शिक्षा के परिप्रेक्ष्य – 2
प्रत्येक प्रश्न संख्या के अन्तर्गत दिए गए विकल्पों में से आपने जिस प्रश्न को उत्तर देने के लिए चुना है, उसके
आगे बने बॉक्स पर निशान (√) अवश्य लगाएँ अन्यथा आपका उत्तर अमान्य हो सकता है ।
लघु-उत्तर वाले प्रश्न (लगभग 100 शब्दों में उत्तर दें)।
प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम अंक 5 है ।
1. विद्यालय में होने वाले वंचना के कोई दो उदाहरण प्रस्तुत करें । अथवा प्रारम्भिक स्तर की पाठ्यपुस्तकों में से किसी एक पाठ या फिर किसी अन्य साहित्य का नाम बताएँ जिसमें समानता या विविधता की अवधारणा को प्रोत्साहित किया गया हो । उस पाठ या साहित्य की विषयवस्तु का संक्षिप्त परिचय दें।
2. राजेश एक शिक्षक हैं, जिनका यह विश्वास है कि हर कक्षा के सभी बच्चों को सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में शामिल करना असम्भव है ? इसलिए वे ऐसे कुछ बच्चों की परवाह नहीं करते हैं जो कक्षा में नहीं सीखते हैं । क्या आप राजेश की सोच से सहमत हैं ? क्यों या क्यों नहीं । अथवा कक्षा के सीखने-सिखाने की प्रक्रिया में सभी बच्चों की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या किया जाना चाहिए ? कम से कम दो उपायों की चर्चा करें।
3. शिक्षा के सार्वभौमीकरण पर हम जोर क्यों देते हैं ? इसके क्या लाभ हैं ? अथवा पूजा कुमारी एक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं, जिनका मानना है कि यदि बच्चों को विद्यालय छोड़ने से बचाना है तो उनके परिजनों से शिक्षकों को लगातार सम्पर्क में रहना होगा । बाकी शिक्षकों का यह मत है कि उनका काम केवल विद्यालय में शिक्षण तक ही सीमित होना चाहिए । आप इनमें से किसके मत से सहमत होंगे और क्यों ?
4. मोहन 10 वर्ष का है जिसे ईंट के भट्ठे पर मज़बूरन काम करना होता है । एक शिक्षक या शिक्षिका होने के नाते आप क्या करेंगे ? कुछ उपाय बताएँ । अथवा बच्चों के लिए अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा के अधिकार अधिनियम में शिक्षकों एवं अभिभावकों के दायित्वों का उल्लेख क्यों किया गया है ? तर्क प्रस्तुत करें ।
5. सामाजिक परिवर्तन में विद्यालय की क्या भूमिका होनी चाहिए ? उदाहरण देकर समझाएँ । अथवा शिक्षा की गुणवत्ता में आयी गिरावट के लिए कौन-कौन से प्रमुख कारक जिम्मेवार हैं और क्यों ?
6. अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा आयोग-1996 ने 21वीं शताब्दी की शिक्षा पर रिपोर्ट में किन चार स्तम्भों की चर्चा की है ? आपके अनुसार वे क्यों महत्वपूर्ण हैं ? अथवा शिक्षकों में सामाजिक-सांस्कृतिक समझ का होना क्यों जरूरी है ? उदाहरण देते हुए समझाएँ ।
7. बुनियादी विद्यालय की अवधारणा के बारे में बताएँ तथा इसकी पाठ्यचर्या-पाठ्यक्रम की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें। अथवा बिहार पाठ्यचर्या की रूपरेखा में ग्रामीण शिक्षा पर एक विशेष अध्याय क्यों रखा गया है ? कारण बताएँ ।
8. विद्यालय को अपनी पाठ्यचर्या तैयार करने का स्वयं मौका मिलने से क्या फायदा होगा ? उदाहरण देते हुए समझाएँ । अथवा क्या सीखने की योजना-लर्निंग प्लान में समावेशी शिक्षा, समानता, आदि मुद्दों को शामिल किया जा सकता ह ? कैसे ?
दीर्घ-उत्तर वाले प्रश्न (न्यूनतम 350 शब्दा में उत्तर दें)।
प्रत्येक प्रश्न के लिए अधिकतम अंक 10 है ।
9. क्या समावेशीकरण एवं सामाजिक न्याय के माध्यम से समानता आ सकती है, कैसे ? इसमें विद्यालय तथा शिक्षक / शिक्षिका किस प्रकार से भूमिका निभा सकते हैं, सोदाहरण चर्चा करें । अथवा शिक्षा से सम्बंधित संवैधानिक प्रावधानों के कारण बच्चों की शिक्षा पर क्या प्रभाव पड़ रहे हा ? उदाहरणों के माध्यम से विश्लेषण करें ।
10. समाज की शैक्षिक अपेक्षाओं में जो बदलाव होते हैं, उनका शिक्षा तथा शिक्षकों के कार्यों पर क्या प्रभाव पड़ रहा है ? अपने अनुभव से विभिन्न उदाहरणों को प्रस्तुत करते हुए समझाएं । अथवा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा-2005 तथा बिहार पाठ्यचर्या की रुपरेखा-2008 के आधारभूत सिद्धांतों का विश्लेषण करें । उनके महत्व पर भी प्रकाश डालें।
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