हरियाणा में प्रमुख 3 नहरें है और कई नहर और सिंचाई परियोजना भी शुरू की गई है जिनके बारे में हम आपको नीचे बता रहे है.
यह हरियाणा की सबसे पुरानी व प्रमुख नहर है. यह नहर यमुना नदी के पश्चिमी किनारे से तेजवाला नामक स्थान से निकली गई है.
इस नहर की अपनी शाखाओ सहित कुल लम्बाई 3,226 किलोमीटर है.
इसके द्वारा अंबाला, करनाल, सोनीपत, रोहतक, हिसार और सिरसा जिलों तथा दिल्ली और राजस्थान के कुछ भागों की लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की जाती है.
यह हरियाणा राज्य की दूसरी प्रमुख नहर है.
यह नहर दिल्ली के निकट ओखला से यमुना नदी पर बाँध बनाकर निकाली गई है.
इसके द्वारा गुडगाँव, पलवल और फरीदाबाद की वल्लभगढ़ तहसील की लगभग 3.5 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा रही है.
राज्य की यह प्रमुख नहर नागल शहर के समीप सतलुज से निकली गई है.
पंजाब के पटियाला और रूप नगर जिलों की सिंचाई के उपरांत यह नहर टोहाना के निकट हरियाणा में प्रवेश करती है.
इसके द्वारा सिरसा और हिसार जिलों की लगभग 6 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जाती है.
इसकी प्रमुख शाखाएँ फतेहाबाद, रतिया, रोड़ी और बरबाल है.
हरियाणा और सिरसा जिलों में भी अधिकतम सिंचाई नहरों से होती है.
महेंद्रगढ़ और भिवानी के जिलों में सिंचाई के लिए छोटी-छोटी नहरें निकाली गई है.
इनमें जुई नहर, भिवानी नहर और जवाहरलाल नेहरु नहर.है.प्रदेश के किसान नहरों की सहायता से बड़ी सुगमता से सिंचाई कर लेते है.
हरियाणा प्रदेश में सिंचाई के के लिए कई परियोजना बनाई गयी है जिनमें से कुछ प्रमुख योजनायें है जिसके बारे में हम आपको नीचे एक एक करके बता रहे है.
नांगल उठान सिंचाई परियोजना से पहले जिला अंबाला में शायद ही कोई नहरी सिंचाई सुविधा उपलब्ध थी तथा कृषि पूरी तरह से वर्षा पर निर्भर थी.
इस सिंचाई योजना बन जाने से 75 गावों की 45,500 एकड़ भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हुई है.
इस परियोजना के पूरा हो जाने से पाँच गावों की 4,700 एकड़ भूमि को और सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी.
यमुनानगर जिले में पिछले कई वर्षों से लटका हुआ हथनी कुण्ड बैराज बनकर तैयार हो गया है.
हथनी कुण्ड बैराज के निर्माण पर 220 करोड़ रुपये खर्च हुए है.
सौ वर्षो से ज्यादा पुराने ताजेवाला हैडवर्क्स के स्थान पर हथनी कुण्ड बैराज का निर्माण कार्य इस लिए भी जरूरी था,
ताकि पश्चिम और पूर्व यमुना नहर द्वारा सिचाई और पीने के पानी की निर्विघ्न आपूर्ति की जा सके तथा हरियाणा, उत्तर प्रदेश व दिल्ली की भीषण बाढ से बचाया जा सके.
महेंद्रगढ़ जिले की खेती बाड़ी को बढाने के लिए सुखा राहत कार्यक्रम के अंतर्गत इस जिले में जे.एल.एन,उठान सिंचाई परियोजना का कार्य आरम्भ किया गया.
इस प्रणाली द्वारा 1976 में पहली बार पानी छोड़ा गया, लेकिन इस परियोजना की आवश्यकता वास्तव में 1987 में पड़े अभूतपूर्व सूखे के दौरान महसूस हुई जिससे खरीफ की फसल को बचाया जा सका.
यह परियोजना 37,500 फूट लम्बी है. जिसके परिणामस्वरूप क्लौदा, खुर्द कला, भीखेवाला, खरडवाल नेहरा, फूलिया कला गुल्हेड़ा और सुलखेडा गावों को पर्याप्त सिंचाई सुविधाएं प्राप्त हुई है.
जवाहरलाल नेहरु सिंचाई योजना, लोहारू लिफ्ट सिचाई योजना, सांगा उत्थान सिचाई योजना, पश्चिम यमुना नहर योजना, जुई लिफ्ट सिंचाई योजना, सिवानी लिफ्ट सिंचाई योजना, झज्जर उत्थान सिंचाई योजना आदि.
