वर्ष 1983 में स्थापित इन सेट प्रणाली एक बहुउद्देशीय कार्य उपग्रह प्रणाली है, जो एशिया प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ी घरेलू संचार उपग्रह प्रणालियों में से एक है. इसका उपयोग लंबी दूरी के घरेलू दूरसंचार, उपग्रह के माध्यम से दूरदर्शन के प्रसारण को बेहतर बनाने, मौसम संबंधी जानकारी, वैज्ञानिक अध्ययन हेतु सर्वेक्षण तथा आंकड़ों के संप्रेक्षण में किया जाता है. इनसैट अंतरिक्ष कार्यक्रमों की व्यवस्था, निगरानी और संचालन का दायित्व अंतरिक्ष विभाग का है. इनसैट अंतरिक्ष विभाग, दूरसंचार विभाग, भारतीय मौसम विभाग, आकाशवाणी तथा दूरदर्शन का संयुक्त प्रयास है.
आर्यभट्ट (1975) (प्रथम भारतीय उपग्रह) | पूर्व सोवियत संघ के वेतन और अंतरिक्ष केंद्र से इंटरकोसोमास प्रशिक्षण यान द्वारा | वायु विज्ञान प्रयोग तथा एक्स किरणें खगोलिकी विज्ञान |
भास्कर-l (1979) | पूर्व सोवियत संघ बैकानूर अंतरिक्ष केंद्र से कॉसमॉस रॉकेट से प्रेक्षपित | प्रयोगिक पृथ्वी उपग्रह जल विज्ञान, हिमगलन, वानिकी के क्षेत्र में भू परीक्षण अनुसंधान करना |
रोहिणी आर एस-1 (1980) | श्रीहरिकोट (SSHAR)से भारतीय प्रक्षेपण यान (ASLV-3) से प्रक्षेपित प्रथम भारतीय उपग्रह | रोहिणी श्रंखला के उपग्रहों के प्रक्षेपण का मुख्य उद्देश्य भारत के प्रथम प्रक्षेपण यान (ASLV-3)का परीक्षण करना था. |
भास्कर-II (1981) | बैकानूर अंतरिक्ष केंद्र से कॉसमॉस रॉकेट से प्रक्षेपित | समुद्री सतह का ताप, सामुद्रिक स्थिति, बर्फ गिरने वापस मिलने जैसी घटनाओं का व्यापक विश्लेषण |
एप्पल (1981) | फ्रेंच गुयाना के कोरु अंतरिक्ष प्रक्षेपण सिकंदर यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के एरियन-4 रॉकेट से प्रक्षेपण | भारत का प्रमुख तुल्यकालीक की प्रयोगिक संचार उपग्रह पृथ्वी से 36000 किलोमीटर की ऊंचाई पर खेती के कक्षा में स्थापित होने वाला भारत का प्रथम उपग्रह था. राष्ट्रीय संचार व्यवस्था स्थापित करने, रेडियो प्रसारण, Daata संप्रेक्षण आदि क्षेत्र में तकनीकी अनुभव प्रदान किया. परिणाम स्वरुप इन सेट श्रंखला के विकास एवं निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान मिला. |
संचार उपग्रह को कोमसैट भी कहा जाता है. इसके प्रयोग से पृथ्वी पर संचार सेवाएं उपलब्ध कराई जाती है. इनके लिए भू-संचेती कक्षा का उपयोग किया जाता है जिसकी ऊंचाई करीब 36,000 किलोमीटर है .
शिक्षा कार्य के लिए समर्पित दुनिया के पहले उपग्रह एडुसैट को वर्ष 2004 में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भूस्थैतिक कक्षा में भारत ने स्वदेश निर्मित की सहायता से स्थापित किया.
इसरो ने वर्ष 2002 में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV-C4) के माध्यम से देश के पहले मौसम संबंधी विशिष्ट उपग्रह मैटसैट को सफलतापूर्वक स्थापित किया. मैटसैट की कक्षा दीर्घ वृताकार है, जो पृथ्वी के निकटतम बिंदु से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि अधिकतम दूरी पर स्थित बिंदु 36, 000 किलोमीटर की दूरी पर है.
दूरसंवेदी उपग्रह प्रणाली के अंतर्गत पृथ्वी के गर्भ में छिपे संसाधनों को सफल किए बिना प्रकीर्णन विधि द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. इस प्रणाली के तहत प्रक्षेपित किए गए उपग्रह है – IRS-1A, IRS-P1, RS-1C, IRS-P2, IRS-1C, IRS-P4, IRS-P6 कोर्टोसेट- i एवं ii आदि.
निर्देश : (प्र. 1-3) नीचे दिए गये प्रश्नों में, दो कथन S1 व S2 तथा…
1. रतनपुर के कलचुरिशासक पृथ्वी देव प्रथम के सम्बन्ध में निम्नलिखित में से कौन सा…
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