्याओं के विवाह तक की जरूरतों को ध्यान रखा गया है। सभी धर्मों में जातियों की कन्याओं के लिए शुरू की गई इस योजना से दो बच्चों तक सीमित गैर आयरकदाता परिवारों कि वह सभी कन्या लाभान्वित हो सकेंगी जिनका जन्म 31 दिसंबर 2005 के बाद हुआ हो। उनका प्रदेश के किसी आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकृत होना आमतौर पर नियमित उपस्थिति होना जरूरी रखा गया है। हर दंपति की दो बेटियों के साथ साथ अनाथालय व अनुरक्षण की राहों में रह रही बच्चियों भी इस योजना से लाभान्वित हो सकेगी।

योजना के तहत कन्या का पंजीयन होने पर लगातार 5 वर्षों तक ₹6,000 के राष्ट्रीय बचत पत्र उसके नाम से खरीदे जाएंगे। इस प्रकार कुल ₹3,000 का निवेश हर पंजीकृत कन्या के नाम पर किया जाएगा। इस निवेश के ब्याज से कन्या को पांचवी कक्षा पास करने पर दो हजार रुपए, आठवीं पास करने पर 4000 और दसवीं कक्षा पास करने पर 7.5 हजारों में एकमूशत दिए जाएंगे.  11वीं व 12वीं कक्षा में प्रतिमाह ₹200 की छात्रवृत्ति उसे दी जाएगी. अंत में ₹1,00,000 की राशि कन्या को 21 वर्ष की आयु में दी जाएगी।  यदि 18 वर्ष की उम्र से पूर्व विबाह ना किया हो। वर्तमान में संशोधन अनुसार यदि प्रथम प्रसूति के समय एक साथ तीन लड़कियां होने पर तीनों लड़कियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना का लाभ मिलेगा।

मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना

मध्यप्रदेश में कृषि श्रमिकों के हितार्थ एक ने मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना का शुभारंभ 1 नवंबर 2007 को राज्य के स्थापना दिवस पर किया गया। इस योजना के अंतर्गत पंजिबंद्ध श्रमिक एवं उसके परिवार को प्रसूति और चिकित्सा सहायता योजना के साथ ही श्रमिकों के बच्चों को छात्रवृत्ति, विवाह सहायता तथा दुर्घटना में मृत्यु होने पर बीमा योजना का लाभ और अंत्येष्टि के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। पंजीयन के लिए मजदूर को ₹10 के शुल्क के साथ दो पासपोर्ट साइज की फोटो देने होंगे। योजना के अंतर्गत ₹30,000 तक की सहायता स्वीकृत करने के अधिकार जनपद पंचायत को रहेंगे तथा इससे अधिक की स्वीकृत जनपद पंचायत की अनुशंसा पर जिला पंचायत के द्वारा दी जाएगी।

मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना

मध्यप्रदेश में निर्धनता रेखा से नीचे की जनसंख्या को रियायत मूल्य पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना का शुभारंभ 26 अप्रैल 2008 को किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एम वैकाय नायडू ने इसका शुभारंभ भोपाल में किया। इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों को गेहूं ₹3 प्रति किलोग्राम चावल ₹4.50 प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध कराया जाएगा। प्रत्येक बीपीएल परिवार को प्रतिमाह अधिकतम 20 किलोग्राम अनाज इस योजना के तहत प्राप्त हो सकेगा।

तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण योजना

मध्य प्रदेश में महिलाओं के हितार्थ एक नई तेजस्विनी महिला ग्रामीण सशक्तिकरण योजना को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी 5 जून 2006 को प्रदान की है।  इंटरनेशनल फंड फॉर एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के सहयोग से लागू की जाने वाली 161.59 करोड रुपए की क्योंकि इस परियोजना द्वारा 6 जिलों के 2,400 गांवों में 1,200 महिला स्व-सहायता समूह का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। इस परियोजना से 1.80 लाख महिलाएं लाभान्वित होंगी जिन 6 जिलों में प्रयोजना लागू की जाएगी उनमें बालाघाट, इंडोर, मंडला, पन्ना, छतरपुर और टीकमगढ़ शामिल है।

