आज इस आर्टिकल में हम आपको ज्यामिति गणित का अध्ययन के बारे में बताएँगे. ज्यामिति गणित की वह शाखा है जिसके अंतर्गत हम दो या दो से अधिक रेखा खंडों से बनी आकृतियों का अध्ययन करते हैं .
बिंदु (point) कि कोई लंबाई और चौड़ाई नहीं होती है. यह मात्रा सही स्थिति को दर्शाने का कार्य करता है.
एक रेखाखंड के दोनों दिशाओं में अनंत तक बढ़ाने में रेखा प्राप्त होती है.
वह रेखा जो एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक बिना बदले जाती है, सरल रेखा कहलाती है
वह रेखा जो एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक टेडी- मेडी होकर दिशा बदलती हुई जाती है , वह रेखा वक्र रेखा कहलाती है.
जब दो या दो से अधिक रेखाएं किसी एक बिंदु से होकर जाती है, तो उन रेखाओं को संगामी रेखाएं कहते हैं.
जो दो रेखाओं के बीच की दूरी सदैव बराबर होती है, तो उन रेखाओं को समांतर रेखा कहते हैं.
वह रेखा, दो दो या दो से अधिक रेखा को काटे तिर्यक रेखा कहलाती है.
जब एक ही रेखा पर अन्य एक या एक से अधिक रेखाएं होती है, तो वह संपाती रेखाएं कहलाती है.
एक रेखा का वह भाग, जिसके दोनों किनारे निश्चित हो, रेखाखंड कहलाता है
एक रेखा का वह भाग, इसका एक किनारा निश्चित हो, किरण कहलाता है
किसी बिंदु पर 2 आसन किरणों के मिलने से जो झुकाव पैदा होता है, उसे कोण कहते हैं
वह कोण, जिसका मान 0 से अधिक और 90 से कम होता है, उसे न्यून कोण कहते हैं.
किसी समतल पर चार रेखा खंडों में निर्मित बंद आकृति चित्र कहलाती है
यदि चतुर्भुज की सम्मुख भुजाओं का प्रत्येक युग्म समांतर है, समांतर चतुर्भुज कहलाता है.
एक चतुर्भुज, जिसकी सम्मुख भुजाएं समांतर वह बराबर हो तथा प्रत्येक कोण 90 डिग्री का हो, आयत कहलाता है.
एक ऐसा चतुर्भुज, जिस की सभी भुजाएं समान हो वह प्रत्येक कोण 90 डिग्री का हो, वर्ग कहलाता है
एक चतुर्भुज, जिसकी चारों भुजाएं समान हो, समचतुर्भुज कहलाता है
चारों भुजाएं बराबर होती है. विकर्ण एक दूसरे को 90 डिग्री पर समद्विभाजित करते हैं, विक्रम बराबर नहीं होते हैं, भुजाओं के वर्गों का योग विवरणों के वर्गों के योग के बराबर होता है.
एक चतुर्भुज, जिसकी भुजाओं का एक युग्म समांतर हो, कहलाता है
आमने- सामने की कोई दो भुजाएं एक दूसरे के समांतर होती है., दोनों समांतर भुजाओं की बीच की सभी दुनिया समान होती है, कोई दो सम्मुख भुजाएं असमांतर होती है
वह चतुर्भुज जिसके चारों सिर्फ एक वृत्त की परिधि पर स्थित है, चक्रीय चतुर्भुज या वृत्तीय चतुर्भुज कहलाता है
किसी समतल में एक स्थिर बिंदु से समान दूरी पर स्थित है, समस्त बिंदुओं से बनी आकृति को वृत्त कहते हैं
एक रेखाखंड, जिसके दोनों अंतः बिंदु वृत पर हो, वृत्त की जीवा कहलाती है.
वह जीवा, दो वृत्त के केंद्र से होकर गुजरती है, वृत का व्यास कहलाता है.
आज इस आर्टिकल में हमने आपको ज्यामिति गणित का अध्ययन, रेखा गणित की परिभाषा, ज्यामिति सूत्र, निर्देशांक ज्यामिति की परिभाषा, ज्यामितीय आकृतियों के नाम, रेखा किसे कहते हैं, के बारे में बताया है, अगर आपको इससे जुडी कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पुछ सकते है.
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