वन, वन्य जीवन, कोयला, पेट्रोलियम आदि, जैसे वे पदार्थ/संसाधन जो मनुष्य के प्रभाव के बिना प्रकृति में पाए जाते हैं प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं।
वैश्विक उष्मन तथा ग्रीन हाउस प्रभाव।
प्राइव अन्य संसाधनों को बुद्धिमतापूर्वक उपयोग ताकि उनका क्षय न हो और वे भविष्य में और अधिक उन्नत हो, पर्यावरण संरक्षण कहलाते हैं।
संसाधनों के बुद्धिमतापूर्वक उपयोग के द्वारा सतत विकास की प्रक्रिया जिसका दुष्प्रभाव पर्यावरण पर ना पड़े संपोषित विकास कहलाता है।
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) वह प्रकृति तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को अंतर्राष्ट्रीय संघ (IUCN)।
कई करोड रुपए की योजना जो 1985 में गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए चलाई गई ताकि गंगा के पानी में से उन प्रदूषकों दूसरों को निकाला जा सके जो लोग तथा उद्योग उस में डाल देते हैं।
पानी का मल मूत्र जल से सदूषित होना।
जीवाणु-ई. कोलाइ, कवक-मयूकर।
वायु, जल।
निरंतर बढ़ती हुई जनसंख्या तथा औद्योगीकरण के कारण।
मनुष्य के लाभ के साथ पर्यावरण को हानि पहुंचाए बिना जो क्रियाकलाप किए जाते हैं।
यूरो I, यूरो II, यूरो III, भारत में (भारत-I, भारत-II आदि)
जीवाणुओं का एक समूह है जो मानव आंत में निवास करता है?
गंगा में अस्थियों तथा शरीर के अधजले रूप में बाहाया जाना।
संसाधनों का कम उपयोग, पुन उपयोग, तथा पुनः चक्रण ।
पुरानी टूटी फूटी अनुपयोगी वस्तुओं, जैसे कागज, प्लास्टिक, धातु के टुकड़े आदि को नए उत्पादों में रूपांतरित करना पुनः चक्रण कहलाता है।
धातु के टुकड़े, प्लास्टिक आदि।
पृथ्वी पर पाए जाने वाले क्षेत्र (भूमि, जल) जहां पर वनस्पति तथा जीव जंतुओं को अनगिनत जातियां पाई जाती है।
श्रीमती अमृता देवी बिश्नोई के सम्मान में, जिसने खेजरी पेड़ (वन) की रक्षा के लिए अनेक अन्य व्यक्तियों के साथ अपना जीवन निछावर कर दिया।
ऐसी विकासीय गतिविधियां जो पर्यावरण तथा प्राकृतिक संसाधनों को हानि पहुंचाए बिना संभव हो सके।
आंदोलन जो वृक्षों/वनों को बचाने के लिए 1970 में उत्तराखंड के रेनी (गढ़वाल) में महिलाओं के द्वारा चलाया गया।
श्री सुंदरलाल बहुगुणा ने।
वन।
पारिस्थितिक संतुलन तथा जिन पुल बनाए रखना।
इमारती लकड़ी उद्योग, कागज उद्योग।
नहीं, क्योंकि वे उन्हें बनाए रखने तथा उनके रखरखाव के लिए विषय में नहीं सोचते।
यद्यपि वे वनों पर निर्भर नहीं करते लेकिन वे वनों के विकास तथा उनके प्रबंधन में रुचि रखते हैं इसलिए वे भी दावेदार है।
वे एक सामाजिक कार्यकर्ता थी जिन्होंने अपना जीवन राजस्थान में जोधपुर के निकट खेजरोली गांव में खेजरी वृक्षों की रक्षा करने के लिए न्योछावर कर दिया।
राष्ट्रीय वन्य जीवन संरक्षण पुरस्कार।
मनुष्य वनोन्मूलन के द्वारा वर्षा की मात्रा तथा नियमितता में कमी पाई जाती है।
