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पानीपत जिला – Haryana GK Panipat District

आज इस आर्टिकल में हम आपको पानीपत जिला – Haryana GK Panipat District के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहे है.

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1 पानीपत जिला – Haryana GK Panipat District
1.12 पर्यटन स्थल

पानीपत जिला – Haryana GK Panipat District

पानीपत जिला – Haryana GK Panipat District

इतिहास

पौराणिक कथा के अनुसार, पानीपत महाभारत के समय पांडव बंधुओं द्वारा स्थापित पांच शहरों (प्रस्थ) में से एक था इसका ऐतिहासिक नाम पांडुप्रस्थ है।

पानीपत भारतीय इतिहास में तीन प्रमुख लड़ाइयां लड़ी गयी थी.

पानीपत की पहली लड़ाई

पानीपत की पहली लड़ाई 21 अप्रैल 1526 को दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोदी और बाबर के बीच लड़ा गया था। बाबर की सेना ने इब्राहिम के एक लाख से ज्यादा सैनिकों को हराया। इस प्रकार पानीपत की पहली लड़ाई ने भारत में बहलुल लोदी द्वारा स्थापित ‘लोदी वंश’ को समाप्त कर दिया।

पानीपत की दूसरी लड़ाई

दूसरी लड़ाई 5 नवंबर 1556 को अकबर और सम्राट हेम चंद्र विक्रमादित्य के बीच लड़ी गई, सम्राट हेम चन्द्र उत्तर भारत के राजा थे तथा हरियाणा के रेवाड़ी से सम्बन्ध रखते थे। हेम चन्द्र ने अकबर की सेना को हरा कर आगरा और दिल्ली के बड़े राज्यों पर कब्जा कर लिया था। इस राजा को विक्रमादित्य के रूप में भी जाना जाता है। यह राजा पंजाब से बंगाल तक 1553-1556 से अफगान विद्रोहियों के खिलाफ 22 युद्धों जीत चुका था और 7 अक्टूबर 1556 को दिल्ली में पुराना किला में अपना राज्याभिषेक था और उसने पानीपत की दूसरी लड़ाई से पहले उत्तर भारत में ‘हिंदू राज’ की स्थापना की थी।

हेम चंद्र की एक बड़ी सेना थी, और शुरूआत में उनकी सेना जीत रही थी, लेकिन अचानक हेमू की आंख में एक तीर मारा गया और उसने अपनी इंद्रियों को खो दिया। एक हाथी की पीठ पर अपने राजा को न देखकर उसकी सेना भाग गई। बाद में मुगलों द्वारा उस पर कब्जा कर लिया और उसका सिर काट दिया। उसके सिर को दिल्ली दरवाजा के लिए काबुल भेजा गया था और उसके धड़ को दिल्ली में पुराना किला के बाहर लटका दिया गया था। पानीपत की इस दूसरी लड़ाई ने उत्तर भारत में हेमू द्वारा स्थापित ‘हिंदू राज’ को कुछ समय के लिए समाप्त कर दिया।

पानीपत की तीसरी लड़ाई

पानीपत की तीसरी लड़ाई 1761 में अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली और पुणे के सदाशिवराव भाऊ पेशवा के तहत मराठों के बीच लड़ा गया था। यह लडाई अहमद शाह अब्दाली ने सदाशिवराव भाऊ को हराकर जीत ली थी। यह हार इतिहास मे मराठों की सबसे बुरी हार थी।

इस युद्ध ने एक नई शक्ति को जन्म दिया जिसके बाद से भारत में अग्रेजों की विजय के रास्ते खोल दिये थे। प्रसिद्ध उर्दू शायार मौलाना हली का जन्म भी पानीपत में ही हुआ था।

स्वतन्त्रता संग्राम में भूमिका

भारत का स्वतंत्रता संग्राम व्यवहारिक रूप से 1857 ईसवी में मेरठ सेना द्वारा बरतानिया के खिलाफ विद्रोह से शुरू हुआ और पूरे देश में फैला।

स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा की जनता का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस जिले के नौल्था क्षेत्र के 16 गांवों ने राजस्व देने से इन्कार कर गांवों में तैनात बरतानवी अधिकारियों को दूर खदेड़ दिया।

कुछ देश भक्तों ने कम्पनी सेनाओं से दो-दो हाथ करने हेतु दिल्ली की तरफ कूच किया। वापसी पर पानीपत में कलैक्टर के शिविर पर आक्रमण करने की योजना बनाई, जो कि दुर्भाग्यवश असफल रही।

