आज इस आर्टिकल में हम आपको Physics Lesson – ऊष्मा के बारे में पूरी जानकारी दे रहे है. ऊष्मा के बारे में हमने आपको अलग अलग सेक्शन में बताया है.
ऊष्मा (Heat) एक उर्जा होती है, जिससे हमें वस्तु की गर्माहट की अनुभूति होती है.
इसका मात्रक कैलोरी, किलो कैलोरी तथा जुल है 1 कैलोरी = 4.186
ताप (Temperature) किसी वस्तु की गर्माहट तथा ठण्डक का मापन है जब दो वस्तुएँ सम्पर्क में स्थित होती है, तो ऊष्मा का प्रवाह सदैव उच्च ताप वाली वस्तु से निम्न ताप वाली वस्तु की और होता है.
वस्तु के ताप को मापने के लिए जो यंत्र प्रयोग किया जाता है, उसे थर्मामीटर कहते है.
मानव शरीर का सामान्य ताप 37०C या 98.4० F है. -40०C पर ताप सेल्सियस और फारेनहाईट में एकसमान होते है.
डॉक्टरी थर्मामीटर 96० F से 110० F तक के ताप को मापता है.
पारे का हिमांक -39०C होता है. तथा इससे नीचे का ताप मापने के लिए एल्कोहल युक्त थर्मामीटर का प्रयोग किया जाता है.
एल्कोहल का हिमांक -25०C होता है.
सेल्सियस व फारेनहाइट मापक्रमों पर किसी पिण्ड के ताप में सम्बन्ध F-32/9=C/5 होता है.
पायरोमीटर से सूर्य के ताप को मापा जाता है. किस भी वस्तु का ताप -273.15०C से कम नहीं हो सकता है, इसे केलि्वन पैमाने पर K लिखते है, अर्थात् K=-273.15०C एंव 273.16K=0०C
जब किसी पदार्थ को गर्म किया जाता है, तो उसका ताप बढ़ने से उसके अनेक भौतिक गुणों में परिवर्तन हो जाता है.
इनमे से एक महत्वपूर्ण प्रभाव पदार्थ के आकार में वृद्धि हो जाना है, इसी को पदार्थ का उष्मीय प्रसार (Thermal Expansion) कहते है.
यह प्रसार ठोसों में सबसे कम तथा गैसों में सर्वाधिक होता है.
ठोस वास्तु को गरम किया जाता है , तो उसकी लम्बाई व चौड़ाई दोनों में वृदि हो जाती है अर्थात् क्षेत्रफल में वृद्धि हो जाती है.
ताप वृद्धि के करण ठोस के क्षेत्रफल में हुई वृद्धि को ठोस का क्षेत्रीय प्रसार कहते है; जैसे- टिन की चादरों में प्रसार
क्षेत्रीय प्रसार गुणांक β = क्षेत्रफल में वृद्धि/प्ररम्भिक आयतन X ताप वृद्धि
ठोस का आयतन प्रसार ठोसों को गर्म करने पर उनके आयतन में होने वाली वृद्धि को ठोस का आयतन प्रसार कहते है; जैसे -लोहे की ठोस गेंद का प्रसार
आयतन प्रसार गुणांक γ = आयतन में वृद्धि/प्रारम्भिक आयतन X ताप वृद्धि
अनुपात α:β:γ = 1:2:3
किसी पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा, (Specific Heat) ऊष्मा की वह मात्रा है, जो उस पदार्थ के एकांक द्रव्यमान में एकांक ताप वृद्धि उत्पन्न करती है. इसका मात्रक जूल/किग्रा/केलिवन होता है.
जल की विशिष्ट ऊष्मा सबसे अधिक होती है.
ताप बढ़ने पर अधिकतर पदार्थो की विशिष्ट ऊष्मा बढती है.
जल की विशिष्ट ऊष्मा 0०C से 4०C तक ताप बदने पर घटती है तथा इसके बाद बढती है.
जल की विशिष्ट ऊष्मा 15०C पर 4180 जूल/किग्रा/केलिवन होती है. पारे की विशिष्ट ऊष्मा कम होती है.
सोने की विशिष्ट ऊष्मा 130 जूल/किग्रा/केलिवन होती है.
नियत ताप पर पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के लिए अनावश्यक ऊष्मा की मात्रा को पदार्थ की गुप्त ऊष्मा (Latent Heat) कहते है.
बर्फ के गलन की गुप्त ऊष्मा 80 कैलोरी/ग्राम है. तथा वाष्पन की गुप्त ऊष्मा 540 कैलोरी/ग्राम है.
वह युक्ति जिसके द्वारा ऊष्मा का यांत्रिक कार्य में रूपांतरण किया जा सकता है, ऊष्मा इंजन कहलाती है.
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