आज इस आर्टिकल में हम आपको भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम और इनके विभाग – SSC GK Hindi के बारे में बताने जा रहे है.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान
भारत में अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1962 में प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक डॉक्टर विक्रम साराभाई की अध्यक्षता में गठित भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति के गठन के साथ हुई. इसी समिति का पुनर्गठन करके वर्ष 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की स्थापना की गई. इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है. देश में अंतरिक्ष अनुसंधान को एक मजबूत वित्तीय आधार प्रदान करने के लिए वर्ष 1972 में केंद्र सरकार ने एक अलग अंतरिक्ष विभाग और अंतरिक्ष आयोग का गठन किया.
अंतरिक्ष विभाग के अभियंता प्रतिष्ठान है
- विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र, तिरुवंतपुरम, केरल,
- श्रीहरिकोटा रेंज, श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश)
- स्पेस एप्लीकेशन सेंटर, थुमा (केरल)
- फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी, अहमदाबाद, (गुजरात)
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र
इंडियन साइंटिफिक प्रोजेक्ट का कार्य प्रो. सतीश धवन ने संभाला, जिन्होंने वर्ष 1973 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान का कार्यभार संभाला. श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र इसरो का यान प्रक्षेपण केंद्र है. इसकी स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी. तिरुवंतपुरम में स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र है. अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर उपग्रहों, सुदूर आदि के संचालन के लिए उत्तरदाई हैं.
सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर
सुब्रह्मण्यभ चंद्रशेखर भारतीय अमेरिकी खगोल शास्त्री थे, जिन्हें ब्लैक होल सिद्धांत के लिए वर्ष 1983 का नोबेल पुरस्कार डॉ विलियम फाउलर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया था. उन्होंने बताया कि जिन तारों का द्रव्यमान सूर्य से 1.4 गुना होगा, वह सिकुड़ कर बहुत भारी हो जाएंगे और ब्लैक होल बन जाएंगे. 1.4 को चंद्रशेखर सीमा कहा जाता है.