फिर भी समालखा पर संग्रामियों ने कब्जा कर लिया, जिसे बरतानियों ने जींद व पटियाला की सेनाओं की मदद से वापिस हासिल कर लिया। पानीपत शहर, विशेषकर बू अलीशाह कलन्दर का मकबरा ऐसी गतिविधियों का केन्द्र था।

1938 ई. में डॉक्टर गोपीचन्द भार्गव ने पानीपत तहसील की समालखा मण्डी में एक बड़ी कान्फ्रैंस की अध्यक्षता की, जिसके फलस्वरूप कांग्रेस वालंटियर व स्वतंत्रता सेनानियों ने गांव-गांव जाकर लोगों से सम्पर्क साधने का अभियान शुरू किया।

जिले का गठन

पानीपत 31 अक्टूबर 1989 तक करनाल जिले का भाग था। एक नवम्बर 1989 को इसे अलग से जिले का दर्जा दे दिया गया । तब करनाल की असन्ध तहसील भी इसके अन्तर्गत आती थी। एक जनवरी 1992 को जिले के पुनर्गठन के दौरान इसमें से असन्ध तहसील निकाल दी गई।

स्थिति

पानीपत 29.39॰ उत्तर 76.97॰ पूर्व  में स्थित है। इसकी औसत ऊंचाई 219 मीटर है। पानीपत दिल्ली के शेरशाह सूरी मार्ग  पर 90 किमी दूर  उत्तर में स्थित है।

panipat map

तीन तरफ से  पानीपत जिला की सीमाएं हरियाणा के अन्य जिलों को छूती हैं-उत्तर में करनाल, पश्चिम  में जिंद और दक्षिण में सोनीपत।

पानीपत जिले पूर्व में यमुना नदी के पार उत्तर प्रदेश राज्य की सीमाएं हैं।

ग्रांड ट्रंक रोड वर्ष 2008 में फ्लाईओवर का निर्माण किया गया, जो कि भारत के  सबसे लम्बे फ्लाइओवरो में से एक है।

विभाजन

पानीपत और समालखा जिला के दो उपमंडल हैं, जिन्हें आगे पांच तहसीलों में विभाजित किया गया है: पानीपत, समालखा, इसराना, बापौली और मतलौडा। इस जिले में चार विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं: पानीपत ग्रामीण, पानीपत सिटी, इसराना और समालखा। जो कि करनाल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं।

जनसांख्यिकी

2011 की जनगणना के अनुसार पानीपत जिले की आबादी 1,202,811 है, जिले में जनसंख्या घनत्व 949 निवासी प्रति वर्ग किलोमीटर है।

2001-2011 दस साल बाद इसकी जनसंख्या वृद्धि दर 24.33% थी।

पानीपत में प्रत्येक 1000 पुरुषों के लिए 861 महिलाओं का लिंग अनुपात है तथा 77.5% साक्षरता दर है।

2011 की जनगणना के अनुसार पानीपत शहरी ढांचे की जनसंख्या 442,277 थी, जिसमें से पुरुष 237,006 और महिलाएं 205,271 थीं। साक्षरता दर 81.75 प्रतिशत थी।

जन ग्रामीण शहरी
जनसंख्या (%) 54.03 % 45.97 %
जनसंख्या 649,866 552,945
पुरूष 349,674 296,650
स्त्री 300,192 256,295
स्त्री-पुरुष अनुपात 858 864
स्त्री-पुरुष अनुपात (शिशु) (0-6) 823 846
शिशु जनसंख्या (0-6) 92,905 71,873
लड़के (0-6) 50,951 38,930
लड़कियाँ (0-6) 41,954 32,943
साक्षर 412,631 391,425
साक्षर पुरुष 250,016 225,443
साक्षर स्त्री 162,615 165,982
औसत साक्षरता 74.09 % 81.37 %
पुरुष साक्षरता 83.69 % 87.48 %
स्त्री साक्षरता 62.97 % 74.31 %
तुलना 2011 2001
जनसंख्या 1,202,811 967,449
पुरुष 646,324 528,860
स्त्री 556,487 438,589
जनसंख्या वृद्धि 24.33% 38.58%
क्षेत्रफल Sq. Km 1,268 1,268
घनत्व /km 949 763
तुलना हरियाणा की जनसंख्या से 4.74% 4.58%
लिंग अनुपात (Per 1000) 861 829
बाल लिंग अनुपात (0-6 Age) 833 808
साक्षरता 77.50 69.20
पुरुष साक्षरता 85.40 78.50
स्त्री साक्षरता 68.20 58.00
बाल जनसंख्या (0-6 Age) 164,747 143,262
लड़के (0-6 Age) 89,873 79,250
लड़कियां (0-6 Age) 74,874 64,012
साक्षरता 803,663 352,512
पुरुष साक्षरता 475,230 216,972
स्त्री साक्षरता 328,433 569,484
बाल अनुपात (0-6 Age) 13.70% 14.81%

