निर्वाचन आयोग (अनुच्छेद 324-29)
निर्वाचन आयोग का गठन मुख्य निर्वाचन आयुक्त एवं आयुक्तों से किया जाता है, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है. मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो तब तक होता है. अन्य चुनाव आयुक्त का कार्यकाल 6 वर्ष या 62 वर्ष जो भी पहले हो तब तक रहता है. चुनाव आयोग एक सदस्यीय आयोग था, परंतु अक्टूबर 1993 में इसे तीन सदस्यीय आयोग बना दिया गया.
निर्वाचन आयोग के मुख्य कार्य
- चुनाव क्षेत्रों का परिसीमन, मतदाता सूचियों को तैयार करवाना.
- विभिन्न राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना तथा उनके लिए आचार- संहिता तैयार करवाना.
- राजनीतिक दलों को आरक्षित चुनाव चिन्ह प्रदान करना तथा चुनाव करवाना.
- राजनीतिक दलों को आरक्षित चुनाव चिन्ह प्रदान करना तथा चुनाव करवाना.
- सुकुमार सेन देश के पहले मुख्य चुनाव आयुक्त थे.
- वर्तमान में नसीम जैदी भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त हैं.
वित्त आयोग
- संविधान के अनुच्छेद 280 के अंतर्गत राष्ट्रपति द्वारा वित्त आयोग का गठन किया जाता है.
- वर्ष 1951 में के सी न्यू की अध्यक्षता में प्रथम वित्त आयोग का गठन किया गया था.
- अब तक 14 वित्त आयोग गठित किए जा चुके हैं. 14 वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ वाई वी रेड्डी है.
- वित्त आयोग में राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यक्ष एवं चार अन्य सदस्य नियुक्त किए जाते हैं. राज्य वित्त आयोग का गठन भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 (I) के अंतर्गत किया जाता है.
नीति आयोग
64 वर्ष पुराना योजना आयोग को नया रूप तथा नया नाम देते हुए नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (नीति आयोग) के गठन की घोषणा 1 जनवरी, 2015 को की गई. यह नया आयोग केंद्र तथा राज्य सरकारों के लिए थिंक टैंक का कार्य करेगा.
नीति आयोग का पूरा नाम नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया आयोग है. नीति आयोग की मुख्य भूमिका राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर केंद्र तथा राज्य सरकारों को जरूरी रणनीतिक परामर्श देने की होगी. आयोग के लिए 13 सूत्री उद्देश्य रखे गए हैं.
नीति आयोग की संरचना
नीति आयोग की अध्यक्षता प्रधान मंत्री करेंगे. उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. अरविंद पनगढ़िया को इसका प्रथम उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
इस आयोग में राज्य के मुख्यमंत्री तथा निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों को अधिक अहम भूमिका दी गई है, जो संघीय ढांचे को मजबूत करेगी, योजना आयोग में केंद्रीयता को महत्व दिया गया था. इसकी संरचना निम्न प्रकार की बनाई गई है.
अध्यक्ष | प्रधानमंत्री |
गवर्निंग काउंसलिंग | सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपाल\ प्रशासक |
विशेष आमंत्रित सदस्य | विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ ( प्रधानमंत्री द्वारा नामित) |
उपाध्यक्ष | प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाएगा. |
पूर्णकालिक सदस्य | इसकी संख्या 5 होगी. |
अशंकालिक सदस्य | दो पदेन सदस्य तथा विश्वविद्यालयों के शिक्षक कर्म के अनुसार |
पदेन सदस्य | 4 केंद्रीय मंत्री |
सीओ |
केंद्र के सचिव स्तर का अधिकारी, जिसे निश्चित कार्यकाल के लिए नियुक्त किया जाएगा. |
नीति आयोग के उद्देश्य
- संस्कृत राज्य से सशक्त राष्ट्र का निर्माण, सहकारी संघवाद को समृद्ध करना.
