उत्तर प्रदेश खेल-जगत को दी जाने वाली सुविधा और पुरस्कार

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उत्तर प्रदेश खेल-जगत को दी जाने वाली सुविधा और पुरस्कार

प्रदेश के सभी जनपदों में खेल तथा खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने लगभग 70 स्टेडियम, विभिन्न प्रकार के खेलों के लिए 49 क्रीडा हॉल तथा 26 तरणतालों का निर्माण कराया है। इसके साथ ही साथ राज्य सरकार ने सिंथेटिक रनिंग ट्रैक तथा कृत्रिम घास मैदान की भी व्यवस्था कराई है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक, एशियाई कॉमनवेल्थ, एफ्रो एशियन इत्यादि खेलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ियों को नगद धनराशि प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त टीम के प्रत्येक खिलाड़ी सदस्य को स्वर्ण, रजत तथा कांस्य पदक जीतने पर नकद धनराशि दी जाती है।

खेलों पर अपना जीवन न्यौछावर करने वाले विपदाग्रस्त अशक्त एवं वृद्ध खिलाड़ियों को, जिनकी आयु 55 वर्ष से अधिक हो तथा उनकी समस्त स्रोतों में मासिक आय ₹10,000 से अधिक ना हो को आर्थिक सहायता प्रदान करता है। यह सहायता राशि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों के लिए रुपय 5,000 राष्ट्रीय स्तर के लिए रु. 3,000 तथा राज्य स्तर के खिलाड़ियों के लिए ₹2,000 प्रतिमाह है।

प्रदेश के विशिष्ट खिलाड़ियों को पुरस्कार

प्रदेश के विशिष्ट खिलाड़ियों को उत्तर प्रदेश शासन लक्ष्मण पुरस्कार तथा रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से सम्मानित करता है। शासन द्वारा इस पुरस्कार से अलंकृत होने वाले खिलाड़ियों को एक प्रशस्ति-पत्र, पुरुष खिलाड़ियों को लक्ष्मण तथा महिला खिलाड़ियों को रानी लक्ष्मीबाई का एक कास्य (अष्ट धातु) प्रतिमा तथा ₹50,000 की नगद धनराशि प्रदान की जाती है।

यह पुरस्कार उस खिलाड़ी को दिया जाता है, जो उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो। यह खिलाड़ी कम से कम 3 वर्ष तक प्रदेश की टीम का सदस्य रहा हो और उसने राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लिया हो। किसी मान्यता प्राप्त अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कम से कम एक बार राष्ट्रीय टीम के सदस्य के रूप में भाग लेने वाले खिलाड़ी को वरीयता दी जाती है। एक और उत्तर प्रदेशीय टीम के सदस्य रहने पर भी इसके लिए पत्रता मान्य होगी।

खिलाड़ियों को छात्रावास सुविधा

12 वर्ष से 14/16 वर्ष के बच्चों का चयन करके उन्हें छात्रावास में प्रवेश देकर खेलों के लिए प्रशिक्षित किया जाना है इस योजना का उद्देश्य है। यहां पर खिलाड़ियों को निशुल्क सारी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। इस प्रकार प्रत्येक खिलाड़ी पर ₹39,700 प्रति वर्ष व्यय किए जाते हैं। इन प्रतियोगिताओं का आयोजन प्रदेश के विभिन्न शहरों में होता है। इन्हीं प्रतिमाओं में से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों का चयन किया जाता है।

भगवान लक्ष्मण पुरस्कार

राज्य सरकार प्रतिवर्ष पुरुष एथलीटों को सम्मानित करने के लिए भगवान लक्ष्मण पुरस्कार प्रदान करती है। यह पुरस्कार उन एथलीटो को प्रदान किया जाता है, जिन्होंने राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन किया है। इस पुरस्कार में एक कांस्य प्रतिमा तथा 50,000 रुपए की इनामी राशि प्रदान की जाती है। यह पुरस्कार वर्ष 2009-10 के लिए अमित चौधरी (शरीर सौष्ठव), विवेक मिश्रा (जिम्नास्टिक) तथा राकेश कुमार पांडे (हैंडबॉल) को प्रदान किया गया है।

रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार

उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की महिला एथलीटो को सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार प्रदान करती है। जयपुर का राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली महिला एथलीटों को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में रानी लक्ष्मीबाई की कांस्य प्रतिमा के साथ ₹50,000 की ईनामी राशि प्रदान की जाती है। वर्ष 2009-10 के लिए यह पुरस्कार सुकन्या मिश्रा को दिया गया है।

काशीराम अंतरराष्ट्रीय खेल पुरस्कार

उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय खेल पुरस्कार की स्थापना की है। इस पुरस्कार के अंतर्गत अलग-अलग तरह की उपलब्धियों के लिए अलग-अलग पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है।

ओलंपिक खेलों की एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर ₹30 लाख रजत पदक पर 20 लाख रुपए व कांस्य पदक पर 15 लाख रुपए दिए जाएंगे, जबकि कॉमन वेल्थ, एशियन, एफ्रो-एशियन, खेलों व विश्व कप की एकल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर खिलाड़ियों को 15 लाख, रजत पर 10 लाख में कहां से पर आठ लाख मिलेंगे।

इसी प्रकार टीम स्पर्धाओं में ओलंपिक खेलों में स्वर्ण जीतने पर 15 रुपए लाख, रजत पर 12 लाख रुपए व कास्य पर 10 लाख रुपए मिलेंगे। कॉमनवेल्थ, एशियन, एफ्रो- एशियन खेलों का विश्व कप में टीम स्पर्धा में स्वर्ण पर 10 लाख रुपए, रजत पर ₹8 लाख व कांस्य पदक पर ₹6 लाख पुरस्कार स्वरूप दिए जाएंगे। वर्ष 2011 में विश्व कप क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन के लिए सुरेश रैना तथा पीयूष चावला को यह अवार्ड प्रदान किया गया है।

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