जनसंख्या विकास दर

2001 के अनुसार आबादी की तुलना में जनसंख्या में 24.33 प्रतिशत परिवर्तन हुआ था। भारत की पिछली जनगणना में 2001, पानीपत जिले ने 1991 की तुलना में इसकी आबादी में 38.58 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

घनत्व 2011

जनगणना भारत 2011 द्वारा जारी प्रारंभिक अंतिम डेटा दर्शाता है कि 2011 के लिए पानीपत जिले की घनत्व 949 प्रति व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। 2001 में पानीपत जिले की घनत्व प्रति वर्ग किमी 763 लोगों में थी। पानीपत जिले में 1,268 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का प्रशासन होता है।

साक्षरता दर 2011

2011 में पानीपत की औसत साक्षरता दर क्रमश: 77.50% थी और 2001 की 69.20% के मुकाबले 77.50% थी।

लिंग के अनुसार, पुरुष और महिला साक्षरता क्रमश: 85.40 और 68.20 थी।

2001 की जनगणना के लिए, इसी आंकड़े पानीपत जिले में 78.50 और 58.00 थे।

पानीपत जिले में कुल साक्षर संख्या 803,663 थी जिसमें से पुरुष और महिला क्रमशः 475,230 और 328,433 थे।

2001 में, पानीपत जिले में इसके जिले में 352,512 था।

लिंग अनुपात 2011

पानीपत में लिंग अनुपात के संबंध में 2001 की जनगणना के आंकड़ों की तुलना में 1000 पुरुष थे।

जनगणना 2011 निदेशालय की नवीनतम रिपोर्ट के मुताबिक भारत में औसत राष्ट्रीय सेक्स अनुपात 940 है। 2011 की जनगणना में, 2001 की जनगणना के आंकड़ों के प्रति 1000 लड़कों की तुलना में 808 लड़कियों की संख्या की तुलना में बाल लिंग अनुपात 1000 बच्चों प्रति 833 लड़कियां हैं।

बाल जनसंख्या 2011

जनगणना में, पानीपत सहित सभी जिलों से 0-6 साल से कम उम्र के बच्चे के बारे में डेटा एकत्र किया गया था।

2001 की जनगणना के 143,262 के मुकाबले कुल 164,747 बच्चे 0-6 वर्ष से कम थे कुल 164,747 पुरुष और महिलाएं क्रमशः 89,873 और 74,874 थे।

2001 की जनगणना के 808 की तुलना में 2011 की जनगणना के अनुसार बाल लिंग अनुपात 833 था।

2011 में, 0-6 से कम बच्चे पानीपत जिले की 13.70 प्रतिशत की तुलना में 2001 के 14.81 प्रतिशत के मुकाबले थे।

भारत में पिछली जनगणना की तुलना में इस में -1.11 प्रतिशत का शुद्ध परिवर्तन हुआ था।

उद्योग

पानीपत शहर अपने पारंपरिक हथकरघा उद्योग के लिए जाना जाता है, जो कि पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।

पानीपत में थर्मल पावर स्टेशन की पहली इकाई 1 नवंबर 1979 को शुरू हुई थी, वर्तमान में इसकी 8 इकाइयां हैं जिनकी 1360 मेगावाट की क्षमता है।

यह पर्दे, चादरों, कंबल और कालीनों के लिए प्रसिद्ध है। अगर हम शिक्षा के बारे में बात करते हैं, तो पानीपत में सभी प्रमुख स्कूल और कॉलेज हैं।

जलवायु एवं तापमान

यहां गर्मियों में अधिक गर्मी और सर्दियों में सर्दी रहती है।

दिसम्बर-जनवरी मास में कभी-कभी तापमान घटकर न्यूनतम 4.4 सेल्सियस तक रह जाता है, जबकि जून मास में तापमान 42.2 सेल्सियस तक पहुंच जाता है।