Q. जवाहर नहर योजना की शुरुआत कब हुई?
Ans1976
Q. जवाहरलाल नेहरु नहर किस नहर से निकली है ?
Ans. भाखड़ा नहर
Q. हरियाणा की सबसे पुरानी व प्रमुख नहर कौन सी है?
Ans. पश्चिम यमुना नहर
Q. यमुना नहर कहाँ से निकली हुई है?
Ans. यमुना नदी के पश्चिम किनारे से ताजेवाल नामक स्थान से
Q. यमुना नहर की लम्बाई कितनी है?
Ans. 3,226 किलोमीटर
Q. यमुना के द्वारा अंबाला, करनाल, सोनीपत, रोहतक, हिसार, सिरसा, और सिरसा,जिलों तथा दिल्ली और राजस्थान के कुछ भागों की कितनी हेक्टेयर भूमि सिंची जाती है?
Ans. 5 लाख हेक्टेयर
Q. राज्य की प्रमुख दूसरी नहर कौन सी है?
Ans. गुडगाँव नहर
Q. यह दिल्ली के निकट कौन सी नदी पर बाँध बनाकर निकलती है?
Ans. ओखला नदी से यमुना नदी पर
Q. गुडगाँव नहर द्वारा गुडगाँव, पलवल, और फरीदाबाद की वल्लभगढ तहसील की कितनी हेक्टेयर भमि सिंचाई की जाती है?
Ans. 3.5 लाख हेक्टेयर
Q. भाखड़ा नहर कहाँ से निकली गई है ?
Ans. नागल शहर के समीप सतलुज से निकली गई.
Q. भाखड़ा नहर हरियाणा में कहाँ से सिंचाई करती हुई प्रवेश करती है?
Ans. पंजाब के पटियाला और रूप नगर जिलों की सिंचाई के उपरांत यह नहर टोहाना के निकट से हरियाणा में प्रवेश करती है.
Q. भाखड़ा नहर द्वारा सिरसा और हिसार जिलों की कितनी हेक्टेयर भूमि सिंचाई होती है?
Ans. लगभग 6 लाख
Q. भाखड़ा की प्रमुख शाखाएँ कहाँ कहाँ फैली है?
Ans. फतेहाबाद, रतिया और बरबाल में
Q. नागल उठान सिंचाई परियोजना बन जाने से कितने गावों की और कितनी एकड़ भूमि की सिंचाई उपलब्ध हुई ?
Ans. 75 गावों की और 45,500 एकड़ भूमि की
Q. पाँच गावों में कितने एकड़ भूमि की सिंचाई की सुविधा प्राप्त हुई है?
Ans. 4,700 एकड़ भूमि की
Q. हथनी कुण्ड बैराज परियोजना पर कितना खर्च आया था?
Ans. 220 करोड़ रुपये
Q. सौ वर्षो से ज्यदा पुराने ताजेवाला हैडवर्क्स के स्थान पर हथनी कुण्ड बैराज का निर्माण किस लिए जरूरी था?
Ans. हरियाणा और उत्तर प्रदेश व दिल्ली को भीषण बाढ से बचाया जा सके.
Q. जे.एल.एन.उठान सिंचाई परियोजना के तहत किस जिले की खेती बाड़ी को बढाने के लिए सुखा राहत कार्यक्रम को आरम्भ किया गया था ?
Ans. महेंद्रगढ़ जिले
Q. जे.एल.एन.उठान सिंचाई परियोजना की प्रणाली द्वारा कब पहली बार पानी छोड़ा गया था?
Ans. 1976 में
Q. जे.एल.एन.उठान सिंचाई परियोजना की आवश्यकता में पड़े भूतपूर्व सूखे के दौरान कब महसूस हुई थी जिससे की खरीफ फसल को बचाया जा सका?
Ans. 1987 में
Q. नखाना की सिंचाई परियोजना की लम्बाई कितनी है?
Ans. 37,500 फूट है.
Q. नखाना की सिंचाई परियोजनाके कारण किन गावों को सिंचाई सुविधा प्राप्त हुई है?
Ans. कलौदा, खुर्द कला, भिखेवाला, खरडवाल नेहरा, फुलिया कला, गुल्हेड़ा और सुल्हेड़ा गावों में
Q. हरियाणा में प्रमुख सिंचाई परियोजना कौन-सी है?
Ans. जवाहरलाल नेहरु सिंचाई योजना, लोहारू लिफ्ट सिंचाई योजना, झज्जर उत्थान सिंचाई योजना, सांगा उत्थान सिंचाई योजना, पश्चिम यमुना नहर योजना, जुई लिफ्ट सिंचाई योजना, सिवनी लिफ्ट सिंचाई योजना आदि
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