पृथ्वी से पेट्रोलियम कैसे निकाला जाता है? वर्णन करो।
पृथ्वी के उन भागों में मशीन से छिद्र किए जाते हैं, जहां पेट्रोलियम या गैस के स्रोत मिलने की संभावना होती है। इन छिद्रों में लोहे के पाइप डालकर आंतरिक प्राकृतिक गैस के दबाव के कारण अथवा बाहर से हवा का दबाव डालकर पेट्रोलियम को पाइपों द्वारा पृथ्वी से बाहर निकाला जाता है। पेट्रोलियम जब पृथ्वी में से निकाला जाता है तो यह गाढा मटममैले रंग का द्रव्य होता है, जिसे कच्चा तेल भी कहते हैं। कच्चा तेल के रासायनिक पदार्थों का मिश्रण होता है। इसे प्रभाजी आसवन द्वारा साफ करके मिट्टी का तेल, पेट्रोल डीजल, स्नेहक तेल, मॉम, एस्फाल्ट (कोलतार) आदि प्राप्त किए जाते हैं।
कच्चे तेल के प्रभाजी आसवन पर टिप्पणी लिखिए।
पेट्रोलियम अनेक हाइड्रोकार्बन का मिश्रण है। कच्चा तेल भुरे काले रंग का द्रव्य है। जब इसका शोधन किया जाता है, तब यह हाइड्रोकार्बन के विभिन्न प्र्भाजों (अंशो) मैं पृथक- पृथक हो जाता है। इसको शोधित करने की प्रक्रिया इस तथ्य पर आधारित है कि इसके विभिन्न अवयवों का क्वथनांक भिन्न- भिन्न होता है।अत: इन अवयवों को पृथक करने के लिए कच्चे माल पेट्रोलियम तेल को भट्टी में लगभग 400 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करके प्रभाजक स्तंभ के निचले भाग में प्रवेश करवाया जाता है।
इस तापमान पर एस्फाल्ट को छोड़कर बाकी समस्त अव्यव वाष्पित हो जाते हैं। जैसे-जैसे स्तंभ ( कॉलम) में गर्म वाष्पो का मिश्रण ऊपर की ओर बढ़ता है, या ठंडा होता चला जाता है। सबसे अधिक क्व्थनांक वाला अवयव सबसे पहले द्रवित होता है जिसे एकत्रित कर लिया जाता है। तत्पश्चात क्वथनांक के हिसाब से अगला अवयव द्रवित (तरल) होता है और यह क्रम चलता रहता है। बची हुई गैसे कॉलम के ऊपरी हिस्से से बाहर निकल जाती है। कॉलम की विभिन्न ऊंचाइयां पर पृथक किए गए अवयव अलग-अलग एकत्रित करके भंडारीत कर लिए जाते हैं। पेट्रोलियम के प्रभाजी आसवन के दौरान आधार से ऊपर की ओर प्राप्त लाभप्रद अवयव इस प्रकार है- एस्फाल्ट, स्नेहक तेल, पैराफिन वैक्स, इंधन तेल, डीजल, केरोसिन, पेट्रोल तथा पेट्रोलियम गैस।
पेट्रोलियम से प्राप्त पदार्थ के नाम व उनके उपयोग लिखो।
- पेट्रोलियम गैस-इसका उपयोग घरेलू इंधन के रुप में किया जाता है।
- गैसोलीन (पेट्रोल)- इसका उपयोग मोटर इंधन के रूप में किया जाता है।
- केरोसिन (मिट्टी का तेल)- इसका उपयोग घरेलू इंधन के रुप में तथा प्रकाश करने के लिए किया जाता है।
- गैस तेल तथा डीजल तेल- गैस तेल उद्योगों में भट्टी ईंधन तथा डीजल तेल बसों, ट्रकों तथा डीजल इंजनों के इंधन रूप में किया जाता है।
- स्नेहक तेल- इसका उपयोग विभिन्न मशीनों के पुर्जों में स्नेहक के रूप में किया जाता है।
- वैसलीन- इसका उपयोग त्वचा को मुलायम रखने के लिए किया जाता है।
- पैराफिन वैक्स- इसका उपयोग मोमबत्ती तथा पॉलिश बनाने हेतु किया जाता है।
- एस्फाल्ट- इसका उपयोग सड़कों के निर्माण में कई अन्य कार्बनिक पदार्थों के निर्माण में किया जाता है।
पेट्रोलियम को काला सोना क्यों कहा जाता है? वर्णन करो।
पेट्रोलियम हाइड्रोकार्बन का मिश्रण है। इसे एक खनिज तेल भी कहते हैं। यह एक मटमैला वह बुरी-सी गंध वाला तैलीय पदार्थ है जिसे कच्चा तेल भी कहते हैं। हमारे दैनिक जीवन में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जिसमें पेट्रोलियम से प्राप्त होने वाले पदार्थ का उपयोग न होता हो । पेट्रोलियम के अत्यधिक उपयोग गुणों के कारण ही इसे काला सोना या तरल सोना कहते हैं।
उपयोग
- पेट्रोलियम के ऊपर पाई जाने वाली प्राकृतिक गैस घरों में वह उद्योगों में ईंधन के रूप में प्रयुक्त होती है।
- इससे निकला पेट्रोल कारों, मोटरसाइकिल और हवाई जहाजों आदि में ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है। \
- इससे निकला मिट्टी का तेल घर में ईंधन के रूप में वह प्रकाश करने के काम आता है।
- इस से निकला डीजल बसों, ट्रकों व ट्रैक्टरों में ईंधन के काम आता है।
- पेट्रोलियम से कृत्रिम रबड़ और प्लास्टिक बनाए जाते हैं।
- इससे कई प्रकार के चिकनाई देने वाले तैलीय पदार्थ प्राप्त होते हैं।
- पेट्रोलियम से मॉम प्राप्त होता है जो मूर्तियां और विभिन्न पॉलिश बनाने के काम आता है।
- पेट्रोलियम से ही कई प्रकार की प्रसाधन सामग्रियां, इत्र और कीटाणुनाशक पदार्थ बनाए जाते हैं।
- इससे प्राप्त होने वाला तारकोल सड़कें बनाने के काम आता है।
- यह ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है।