नदियों की स्थिति

पानीपत जिले के निकट यमुना ही एकमात्र नदी है। यह नदी भी जिले की पूर्वी सीमा के साथ-साथ बहती है। वर्षा ऋतु में यमुना नदी का औसत डिस्चार्ज एक लाख क्युसेक रहता है। परन्तु जब कभी पहाड़ों पर अधिक वर्षा हो जाती है तो यमुना नदी का डिस्चार्ज तीन से चार लाख क्युसेक हो जाता है। जिसके कारण इसके तट पर बसे जिले के गांवों पर खड़ी फसलों को अत्यधिक हानि पहुंचती है।

जिले में जल निकास हेतु उत्तम प्रबंध किया गया है। यहां बाढ का मुख्य कारण यमुना नदी में पानी का आकस्मिक बढ जाना या ताजेवाला हैडवर्कस से ज्यादा पानी का छोड़ा जाना है।

दूसरा कारण निचले हिस्सों में ज्यादा वर्षा से पानी भर जाना भी है। पत्थरगढ, राणामाजरा, नवादा, अद्यमी, गढी बेसक, जलालपुर, उरलाना जैसे 13 गांवों को रिंग बांध बनाकर बाढ से सुरक्षा प्रदान की गई है।

पानीपत ड्रेन पानीपत शहर के मध्य में बहती है और वर्तमान में शहर का गन्दा पानी व सीवर इत्यादि इसमें डाला जाता है। इस कारण यह हमेशा गन्दे पानी से व स्लैज से भरी रहती है। इसे साफ करने के लिए एक पोवलीन मशीन व एक ड्रेन लाईन लगाई गई है।

नहर द्वारा सिंचाई के लिए इस जिले में दो मुख्य नहरें पुरानी दिल्ली ब्रांच एवं पेरलल दिल्ली ब्रांच तथा चार मुख्य डिस्ट्रीब्यूट्रियां गोहाना, इसराना, नारायणा और अहुलाना डिस्ट्रीब्युट्री के नाम से हैं।

जिले में दो मुख्य नहरें हैं। यहां का जल अन्य जिलों की अपेक्षा मीठा है। जन स्वास्थ्य विभाग ने यमुना नहर और टयूबवैलों के माध्यम से यहां के हर कस्बे और गांव में पेयजल की सुविधा पहुंचाई है।

सोनीपत जिला – Haryana GK Sonipat District

कृषि

जिला पानीपत में कृषि योग्य भूमि 26,64,398 हैक्टेयर है। नहरी सिंचाई 26 हजार हैक्टेयर भूमि पर होती है तथा नलकूप द्वारा 77124 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई होती है।

रबी की मुख्य फसल गेहूं व खरीफ की मुख्य फसल धान है। कृषि विभाग खरपतवारनाशक दवाइयों, बीजों, खादों और कृषि यंत्रों जैसे विभिन्न कृषि इन्पुट्स पर अनुदान देकर सहायता कर रहा है।

इसी प्रकार कृषि विभाग ने जिले में ईंधन एवं देशी खाद की बचत हेतु प्राकृतिक ऊर्जा प्राप्त करने के लिए बायोगैस प्लांट स्कीम लागू की है, जिसपर अनुदान भी दिया जा रहा है।

उचित मात्रा में खाद प्रयोग करने के लिए किसानों के खेतों की मिट्टी एवं ट्यूबवैलों का पानी कृषि विभाग की प्रयोगशाला में टैस्ट किए जाते हैं।

पानीपत जिला में धान 72,000 हैक्टेयर, गन्ना 7,300 हैक्टेयर, मक्का 255 हैक्टेयर, चारा ज्वार 6,000 हैक्टेयर क्षेत्र में फसल उगाई जाती हैं तथा बाजरा, कपास व अरहर की फसल लगभग शुन्य के बराबर होती है।

इसके अतिरिक्त लगभग 400 हैक्टेयर क्षेत्र में आलु, गोभी, टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, ककड़ी, मिर्च, तोरी, घिया, टिंडा, पेठा, लहसुन, अदरक, प्याज व अरबी आदि सब्जियां उगाई जाती है।

पहनावे और वेशभूषा

यमुना के साथ लगते क्षेत्र के लोग यू.पी. में पहनी जाने वाली धोती व टोपी का इस्तेमाल करते हैं, जबकि महिलाएं सलवार कुर्ता पहनती है।

पहनावे और वेशभूषा

जिला सोनीपत के साथ लगते इलाके के लोग धोती कुर्ता अथवा पायजामा कमीज पहनते हैं तथा टोपी के साथ बुजुर्ग पगड़ी बांधते हैं।

