उच्च वसीय अम्लों के सोडियम और पोटेशियम लवण है. साबुनीकरण के द्वारा बनते हैं. उदाहरण- सोडियम पालीमटेट, सोडियम स्टीएरेट, आदि.
लंबी श्रंखला वाले एलिक्ल या एरिल स्ल्फेनेटों या सल्फेट के सोडियम तथा पोटेशियम लवण होते हैं. उदाहरण- सोडियम एलिक्ल स्ल्फोनेट,सोडियम एलिक्ल बेंजीन, स्ल्फोनेट, आदि.
धनायनिक अपमार्जक का प्रयोग कपड़ो को मुलायम रखने के लिए तथा जर्मनाशी के रूप में किया जाता है, जबकि अनायनिक अपमार्जक द्रव डिश वॉशिंग में प्रयोग में लाए जाते हैं. अपमार्जक, कठोर जल के साथ भी झाग उत्पन्न करते हैं.
इसका प्रयोग मुख्यतः संवेदना को कम करने के लिए किया जाता है. इस का सर्वप्रथम प्रयोग को वर्ष 1946 में डाई एथिल ईथर के रूप में किया गया. 1847 ईसवी में जेम्स सिंपसन द्वारा निश्चेतक के रूप में क्लोरोफार्म का प्रयोग किया गया.
प्रमुख निश्चेतक क्लोरो प्रोपेन, कोकीन, हेलोथैंन, डाई एथिल ईथर.
यह सूक्ष्म जीवाणुओं को मारने व उनकी वृद्धि रोकने में सहायक होती है. प्रमुख एंटीसिपेट्रीक आयोडीन, फिनोल.
इनका प्रयोग शरीर का दर्द व बुखार उतारने में किया जाता है, महत्वपूर्ण एंटीपायटिकस -एस्पिरिन, क्रोसिन.
यह कुछ महत्वपूर्ण जीवाणुओं के प्रति अत्यंत प्रभावी होती है. इनमें मुख्य रूप से सल्फर और नाइट्रोजन होते हैं. महत्वपूर्ण सल्फा औषधिया-स्ल्फानीलमाइड, सल्फाडाईजीन.
खाद्य पदार्थों के बचाव हेतु रासायनिक परीरक्षकों का उपयोग किया जाता है. यह खाद्य पदार्थों में सूक्ष्म जीव की वृद्धि व विकास को रोकते हैं. उदाहरण- बेंजोइक अम्ल या सोडियम बेंजोएट, पोटेशियम मेटा बाई सल्फाइड, विटामिन E
यह भूमि की उर्वरता को बढ़ाते हैं. यह पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक तत्वों जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस तथा पोटेशियम आपूर्ति करते हैं. उदाहरण- क्षारीय कैल्शियम नाइट्रेट, अमोनिया सल्फेट, यह दोनों भूमि की अम्लता को बढ़ा देते हैं, जिसे चुना मिलाकर दूर किया जाता है. कैल्शियम सायनेमाइंड या नाइट्रोलिम यूरिया या कार्बेमाइंड कैल्शियम सुपर, फास्फेट ऑफलाइम.
तीर्यक बंधित बहुलक है एवं अत्यधिक कठोर होते हैं. यह दो प्रकार की होती है.
गर्म करने पर मृदू हो जाती है. अंत इन्हें सांचों में डाला जा सकता है.
गर्म करने पर अत्यधिक तिर्यक बन्ध बनने के कारण, स्थाई आकार ग्रहण कर लेती है. इसे पुनः प्रयोग में नहीं लाया जा सकता. उदाहरण- बेकेलाइट नायलॉन एक थर्मोप्लास्टिक है. यह मानव द्वारा निर्मित पहला पुराने संश्लेषित रेशा है. इस के रहस्य को सामर्थ्य बहुत ऊंच होती है. पॉलिएस्टर यह एस्टर का बहुलक है. यह बहुत कम पानी सोखते हैं, अंतः जल्दी सूख जाते हैं.