वनोन्मूलन तथा जीवाश्म इधनों के अधिक उपयोग से वैश्विक ऊष्मन की मात्रा तथा नियमितता में कमी ला दी है।
हिमाचल प्रदेश में कुल्ह नहरी सिंचाई का एक स्थानीय तंत्र है जो वही पर विकसित किया गया था जो बिना ऊर्जा खर्च किए गए काम करता है।
बांध छोटी या बड़ी रुकावट/दीवार होती है जो नदी नालों के रास्ते में खड़ी की जाती है, ऐसा पानी की सिंचाई और विद्युत के उत्पादन के लिए इकट्ठा करने के लिए होता है।
गुजरात में नर्मदा परियोजना, उत्तराखंड में गंगा नदी पर टिहरी बांध परियोजना।
चिपको आंदोलन।
जल संभर प्रबंधन में मिट्टी एवं जल संरक्षण पर जोर दिया जाता है जिससे कि जैव द्रव्यमान में वृद्धि हो सके।
पारितंत्र के घटकों, जैसे मौसम, वर्षा, जैव विविधता, आदि में अनेक परिवर्तन जिसके कारण जीवमंडल में अवस्था तथा बड़े पैमाने पर जीवन की हानि होती है।
यह अस्थाई (मिट्टी के) या रुकावटें होती है जो छोटे-छोटे नदी नालों के जल को झील के रूप में इकट्ठा करके भूमि के पुन: पूर्ण के लिए बनाए जाते हैं।
भूमिगत जल का पुन: पूर्ण करने के लिए।
जल की ph, रंग, गध तथा स्वाद में हानिकारक रसायनों के मिलने से हुआ कोई भी परिवर्तन जो उसे मनुष्य के उपयोग हेतु अयोग्य बना देता है, प्रदूषण कहलाता है।
भूमिगत जल पीने के लिए तथा सिंचाई के लिए प्रयोग किया जाता है।
विद्युत उत्पादन तथा सिंचाई के लिए पानी एकत्रित करने के लिए।
नेहरों के द्वारा।
इंदिरा गांधी नहर द्वारा।
नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढ़ाने का विरोध।
वर्षा के जल को किसी भी विधि द्वारा संचित करने पर भूमिगत जल के पुन:पुरण के लिए तथा सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है।
विभिन्न साधन एवं तरीकों द्वारा वर्षा के जल को एकत्रित करने की प्रक्रिया।
1985 में।
भूमिगत जल का पुन:पूरण तथा उसे बचाना।
जीवाश्म ईंधन।
कोयला तथा पेट्रोलियम।
क्योंकि उनके भंडार सीमित हैं तथा वे ऊर्जा के नवीकरणीय के अयोग्य स्रोत है।
कोयला 200-250 वर्षों में तथा पेट्रोलियम 30-40 वर्षों में।
पेट्रोलियम एक गाढ़ा गहरे रंग का तरल पदार्थ है जो अनेक हाइड्रोकार्बनों का मिश्रण है।
कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड।
पृथ्वी के वायुमंडल द्वारा अवरक्त किरणों के अधिक अवशोषण के कारण पृथ्वी के तापमान में हुई बढ़ोतरी ग्रीन हाउस प्रभाव कहलाती है।
ताकि प्राकृतिक संसाधन लंबे समय तक चल सके तथा उन्हें यदि संभव हो तो दोबारा भी प्राप्त किया जा सके।
ऐसे इंजन या मशीनों की खोज करके जिनमें इंधन का पूर्ण दहन होता है।
गंगा अपने उद्गम गंगोत्री से बंगाल की खाड़ी गंगा-सागर तक 2500 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इसके किनारे उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार में बंगाल के लगभग 100 से अधिक नगर अपना मल जल वह दूषित जल गंगा में मिलाकर दूषित कर रहे हैं।
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