शिक्षित नवयुवकों में पैंट शर्ट व महिलाओं में सलवार कमीज का प्रचलन है।

पर्यटन स्थल

पानीपत में कई पर्यटन स्थल है जो की आकर्षक का केंद्र है. जैसे पानीपत युद्ध संग्रहालय, हेमू समाधि-स्थान, बाबर व अकबर की छावनी, सोंदापुर गांव में इब्राहिम लोढ़ी की कब्र , काबुली बाग, देवी मंदिर, काला आम, सालर गज गेट और तेरहवीं सदी सूफी संत बुउ अली शाह कलंदर की कब्र

पानीपत संग्रहालय

हरियाणा सरकार द्वारा गठित बैटल आफ पानीपत मेमोरियल सोसायटी ने पानीपत की तीन लड़ाइयों और देश के समग्र इतिहास पर उनके प्रभाव के लिए महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटनाओं को उजागर करने के लिए एक संग्रहालय बनाया गया है।

पानीपत संग्रहालय

पानीपत संग्रहालय की स्थापना का उद्येश्य तीन लड़ाइयों, कला, इतिहास, शिल्प और पुरातत्व के बारे में जानकारी प्रदान करना है।

संग्रहालय में मूर्तियाँ, एंटीक वस्तुएं, हथियार, मिट्टी के बर्तन, गहनें, महत्वपूर्ण दस्तावेज़, पांडुलिपियाँ, कला और शिल्प की वस्तुएं, हस्तशिल्प, नक्शे, लेख, फोटो, स्लाइड सहित और भी बहुत कुछ प्रदर्शित किया गया है जो देश के उन बेटों की देशभक्ति और वीरता पर प्रकाश डालती हैं जिन्होंने आक्रमणकारियों को बाहर निकालने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया था।

हुमायूं समाधि स्थल

उसने पानीपत की दूसरी लड़ाई में मुग़ल सेनाओं के खि़लाफ लड़ाई लड़ी थी। जब वह लड़ाई जीतने वाला था, बिल्कुल तभी उसकी आँख में एक तीर आकर लग गया था। हेमू बेहोश हो गया और कैद कर लिया गया। पानीपत में जींद रोड पर स्थित सौंधपुर में अकबर के सामने लाते समय वह मर गया था। हेमू के मित्रों और समर्थकों ने उसके सिर कटने के स्थान पर उसकी समाधि का निर्माण किया।

इब्राहिम लोदी की मकबरा

सन् 1526 में इब्राहिम लोधी ने बाबर के साथ लड़ाई लड़ी, जिसमें उसकी हार हुई और वह मारा गया। लड़ाई स्थल पर ही इब्राहिम लोधी को दफनाया गया। बाद में अंग्रेजों ने इस स्थान पर एक बहुत बड़ा चबूतरा बनवाया तथा एक पत्थर पर उर्दू में इस कब्र के महत्व के बारे में लिखवाया।

काबुली बाग

काबुली बाग में गार्डन, एक मस्जिद और एक टैंक बना हुआ है जिसे मुगल सम्राट बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोधी पर अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए बनवाया था। उसने इस मस्जिद और गार्डन का नाम अपनी पत्नी मुस्समत काबुली बेग़म के नाम पर रखा था।

देवी मंदिर

सालारजंग गेट के समीप स्थित देवी मंदिर इस समय पानीपत मेें उपलब्ध प्राचीनतम हिन्दू स्मारक है। कहा जाता है कि पानीपत के तीसरे युद्घ के समय भी इस स्थान पर एक विष्णु मंदिर और यहां वर्तमान तालाब विद्यमान था।

देवी मंदिर प्रांगण में जाने के लिए सडक़ के साथ ही एक बड़ा प्रवेश-द्वार बना है। यह प्रवेश-द्वार 1904 ई0 (वि.सं.1961)में बनवाया गया था।

काला आम

काला आम्ब स्मारक 70 हजार मराठों के बलिदान की कहानी है जिन्होंने पानीपत की तीसरी लड़ाई में वीर गति प्राप्त की थी। इस लड़ाई में मराठों व मुगल सल्तनत के सरताज अहमदाशाह अब्दाली में लगातार पांच मास घमासान युद्ध हुआ था।

kaala amb park

9 अगस्त 1992 को हरियाणा के तत्कालीन राज्यपाल श्री धनिक लाल मण्डल ने इसे हरियाणा राज्य ने नाम समॢपत कर दिया।

