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उत्तर प्रदेश में जल परिवहन
भारत सरकार ने गंगा नदी में इलाहाबाद (उत्तर प्रदेश) से हल्दिया (पश्चिमी बंगाल) तक के मार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग नंबर 1 घोषित किया है, जिसका इलाहाबाद से बलिया तक का क्षेत्र उत्तर प्रदेश में पड़ता है.
अंतर्देशीय जलमार्ग, प्राधिकरण नोएडा एवं भारत सरकार के जल भूतल परिवहन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित, टर्म्स ऑफ रिफरेंस के अनुसार घाघरा नदी में अयोध्या से बलिया के मांझी घाट तक के के जल परिवहन की परियोजना रिपोर्ट तैयार की जा रही है. शासन के समक्ष प्रदेश में एक जल परिवहन के विकसित करने एवं दलालों के पंजीकरण हेतु प्रस्ताव विचाराधीन है।
राज्य की गंगा, जमुना घाघरा तथा गोमती नदी में नौका वाहन की व्यवस्था है तथा प्रदेश की अन्य प्रदेश की नहरों में चालन होता है।
संचार के साधन
उत्तर प्रदेश में परिवहन के संचार के साधनों का विकास भी काफी तेजी से हुआ है, मुख्य रूप से डाक सेवाएं एवं दूरभाष सेवाएं प्रदेश में वर्ष 1979 में जहां कुल 16,457 डाकघर (नगरीय क्षेत्र में 1665 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 14792) स्थित है, वही 1999-2000 तक इनकी संख्या बढ़कर 20233 (नगरीय क्षेत्र में 2160, ग्रामीण क्षेत्र में 18073) हो गई थी।
प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में डाक सेवा को द्रुतगामी बनाने हेतु विशेष प्रयास किए गए हैं। बढ़ती हुई डाक सामग्री को शीघ्र तथा सही ढंग से पहुंचाने के लिए वर्ष 1972 में आरंभ किए गए डाक सूचकांक (पिन कोड) के आधार पर प्रदेश के नगरों का सूचकांक निर्धारित किया गया है। डाकघरों में डाक लाने ले जाने के अतिरिक्त बचत बैंक, जीवन बीमा जैसी पूंजी निवेश के कार्य किए जाते हैं।
दूरसंचार
देश में टेलीग्राफी और टेलीफोन के आविष्कार के कुछ समय उपरांत ही दूरसंचार सेवाएं आरंभ हो गई थी। मरुस्थल में आगरा एवं कोलकाता के मध्य टेलीग्राफ द्वारा संदेश भेजे जाने से प्रदेश में दूरसंचार का आरंभ हुआ था,तब से इन सेवाओं में निरंतर वृद्धि हो जारी है।
प्रदेश में वर्ष 1979 में कुल 561 दूरभाष केंद्र स्थित है, जिनकी संख्या वर्ष 2004-05 में बढ़कर 4,067 हो गई। इन केंद्रों में कार्यरत दूर बसों की संख्या भी इस अवधि में, एक में 21,00,578 हो गई है। राज्य में स्थानीय, लंबी दूरी, हस्त चालित ट्रक सेवा, मांग ट्रक सेवा तथा अंतर्राष्ट्रीय टेलीफोन सेवा भी महत्वपूर्ण नगरों में उपलब्ध है।