यह बहुलीकरण की वह प्रक्रिया है, जिसमें बड़ी संख्या में सरल अणु एक दूसरे से सयोग करके उच्च अणुभार का एक वृहत अणु बनाते हैं. इस प्रक्रिया के फलस्वरुप निर्मित उच्च अणुभार के यौगिक को बहुलक कहते हैं. प्राकृतिक रबर के पेड़ से निकले वनस्पति दूध लेक्टेस से प्राप्त होता है.यह एक प्रत्याशथ बहुलक है.
रबड़ में कार्बन ब्लैक मिलाकर इसे कठोर बनाया जाता है. प्राकृतिक रबड़ में बहुत ही कम मात्रा में लचीलापन पाया जाता है. इस में लचीलापन बढ़ाने के लिए इसमें सल्फर बढ़ाने के लिए इसमें सल्फर मिलाकर गर्म किया जाता है. इस प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं.
बहुलक | एकलक |
पॉलिथीन | एथिलीन |
पोलिस्टाइरिन क्लोराइड (PVC) | विनील क्लोराइड |
टेफ्लान | टेट्राफ्लोरो एथिन |
बेकेलाइट | फॉर्मेल्डिहाइड + फिनाल |
इसमें प्रबल अंतर आणविक बल जैसे हाइड्रोजन जनता उपस्थित होते हैं. उदाहरण- नायलॉन 66, आरलोन आदि. रबड़ को 5% S के साथ व्ल्कनीकृत करने पर, इसका प्रयोग टायर निर्माण में किया जाता है तथा इसे 30% पर के साथ है वर्गीकृत करने पर इसका प्रयोग बैटरी के केस बनाने में किया जाता है.
कांच (एक अक्रिस्टलीय ठोस अथवा अतिशीतित द्रव है) में मुख्यतः सिलिका उपस्थित होता है. कांच अक्रिस्टलीय ठोस के रूप में एक अतिशीतित द्रव है. इसी कारणवश कांच की क्रिस्टलीय संरचना नहीं होती है.
कैल्शियम के सिलिकेट एलुमिनेट का जटिल मिश्रण है. इसमें कुछ मात्रा में जिप्सम उपस्थित होता है. इसके लिए प्रयुक्त कच्चा माल चुना पत्थर तथा बालू है. जिप्सम सीमेंट के जमने की दर को धीमा कर देता है.
विस्फोटक ऐसे पदार्थ होते हैं, जिनके दहन पर अत्यधिक ऊष्मा और तीव्र ध्वनि उत्पन्न होती है. उदाहरण- ट्राई नाइट्रो, साइक्लो ट्राई मैथिलीन
ईसा के पूर्व काल में चीनियों को बारूद की जानकारी थी. रोजर बेकन (1214-1294) ईसवी के लेखों में बारूद का उल्लेख मिलता है. डेक्कन ने जिस बारूद का उल्लेख किया है उसमें 41.2 प्रतिशत है KNO3 तथा कोयला और गंधक प्रत्येक 29.4 प्रतिशत मात्रा थे. वर्तमान समय में बारूद के मानक मिश्रण में 75% KNO 3,15% तारकोल तथा 10% गंधक होता है.
RDX का पूरा नाम रिसर्च एंड डेवलपड एक्सप्लोसिव है इसके प्लास्टिक विस्फोटक भी कहते हैं. इसमें प्लास्टिक पदार्थ मिलाकर प्लास्टिक के ब्रांडेड एक्सपॉलिसीव बनाते हैं. इसकी खोज जर्मनी में हैंनिंग (1899 ई.) की थी. TNG को नोबेल का तेल भी कहते हैं और यह डायनामाइट बनाने के काम आता है.
TNT का पूरा नाम टाइनाइट्रो टाल्विन है और सर्वाधिक प्रयोग में आने वाला विस्फोटक है. डायनामाइट का आविष्कार अल्फ्रेड नोबेल ने 1800 ईसवी में किया है.
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