सलार गंज गेट

पानीपत नगर के मध्य स्थित यह त्रिपोलिया दरवाजा प्राचीन आबादी का प्रवेश द्वार है जिसका निर्माण ब्रिटिश काल में हुआ था। जो नवाब सलारजंग के नाम से जाना जाता है।

यह दरवाजा प्राचीन वास्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है। यह पानीपत शहर के बीच मुख्य आर्टीरियल सड़क पर स्थित है।

बू-अली शाह कलंदर का मकबरा

बू-अली शाह कलंदर का मकबरा

यह इमारत 700 वर्ष पुरानी दरगाह के रूप में जानी जाती है जिसे खिजर खान ओर शाह खान अलाऊदीन खिलजी के पुत्रों ने बनवाया था। बू-अलीशाह कलन्दर जोकि सलार फकीरूदीन के सुपुत्र थे, वर्ष 1190 ई0 में पैदा हुए थे।

अरन्तुक यक्ष मन्दिर

यह मन्दिर अस्थल त्रिखू तीर्थ के नाम से जाना जाता है। यह तीर्थ सींख व पाथरी गांव की सीमा पर स्थित है। यह स्थान महाभारत काल के समय का है और कहा जाता है कि यह महाभारत का चौथा दक्षिण पूर्वी द्वार था जिसके द्वारपाल मंच कुर्क यक्ष था। यहां पर वह तालाब भी है जहां पर यक्ष द्वारा युधिष्टर से संवाद किए गए थे।

इस तीर्थ पर स्थापित किए गए डेरे का इतिहास लगभग 800 वर्ष पुराना है।

सिद्घ शिव शनिधाम पानीपत

पानीपत के मुख्य बाजार में स्थित सिद्घ शनिधाम श्रद्घालुओं को धाॢमक एकता से सरोकार कराता है। इस शनिधान में जहां एक ओर आर्तियां होती हैं वहीं दूसरी ओर मुस्लिम श्रद्घालु नमाज अदा कर रहे हैं।

आस-पास के क्षेत्रों में इस शनिधामों को दादा-पोता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

मंदिर गुरूद्वारा, पानीपत

पानीपत के तहसील कैंप राम नगर में आमने-सामने स्थित श्री गुरूनानक द्वारा और सनातन आश्रम मंदिर की अपनी ही मान्यता है। यहां एक ओर श्रद्घालु सनातन आश्रम मंदिर में शीश झुकाते हैं, वहीं दूसरी ओर श्री गुरूनानक द्वारे में मात्था टेकने के लिए संगत की भीड़ लगी ही रहती है।

संत श्रवण स्वरूप महाराज ने ही वर्ष 1976 में श्री गुरू नानक द्वारे की स्थापना की थी। उसी समय गुरूद्वारे के सामने ही सनातन आश्रम मंदिर का निर्माण किया गया।

रामचन्द्र जी का मंदिर

रामचन्द्र जी का मंदिर मोहल्ला बड़ी पहाड़ में स्थित है। नगर के अन्दर मराठों द्वारा बनवाया गया यह अकेला मंदिर है। यह 1793 ईसवी में तत्कालीन महाराजा सिंघिया द्वारा निॢमत है।

दिगम्बर जैन मन्दिर

यह मन्दिर पुराने पानीपत नगर के पश्चिम में जैन मोहल्ले में स्थित है। इस मन्दिर की वास्तुकला के अनुसार इसका निर्माण 17वीं शताब्दी के आरम्भिक काल में किया गया।

कबीर-उल-औलिया हजरतशेख जलालुद्ïदीन की दरगाह-

शेख जलालुद्ïदीन पानीपत के प्रमुख सुफी संत हुए हैं। ये बू-अली शाह कलंदर के समकालीन थे। शेख जलालुद्ïदीन की मृत्यु 1364 ई.वी. में हुई लेकिन मकबरे का निर्माण 13 मई 1499 ई.वी. को फिरोज मुहम्मद लतुफउल्लाह अफगान ने करवाया। यह मककबरा पुराने पानीपत के पूर्वी भाग में स्थित था। आज यह मकदूम साहब के नाम से प्रसिद्घ है।

सैयद रोशन अली शाह दरगाह

पानीपत के सामान्य अस्पताल परिसर में स्थित सैयद रोशन अली शाह साहेब की दरगाह भाई-चारे की मिशाल है। यहां हर धर्म के लोग भाई-चारे के लिए दुआ करने पहुंचते हैं।