परिजनों का मुख्य उद्देश्य स्व-सहायता समूह का गठन करना, उनका यह सिर्फ संगठन तैयार करना तथा महिलाओं की माइक्रो फाइनेंस इन सेवाओं तक पहुंच बढ़ाने के साथ साथ महिलाओं के लिए नए एवं बेहतर जीविका उपार्जन के अवसर उपलब्ध कराना है। तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण परियोजना का क्रियान्वयन महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत मध्य प्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम द्वारा किया जाएगा।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना प्रदेश में अप्रैल 2009 से प्रारंभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत तत्कालीक रूप एक 1.03 लाख एवं शहरी क्षेत्र में 0.68 कुल 1.72 लाख विधवाओं को लाभान्वित करने हेतु नि:शक्त हितग्राहियों को लाभान्वित करने हेतु समस्त जिलों को आवंटन जारी किया गया।  2009-10 में ₹4500 लाख के आवंटन के विरोध में 2750.00 लाख का व्यय किया गया।

राम रोटी योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के शहरी गरीबों को भरपेट भोजन मुहैया कराने के लिए राम रोटी योजना शुरू की है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिवस 25 दिसंबर 2010 को आरंभ की गई है योजना राज्य के चार शहरों (भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर) में चलाई गई है। शहरों के नाभिकीय निकायों द्वारा चलाई गई इस योजना के तहत गरीबों को मात्र ₹5 में भरपेट भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना का खर्च नगर निगम द्वारा वहन किया जाएगा। इस योजना के तहत शहर में नियम समय पर नगर निगम के दफ्तर, बस, रेलवे स्टेशन तथा अन्य स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके तहत नगर निगम द्वारा कायम किए जाने वाले सभी काउंटरों पर पर्याप्त मात्रा में भोजन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है ताकि कोई भी गरीब इससे वंचित ना रह सके। इसके अलावा भोजन की गुणवत्ता तथा मात्रा पर विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।

सबला योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 15 जिलों में किशोरी बालिकाओं के लिए सबला योजना लागू करने का निर्णय लिया है। 15 चयनित जिले- श्योपुर, राजगढ़, सीधी, नीमच, झाबुआ, टीकमगढ़, रीवा, भिंड, दमोह, सागर, जबलपुर, भोपाल, बेतूल एवं बालाघाट है। सबला योजना के तहत 11 से 14 वर्ष की पढ़ाई छोड़ देने वाली बालिकाओं एवं 15 से 18 वर्ष की समस्त किशोर बालिकाओं को लाभान्वित करने का प्रावधान है। किशोर बालिकाओं को आयरन फोलिक एसिड की गोलियां एवं आवश्यकतानुसार अन्य दवाइयों के अलावा उनके पोषण एवं स्वास्थ्य वृद्धि, उन्हें पर आधारित जीवन उपयोगी कौशल उनयन एवं परिवार तथा शिशु रक्षा के संबंध में जागरूकता प्रदान करना इस योजना का लक्ष्य है।

सबला योजना में इसके अतिरिक्त किशोर बालिकाओं को घर ले जाने वाले राशन के रूप में पोषण आहार को सप्ताहिक रूप से प्रदान करना है। पोषण आहार व्यवस्था में आने वाले व्यय भार की राशि में से 50% राशि केंद्र एवं 50% राज्य राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। राज्य स्तर पर सबला योजना के क्रियान्वयन एवं समन्वय के लिए अध्यक्षता में अंतर विभागीय समिति के गठन का निर्णय लिया गया है।

मुख्यमंत्री बालक हृदय उपचार योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने हृदय रोग से पीड़ित गरीब बच्चों के इलाज के लिए मुख्यमंत्री बालक हृदय उपचार योजना आरंभ की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 जुलाई 2011 को भोपाल के एक निजी अस्पताल में इस योजना का शुभारंभ किया है।

इसके अतिरिक्त मध्य प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जाने वाली अन्य महत्वपूर्ण परियोजना निम्नलिखित है-

  • आम आदमी बीमा योजना
  • जननी सुरक्षा योजना
  • मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना
  • गरीब रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों की जानकारी योजना।

मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना

मध्य प्रदेश के बुजुर्गों को प्रदेश के भारतीय तीर्थ स्थानों की यात्रा कराने के उद्देश्य से एक अनूठी योजना प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना नाम से शुरू की गई इसे योजना के तहत प्रदेश के बाहर स्थित विभिन्न स्थलों के लिए विशेष रेलगाड़ियां राज्य सरकार द्वारा आईआरसीटी के सहयोग से चलाई जाएगी। इस योजना के तहत पहली विशेष रेलगाड़ी रामेश्वरम की यात्रा के लिए 3 सितंबर 2012 को तथा दूसरी रेलगाड़ी अजमेर शरीफ की यात्रा के लिए 13 सितंबर 2012 को भोपाल से रवाना की गई।

