भारतीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी जानकारी

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अर्थव्यवस्था

इसमें राष्ट्र विशेष की आर्थिक गतिविधियों के अध्ययन व विश्लेषण के लिए राष्ट्र की अर्थव्यवस्था का अध्ययन किया जाता है. अर्थव्यवस्था समस्त आर्थिक गतिविधियों का समेकन तथा संयोजन है.

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प्रमुख अर्थव्यवस्था

मिश्रित अर्थव्यवस्था

इसमें निजी तथा सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों का योगदान होता है. निजी क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र का सहायक होता है. जैसे- भारत की अर्थव्यवस्था

पूंजीवाद अर्थव्यवस्था

यह बाजारों होती है. इसमें बाजार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है. साम्यवादी एवं समाजवादी अर्थव्यवस्था में राज्य का हस्तक्षेप अधिक रहता है.

अर्थव्यवस्था की विशेषताएं

भारतीय अर्थव्यवस्था में समाज की समाजवादी प्रणाली को प्राप्त करने के लिए निजी क्षेत्र के साथ-साथ हैं. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों भी विद्यमान रहते हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था एशिया की तीसरी एवं क्रय शक्ति क्षमता के आधार पर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

भारत में आर्थिक नियोजन

औद्योगिक पिछड़ापन

  • अन्य अल्पविकसित देशों की भांति भारत में भी उत्पादन तकनीक का स्तर  पिछड़ा हुआ है, जिसका मुख्य कारण निम्न पूंजी निर्माण पर है.
  • आर्थिक नियोजन का तात्पर्य विकास की ऐसी रणनीति बनाना है, जिस से पूर्व निर्धारित बहुउद्देशीय लक्ष्यों को सीमित संसाधनों के बल पर एक निश्चित समयवधि में प्राप्त किया जा सके.
  • भारत में आर्थिक नियोजन संबंधी 10 वर्षीय योजना सर्वप्रथम वर्ष 1934 मेन विश्वेश्वराय की पुस्तकें (प्लांड इकोनॉमी फॉर इंडिया) जिसमें 10 वर्षों में राष्ट्रीय आयोग को दोगुना करना, औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि करना तथा लघु एवं वृहत-उद्योग संमवित विकास करना था. प्रस्तुत की गई.
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वर्ष 1938 में राष्ट्रीय नियोजन समिति का गठन किया.
  • वर्ष 1944 में मुंबई के 8 प्रमुख उद्योगपतियों ने मिलकर एक 15 वर्षीय योजना का प्रारूप प्रस्तुत किया, जिसे मुंबई प्लान के नाम से जाना गया है.
  • भारतीय श्रम संघ के प्रमुख श्री एम एन राय द्वारा साम्यवादी सिद्धांतों के आधार पर एक जन योजना प्रस्तुत की गई, जिसे साम्यवादी विचारधारा पर आधारित होने के कारण पूर्णतया, अस्वीकृत कर दिया गया.
  • गांधीजी के आर्थिक विचार धारा से प्रेरणा पाकर वर्ष 1944 में श्री मन्नारायण ने एक गांधीवादी योजना प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य जन समुदाय के जीवन स्तर को निर्धारित न्यूनतम सीमा तक लाना था.
  • श्री जयप्रकाश नारायण ने शोषण विहीन समाज की स्थापना के उद्देश्य से वर्ष 1950 सर्वोदय योजना प्रस्तुत की, जिसे सरकार ने आंशिक रूप से स्वीकार किया.

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