अल्ताफ हुसैन हाली की कब्र

मसुल-उलमा की उपाधि से विभूषित अल्ताफ हुसैन हाली उर्दू, फारसी, अरबी व अंग्रेजों के अच्छे ज्ञाता थे। इन्होंने शिक्षा के प्रसार के लिए कई हजार रूपये इक्कठे करके एक पुस्तकालय बनवाया व बाद में एक छोटा सा स्कूल शुरू करने में जुड गए जो बाद में हाली हाई स्कूल के नाम से प्रसिद्घ हुआ।

भारत विभाजन के समय जी.टी.रोड़ पर स्थित आर्य हाई स्कूल ही हाली हाई स्कूल की पुरानी ईमारत में स्थानांतरित हुआ था। इस महान साहित्यकार की मृत्यु 31 दिसम्बर 1914 को पानीपत में हुई। इनकी कब्र बु-अली-शाह कलंदर दरगाह के प्रांगण में स्थित है। इनके नाम से एक पुस्तकालय भी वहीं बनाया गया है। नगर के एक पार्क का नाम भी हाली के नाम पर रखा गया है।

जामा मस्जिद

नगर की मुख्य मस्जिद को जामा मस्जिद कहते हैं। ये नगर के मध्य में और नगर की सबसे बड़ी मस्जिद है। इसकी वस्तु कला को देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस मस्जिद का निर्माण 17वीं शताब्दी में हुआ।

हजरत ख्वाजा शमशुद्दीन का मकबरा

यह पानीपत के प्रमुख संत हुए हैं जो बु-अली शाह कलंदर के समकालीन थे और शेख अलाउद्दीन शाबरी के अनुयायी थे। अपने गुरू की सलाह पर ये पानीपत में रूके। इनका मकबरा पुराने पानीपत में दक्षिण के मुख्य द्वार पर स्थापित था। वहीं से ही नगर में प्रवेश होता था। अब यह स्थान सनौली रोड़ पर स्थित है।

मदरसा-ए-गुम्बदान

यह स्मारक दो गुम्बदों की अलग-अलग ईमारतें हैं। इनकी वास्तुकला के अनुसार यह मदरसा सलतनत काल का है।

सलार फखरूद्ïदीन व हाफिज जमाला का मकबरा

यह मकबरा बू-अली शाह कलंदर के माता-पिता का है। इनके पिता इराक से आए थे।

यह मकबरा दिल्ली के सुल्तान अलाऊद्ïदीन मासूद शाह के समय 1246 ईसवी में बनाया गया।

पानीपत का किला

यह किला कोई दुर्ग की शक्ल में नहीं दिखता। यह पानीपत नगर के उत्तर-पूर्वी भाग का ही हिस्सा लगता है व इसमें कुछ ईटों के अवशेष दिखाई पड़ते हैं। अकबर कालीन लेखक अबुल फजल पानीपत में ईंटों के किले का उल्लेख करता है।

इस किले पर ब्रिटिश काल के कुछ भवन थे। जिसमें गांधी मैमोरियल लाईब्रेरी भी थी। 1996 ई.वी. में तत्कालीन हरियाणा सरकार के आदेशानुसार यह भवन गिरा कर एक पार्क का निर्माण कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त यहां पर नगर निगम पुस्कालय भी स्थापित किया गया है।

श्री श्याम जी का मन्दिर गांव चुलकाना

गाँव चुकालना में श्री श्याम जी का भव्य मंदिर है.

प्रगटेश्वर महादेव धाम गांव भादड़

पानीपत से दक्षिण पश्चिम दिशा में 10 किलोमीटर दूर गांव भादड़ में स्थित प्रकटेश्वर महादेव धाम शिव मन्दिर सात एकड़ भूमि में फैला हुआ है।

गांव पाथरी में शीतला माता का मेला

यह मेला चेत्र व आसाढ़ मास के प्रत्येक बुधवार को लगता है। यहां पर श्रद्घालु दूर-दूर आकर मन्नतें मानते है।

दरवाजा शमशुदीन का मकबरा तथा शाह विलायती का मजार

यह दरगाह सनौली रोड़ पर स्थित है। इसमें बू-अली शाह कलन्दर के मुख्य शिष्य ख्वाजा शमशुदीन की मजार बनी हुई है।