योजना के तहत 60 वर्ष से अधिक उम्र के ऐसे व्यक्ति जो आयकर दाता नहीं है। इस योजना के तहत बद्रीनाथ, श्री केदारनाथ, हरिद्वार, अमरनाथ, गया, अमृतसर, सम्मेद, शरीफ, वैष्णो देवी, जगन्नाथ पुरी, काशी, द्वारकापुरी, तिरुपति, शिरडी के लिए यात्रा कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने 25 सितंबर 2012 को मुख्यमंत्री अभिभावक पेंशन योजना को मंजूरी प्रदान की। इस योजना के तहत ऐसे माता-पिता को पेंशन मिलेगी जिनके केवल बेटियां हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए माता-पिता में से कोई भी कर दाता नहीं होना चाहिए और दोनों में से किसी एक की आयु 60 वर्ष या इससे अधिक हो जाइए।

पंच परमेश्वर योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में पंच परमेश्वर योजना 9 जनवरी 2012 को शुरू की। ग्राम पंचायत को अधिक शक्तिशाली बनाना है। इस योजना के अंतर्गत राज्य की 23,000 से अधिक मतों को विभिन्न योजनाओं के लिए एकश्मुत धन दिया जाना चाहिए। इस योजना के शुरू होने के ग्राम पंचायतों को विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत टुकड़ों टुकड़ों में धन मुहैया कराया जाएगा।

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2013 को योजना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के लिए स्वयं का उद्योग, सेवा, व्यवसाय, स्थापित करने हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना।

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम

प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम 15 अगस्त 2008 से प्रारंभ  किया गया है। जिसके लिए खादी ग्रामोद्योग आयोग को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। योजना के क्रियान्वयन हेतु खादी ग्रामोद्योग आयोग\खादी ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में तथा उद्योग संचालनालय के अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्रों के माध्यम से लक्ष्य का 50% ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 50% शहरी क्षेत्रों में पूर्ण किया जाएगा।

रानी दुर्गावती अ. जा.\अ. ज. जा. स्वरोजगार योजना

वर्ष 2011-12 के लिए 3500 अनुसूचित जाति एवं जनजाति के हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया जिसके विरुद्ध 2628 शिक्षित बेरोजगारों को राशि 2294.38 लाख की मार्जन मनी स्वीकृति उपरांत वितरित कर लाभान्वित किया गया।

पेट्रोलिंग द टाइगर लेड योजना

मध्य प्रदेश के वन विभाग ने 3 अगस्त 2010 को पेट्रोल इन द टाइगर लैंड योजना बनाई। इसे 16 अक्टूबर 2010 से आरंभ करने का निर्णय लिया गया। इस योजना के तहत पर्यटक रिजर्व में वन रक्षकों के साथ पैदल घूम सकेंगे। पर्यटकों को इसके लिए टाइगर रिजर्व के प्रवेश द्वार पर अपने पंजीयन करना होगा। एक बार में एक गश्ती दल के साथ 4 पर्यटक ही जा सकेंगे।

मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की शुरुआत 1 अप्रैल 2013 को कि। इस योजना का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के लिए स्वयं का उद्योग सेवा व्यवसाय स्थापित करने हेतु बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराना।

नर्मदा मालवा गंभीर लिंक परियोजना

मध्य प्रदेश सरकार ने 17 जून 2014 को गंभीर लिंक परियोजना को मंजूरी दी है। भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में नर्मदा नियंत्रण मंडल की बैठक में परियोजना के कार्यन्वयन को मंजूरी दी है। इसके अलावा 2,143 करोड रुपए की राशि एंड nlmgp की नदी जोड़ो परियोजना के लिए स्वीकृत की गई है। यह परियोजना मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन जिलों में 158 गावों की सिंचाई सुविधा हेतु करेगा यह देश की 50,000 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी। इसके अलावा, एनएलएमजीपी के तहत किसी भी बांध के निर्माण और किसी भी पुनर्वास और पुन:स्थापन का कोई जरूरत नहीं होगी। नर्मदा का पानी 416 मीटर की ऊंचाई तक ऊपर उठाया जाएगा। परियोजना को मालवा क्षेत्र में भूजल स्तर और पीने के पानी की कमी की गिरावट को कम करने के लिए प्रस्तावित किया जाएगा।

एम. शिक्षा मित्र

मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षकों को विभिन्न सेवाएं तथा शैक्षणिक कार्य संबंधी जानकारी सहायक एवं सरल रूप से उपलब्ध करवाने के लिए एम शिक्षा मित्र नाम से सितंबर 2015 में मोबाइल एप्लीकेशन का शुभारंभ किया। इसके साथ ही शिक्षकों को लाभान्वित करने के लिए एक को विकसित करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन गया। एनआईसी द्वारा विकसित एम शिक्षा मित्र एप को एंड्राइड मोबाइल फोन में गूगल के प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकेगा।

