कार्बन प्रकृति में पाया जाने वाला एक तत्व है जिसकी परमाणु संख्या 6, इलेक्ट्रॉनिक्स विन्यास 2, 4 तथा संयोजकता 4 है। इसे 126C के रूप में लिखा जाता है।
कार्बन के यौगिक सह संयोजी होते हैं।
CO2 तथा ऊष्मा उत्पादित होते हैं।
आहार, कपड़े, दवाइयां, कागज आदि।
लगभग 0.03%
एक ही रासायनिक तत्वों के विभिन्न भौतिक रूपों में पाए जाने की पर घटना, अपररूपता कहलाती है।
हीरा तथा ग्रेफाइट
हीरा
ग्रेफाइट
कोयला, कोक, कार्बन ब्लैक आदि।
मिथेन (CH4)
कार्बन का अपररूप जिसमें कार्बन परमाणु फुटबॉल की आकृति में व्यवस्थित है।
हाइड्रोकार्बन व उनके व्यूत्पनों को कार्बनिक यौगिक कहते हैं।
चार
क्योंकि इसकी संयोजकता 4 होने के कारण में तो यह इलेक्ट्रॉन त्यागने की स्थिति में है और ना ही इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने की स्थिति में है। एक केवल इलेक्ट्रॉनों साझेदारी कर सकता है।
इसकी संयोजकता चार होना तथा श्रृंखलन।
क्योंकि यह बहुत ही अधिक कठोर है।
क्योंकि यह विद्युत का सुचालक है।
ग्रेफाइट
वे कार्बनिक यौगिक जिनमे कार्बन परमाणुओं के बीच केवल एकल आबंध होते है, संतृप्त यौगिक कहलाते है।
वे कार्बनिक यौगिक जिनमें कारबन- कार्बन के बीच द्वि-या त्रि-आबन्ध होते हैं, असंतृप्त यौगिक कहलाते हैं।
एथिन C2H4 और एथाईन C2H2
असंतृप्त कार्बनिक यौगिक अधिक क्रियाशील होते हैं।
केवल हाइड्रोजन और कार्बन के यौगिक हाइड्रोकार्बन कहलाते हैं।
किसी कार्बनिक यौगिक में कार्बन तथा हाइड्रोजन को छोड़कर अन्य परमाणु, विषम परमाणु कहलाते हैं।
समजात
श्रंखलन गुण के कारण।
मिथेन (CH4)
सरलतम कीटोन का सामान्य नाम = एसीटोन तथा IUPAS नाम = प्रॉपेनोन = CH3COCH3
कार्बनिक यौगिक जिनका आणविक सूत्र तो वही होता है लेकिन सरचनात्मक सूत्र भिन्न होते हैं, समावयव कहलाते हैं।
ऐसी घटना जिसमें एक ही आणविक सूत्र को दो या अधिक के सरचनात्मक सूत्रों की सहायता से प्रदर्शित किया जा सके, समायवता कहलाती है।
एल्काइन (CnHn-2)
एल्कीन
बिना जले कार्बन के कणों की उपस्थिति के कारण है।
कोयला तथा पेट्रोलियम जीवाश्म इंधन है.
असंतृप्त हाइड्रोकार्बन होने के कारण है यह योगात्मक अभिक्रिया प्रदर्शित करती है.
IUPAC – International Union of pure and applied chemistry
अम्ल तथा एल्कोहल
वह प्रक्रिया जिसमें एंजाइम या सूक्ष्म जीवों की सहायता से जटिल कार्बनिक पदार्थों कौशल कार्बनिक पदार्थों में परिवर्तित किया जाता है, किण्वन कहलाती है। उदाहरण के लिए शर्करा का एथिल अल्कोहल में परिवर्तन।
क्योंकि अल्कोहल का अच्छा इंधन है और बिना किसी प्रदूषण के जलता है।
एसिटिक अम्ल
सिरके में एथानोइक (एसीटिक) अम्ल होता है।
यह एक्टिव पदार्थ है जिसमें सिरके जैसी गंध होती है।
साबुन लंबी श्रंखला युक्त वसीय अम्लों के सोडियम लवण होते हैं।
पानी की कठोरता उसमें उपस्थित कैल्शियम तथा मैग्नीशियम लवणों (सल्फेट, कार्बोनेट, क्लोराइड) के कारण से होती है।
क्योंकि अपामार्जक के कठोर जल में भी अच्छा कार्य करते हैं और तलछट नहीं बनाते।
लंबी श्रंखला युक्त वसीय अम्ल के गठन से साबुन बनने की प्रक्रिया (साबुनीकरण) सैपोनिफिकेशन कहलाती है।
ग्लिसरीन
क्योंकि वे अजैव निम्नीकरण में होते हैं।
वह लंबी श्रंखला आयुक्त सल्फोनेटिड कार्बोक्सिलीक अम्लों के सोडियम लवण होते हैं।
इलेक्ट्रोड
पारदर्शक तथा ऊष्मा का कुचालक होने के कारण इसे अंतरिक्ष यान की खिड़कियां आदि बनाने के काम में लाया जाता है।
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