- ग्राम छतरपुर योजना बनाने के तंत्र को विकसित करना.
- राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों तथा आर्थिक नीति में तालमेल.
- आर्थिक प्रगति से वंचित रहे वर्गों पर विशेष ध्यान देना.
- रणनीति धिर्घावधि के लिए नीति तथा कार्यक्रमों का ढांचा तैयार करना
संघ लोक सेवा आयोग( यूपीएससी)
संघ लोक सेवा आयोग( अनुच्छेद 315) में अध्यक्ष और सदस्य शामिल होते हैं, इन्हें राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है और अपने नियुक्ति की तारीख से लेकर 6 तक तथा अधिकतम 65 वर्ष तक अपने पद पर बने रहते हैं.
लोकपाल एवं लोकायुक्त
लोकपाल से संबंधित प्रस्ताव भारत में पहली बार वर्ष 1969 में आया था, इससे संबंधित विधेयक कई बार संसद में प्रस्तुत हो चुके हैं, परंतु इसे अभी तक पारित नहीं कराया जा सका है.
2001 के लोकपाल संबंधी विधेयक में यह प्रस्ताव किया गया कि लोकपाल त्रिसूत्रीय संस्था होगी एवं प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद आदि इसके कार्य क्षेत्र में आएंगे और उनके संबंध में भ्रष्टाचार, पद के दुरुपयोग आदि की जांच लोकपाल करेगा. जांच करने के लिए लोकपाल के पास अपनी मशीनगिरी होगी, लेकिन आवश्यकता होने पर वह सरकारी मशीनरी की सहायता ले सकता है.
सर्वप्रथम ऑडिशा में वर्ष 1970 में लोकायुक्त की स्थापना की गई थी. लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक वर्ष 2013 के अंतर्गत एक अध्यक्ष और अधिकतम 8 सदस्यों का प्रावधान किया गया है. इनमें से 50% सदस्य न्यायिक पृष्ठभूमि से होंगे.
लोकपाल चयन समिति में 5 सदस्य होंगे, प्रधानमंत्री चयन समिति के अध्यक्ष होंगे. अन्य सदस्य के रूप में लोक सभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष, मुख्य न्यायाधीश अथवा उनके द्वारा नामित उच्चतम न्यायालय का कोई न्यायाधीश तथा पांचवा सदस्य पहले चार सदस्यों की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा नामित प्रख्यात विधिवेत्ता होगा.
विभिन्न राज्यों में लोकायुक्तों का स्थापना वर्ष
ओडिशा | 1970 | गुजरात | 1986 |
महाराष्ट्र | 1971 | पंजाब | 1955 |
राजस्थान | 1973 | दिल्ली | 1995 |
बिहार | 1974 | केरल | 1999 |
उत्तर प्रदेश | 1975 | झारखंड | 2001 |
मध्य प्रदेश | 1981 | छत्तीसगढ़ | 2002 |
आंध्र प्रदेश | 1983 | हरियाणा | 2002 |
हिमाचल प्रदेश | 1983 | उत्तराखंड | 2002 |
कर्नाटक | 1985 | गोवा | 2011 |
असम | 1985 |
सूचना का अधिकार (अधिनियम, 2005)
प्रशासन की पारदर्शिता तथा लोगों के प्रति जवाबदेह होने की दिशा में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून, वर्ष 2005 के क्रांतिकारी कदम है. आरटीआई एक्ट को संसद द्वारा 15 जून, 2005 को पारित किया गया. सूचना का अधिकार विधेयक 12 अक्टूबर, 2005 को प्रभावी हुआ.
ई-शासन
इसके अंतर्गत सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा शासन- प्रशासन की पहुंच जन-जन सुनिश्चित करना शामिल है. इस में सूचना प्रौद्योगिकी का बहू-संजाल सरकार से जनता तक, सरकार से कर्मचारी तक है तथा नागरिक से नागरिकता तक सुनिश्चित करना है.