ईंधन एवं प्रणोदक

ईंधन

वो पदार्थ हैं, जो दहन पर प्रकाश और उष्मा उर्जा उत्पन्न करते हैं.

उष्मीय मान

यह उष्मा की वह मात्रा है जो एक ग्राम ईंधन को ऑक्सीजन की अधिकता में जलाने पर मुक्त होती है. इसको किलो-जूल/ग्राम में व्यक्त किया जाता है. किसी पदार्थ को जलाने के लिए इसका ज्वलन ताप कम होना चाहिए.

कुछ महत्वपूर्ण ईंधन के मात्रक 

ईंधन
उष्मीय मान (किलोग्राम/जुल)
केरोसिन तेल 48
पेट्रोल 50
डीजल कार
एल पी जी 50
लकड़ी 17
गोबर के कंडे 6-8
मेथेन 55
हाइड्रोजन  150

प्राकृतिक स्त्रोत

यह दो प्रकार के होते हैं

नवीकरणीय प्राकृतिक स्त्रोत

यह असीमित मात्रा में उपलब्ध होते हैं अर्थात कभी भी समाप्त नहीं होते हैं. उदाहरण- वायु, प्रकाश आदि

अनवीकरणीय प्राकृतिक स्त्रोत

यह प्रकृति में सीमित मात्रा में उपलब्ध होते हैं अर्थात लगातार प्रयोग से समाप्त हो सकते हैं. उदाहरण- खनिज, कोयला, प्राकृतिक गैस, आदि.

कोयला

कोयले को पृथ्वी के नीचे हजारों वर्षों से दबे वनस्पति पदार्थों के मंद कार्बनीकरण द्वारा (अत्यंत उच्च ताप व दाब तथा वायु की नियंत्रित आपूर्ति में) प्राप्त किया जाता है.

बिटुमिन्स, कोयले की सामान्य किस्म है. द्रवित पेट्रोलियम गैस गंधहीन होती है अतः रिसाव का पता लगाने के लिए इसमें एक दुर्गंधयुक्त यौगिक मरकैप्टन मिलाया जाता है. ट्रेटाएथिल लेड अप्स्फोटन को कम करने के लिए प्रयुक्त होता है.

पेट्रोलियम

यह गहरे रंग का दुर्गंधयुक्त तैलीय द्रव है. इसे खनिज तेल, कच्चा तेल, सट्टा नई तेल अथवा काला सोना भी कहा जाता है. इसका भंजक आसवन कराने पर है 70-120०c  पर पेट्रोल, 150-250०C पर केरोसिन है, 250-350०C डीजल तेल प्राप्त होता है. प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन के मुख्य स्रोत है.

पेट्रोलियम एवं हाइड्रोकार्बन का मिश्रण है, जिसमें प्रमुख रुप से ऐलिफैटिक हाइड्रोकार्बन एल्केन (C1- C40) ,साइक्लोपैराफिनस  और एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन होते हैं. पेट्रोलियम के प्रमुख घटक गैस हाइड्रोकार्बन, गैसोलीन, पेट्रोल, डीजल इत्यादि.

विमानन गैसोलीन में ग्लाइकोल मिलाया जाता है, क्योंकि यह पेट्रोल के हिमीभवन को रोकता है. प्राकृतिक गैस मुख्य रूप से मिथेन होती है. इस में गैस:- एथेन, प्रोपेन, ब्यूटेन इत्यादि भी पाए जाते हैं.

पेट्रोल से लगी आग को बुझाने में जल प्रभावी नहीं होता क्योंकि जल और पेट्रोल एक दूसरे में अमिश्रणीय हैं और पेट्रोल जल से हल्का होने के कारण ऊपरी परत बनकर जलता रहता है. पेट्रोल की आग भुझाने के लिए फोम अग्निमाषक का प्रयोग किया जाता है. रॉकेट में ईंधन के रूप में द्रव हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन का मिश्रण प्रयोग करते हैं.

प्रणोदक

रॉकेट में प्रयुक्त ईंधन प्रणोदक है कहलाता है. प्रणोदक का दहन अत्यधिक तीव्रता से होता है तथा दहन के दौरान अत्यधिक मात्रा में गैस व् ऊर्जा उत्पन्न होती है. यद्यपि इनके दहन के पश्चात कोई अवशेष नहीं बचता है.

प्रणोदक के दहन के फलस्वरुप उत्पन्न गैस रॉकेट के पिछले भाग के जेट के रूप में बहुत तीव्र गति से बाहर निकलती है, जिससे रॉकेट का उचित दिशा में  प्रणोदन होता है.

एल्कोहल, द्रव हाइड्रोजन, द्रव अमोनिया, केरोसिन, हाइड्रोजन आदि द्रव प्रणोदक के प्रमुख उदाहरण है. कृत्रिम रबड़ का प्रयोग भी प्रणोदक की तरह किया जाता है.

निरापद दियासलाई

इसमें सफेद फास्फोरस नहीं होता है. इसमें सलाई के सिरे पर एंटमिनी ट्राईसल्फाइड तथा पोटेशियम क्लोरेट का मिश्रण लगा रहता है. इस की डिब्बी पर चूर्णित कांच लाल फास्फोरस का मिश्रण लगा रहता है.

मोमबत्ती

मोमबत्ती बनाने के लिए पैराफिन मोम का प्रयोग करते हैं. पैराफिन मोम ऐलिफैटिक हाइड्रोकार्बन है. मधुमक्खियों द्वारा प्राप्त मॉम को मधु मोम कहते हैं. पैराफिन मोम तथा वैसलीन को पेट्रोलियम द्वारा निकाला जाता है. पैराफिन मोम को पेट्रोलियम मोम भी कहा जाता है.

ज्वाला

यह आग का गर्म भाग है. इसके 3 भाग होते हैं

आंतरिक भाग

यह बिना जले कार्बन की उपस्थिति के कारण काला होता है. इस का तापमान सबसे कम होता है.

मध्य भाग

यह इंधन के अपूर्ण दहन के कारण पीला होता है.

ब्राह्म भाग

यह इंधन के पूर्ण दहन के कारण नीला होता है. यह ज्वाला का सर्वाधिक गर्म भाग है तथा सुनारों द्वारा सोने को पिघलाने में प्रयुक्त किया जाता है.

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