प्रेम मंदिर

पानीपत के वार्ड 3 में श्री प्रेम मन्दिर स्थित है। यह प्रेम. सेवा एवं एकता का महान संगम है। इसकी स्थापना सर्वप्रथम शहर लैय्या जो कि अब पाकिस्तान में है. वहां पर पूज्य गुरूदेव श्री श्री 108 श्री शान्ति देवी जी महाराज सुपुत्री श्री घनश्याम दास जी चान्दना के द्वारा 1920 में की गई थी।

बाबा जोध सचियार

पानीपत से दिल्ली की तरफ सिखों के गुरू बाबा जोध सचियार का गुरूद्वारा अपने में एक विशेष महत्ता रखता है। इसके अन्दर बाबा जोध सचियार का समाधि स्थल है।

पानीपत जिले से जुड़े सवाल और उनके जवाब

Q. पानीपत किस भाग में स्थित है?

Ans. हरियाणा में मध्य-पूर्व में पानीपत जिला स्थित है. इसके पूर्व में उतर प्रदेश, उतर में करनाल, पश्चिम में जींद, दक्षिण में सोनीपत जिला स्थित है.

Q. पानीपत की स्थापना कब हुई थी?

Ans. 1 नवम्बर, 1989

Q. पानीपत का क्षेत्रफल कितना है?

Ans. 1,268 वर्ग किलोमीटर

Q. पानीपत का मुख्यालय कहाँ स्थित है?

Ans. पानीपत

Q. पानीपत का उप-मण्डल कहाँ स्थित है?

Ans. पानीपत व समालखा

Q. पानीपत की तहसील कहाँ स्थित है?

Ans. पानीपत, समालखा, इसराना, बपौली

Q. पानीपत की उप-तहसील कहाँ स्थित है?

Ans. मडलौडा

Q. पानीपत के खण्ड कहाँ स्थित है?

Ans. पानीपत, इसराना, मडलौडा, समालखा एवं बपौली, सनौली

Q. पानीपत की मुख्य नदियाँ कौन-कौन सी है?

Ans. गेंहू व चावल

Q. पानीपत के अन्य अनाज कौन-कौन से है?

Ans. गन्ना, एवं सब्जियाँ

Q. पानीपत के मुख्य खनिज कौन-कौन से है?

Ans. गन्धक

Q. पानीपत के मुख्य उघोग कौन-कौन से है?

Ans. सूती व ऊनी वस्त्र, विधुत उपकरण, चीनी, पेट्रोलियम रसायनिक पदार्थ एवं कालीन.

Q. पानीपत की सड़कों की लम्बाई कितनी है?

Ans. 1,044 किलोमीटर

Q. पानीपत के प्रमुख रेलवे कौन-कौन से है?

Ans. पानीपत

Q. पानीपत की जनसंख्या कितनी है?

Ans. (2011 के अनुसार) 12, 02, 811

Q. पानीपत के पुरुष कितने है?

Ans. 6,46,324

Q. पानीपत की महिलायें कितनी है?

Ans. 5,56,487

Q. पानीपत का जनसंख्या घनत्व कितना है?

Ans. 949 व्यक्ति प्रतिवर्ग कि. मी.

Q. पानीपत का लिंगानुपात कितना है?

Ans. 861 महिलाएँ (1000 पुरुषों पर)

Q. पानीपत की साक्षरता दर कितनी है?

Ans. 77.5 प्रतिशत

Q. पानीपत की पुरुष साक्षरता दर कितनी है?

Ans. 85.4 प्रतिशत

Q. पानीपत की महिला साक्षरता दर कितनी है?

Ans. 68.2 प्रतिशत

Q. पानीपत की जनसंख्या वृद्धि कितनी है?

Ans. (2001-2011) 24.33 प्रतिशत

Q. पानीपत के प्रमुख नगर कौन-कौन से है?

Ans. पानीपत, असन खुर्द, समालखा.

Q. पानीपत के पर्यटन स्थल कौन-कौन से है?

Ans. स्काई लार्क, काला अम्ब, ब्लूजे, (समालखा), शिव मंदिर

Q. पानीपत में विशेष क्या-क्या है?

Ans. पानीपत हैंडलूम व कालीन उघोग के लिए विख्यात है. हरियाणा से सर्वाधिक बासमती चावल निर्यात करने वाला बाजार पानीपत ही है. पानीपत मध्यकालीन युद्ध स्थल है.

आज इस आर्टिकल में हमने आपको पानीपत जिला – Haryana GK Panipat District के बारे में बताया है. अगर आपको इससे जुडी कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है.

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Manoj Swami

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