उजाला योजना

केंद्रीय मंत्री भारत सरकार का कार्यक्रम ज्योति द्वारा सभी के लिए एलइडी (उजाला) 30 अप्रैल 2016 को भोपाल में उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन बिजली मंत्रालय पीएसयू कंपनी लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है।

अंतरा योजना

मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने 15 अगस्त 2017 को अंतरा योजना का शुभारंभ किया इस योजना को प्रदेश में लागू करने का उद्देश्य बच्चों में अंतर रखने एवं बढ़ती हुई जनसंख्या को रोकना है। मध्य प्रदेश में योजना के तहत महिलाओं को इलाके के आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की सलाह से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में गायनिक विशेषज्ञ महिलाओं को अंतरा नामक इंजेक्शन लगाया जाएगा इस अंतरा इंजेक्शन से महिलाओं को 5 वर्षों के अनचाहे गर्भ से छुटकारा पा सकेगी।

सरदार वल्लभ भाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में सरदार वल्लभभाई पटेल नि:शुल्क औषधि वितरण योजना के तहत जिला सीता सहित जिले के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रत्येक वर्ग के रोगियों को न्यूनतम आवश्यक दवाओं को नियंत्रित करने के लिए शुरू की गई है। योजना के तहत सभी शासकीय चिकित्सालयों में जेनेरिक दवाई नि:शुल्क वितरित की जा रही है।

रुक जाना नहीं योजना

मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग ने असफल विद्यार्थियों के लिए रुक जाना नहीं योजना के तहत परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। इस योजना के तहत दो बार परीक्षा का आयोजन किया जा चुका है तथा इन दो परीक्षाओं में असफल विद्यार्थियों के लिए तृतीय परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है।

मध्य प्रदेश पिंक लाईसेस योजना – महिलाओं एवं बालिकाओं को नि:शुल्क ड्राइविंग लाइसेंस-

मध्यप्रदेश में महिला एवं बाल विकास, परिवहन व शिक्षा विभाग के द्वारा पिंक लाइसेंस योजना के तहत महिलाओं एवं बालिकाओं को निशुल्क ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान किए जाने लगे हैं। इस अभियान के तहत ड्राइविंग लाइसेंस दिसंबर 2017 में पिंक कलर के लिफाफे में दिए जाएंगे।

शिल्पकार प्रशिक्षण योजना मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में राजकीय\निजी प्रशिक्षण योजना शुभारंभ किया। इसे योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद एवं राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद केंद्रों में संचालित पाठ्यक्रमों तथा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस संचालित पाठ्यक्रमों में सैद्धांतिक व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाता है।

मध्यप्रदेश मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना : किसान ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन फॉर्म फॉर भावांतर पोर्टल-

मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने किसानों के लाभ के लिए मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना की शुरुआत की। भावांतर भुगतान योजना के तहत विभागीय पोर्टल लांच किया गया। जिस पर किसान अपना पंजीकरण कर ले सकते हैं। राज्य सरकार किसानों की फसल खेत से मंडी तक पहुंचाने के लिए खर्चा देगी।

मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री युवा उधमी स्वरोजगार योजना

मध्य प्रदेश सरकार ने बेरोजगारी युवाओं व युवतियों के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्योग योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत सरकार ऑनलाइन आवेदन करती है। इस योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश सरकार राज्य के युवाओं को अपना व्यवसाय उद्योग स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।

मध्य प्रदेश आर्थिक कल्याण योजना : बीपीएल श्रेणी के बेरोजगार युवाओं के लिए

केंद्र और राज्य सरकार ने बीपीएल श्रेणी के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की है। उस दिन का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन\ऑफलाइन आवेदन पत्र आमंत्रित किया जाता है। इस योजना को देश के प्रशिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

मध्य प्रदेश विधवा पुनर्विवाह योजना 2018

मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय विभाग ने राज्य की विधवाओं के लिए विधवा पुनर्विवाह योजना 2018 को लागू किया है।  इस योजना के उद्देश्य विधवा महिलाओं के दोबारा घर बसाने को प्रोत्साहित करने के लिए एक सराहनीय पहल की है। इस योजना में विधवा महिलाओं से विवाह करने वाले पुरुष को ₹2,00,000 की नगद राशि देने का फैसला किया है।

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