सिनेप्स
सोचने के लिए, हृदय स्पंदन के लिए, शरीर का संतुलन बनाए रखने के लिए।
तंत्रिका कोशिका की संरचना- तंत्रिका प्रणाली की संदेश संवहन करने वाली रचनात्मकता कार्यात्मक इकाई तंत्रिका कोशिका कहलाती है। शरीर में पाई जाने वाली यह सबसे लंबी कोशिका है। इसके तीन घटक होते हैं- कोशिकाकाय, द्रुमीका, तंत्रिकाक्
पौधों में प्ररोह (तना तथा पत्ते) धनात्मक रूप से प्रकाश अनुवर्तीत होते हैं। प्ररोह प्रकाश की ओर मुड़ जाना है। प्ररोहा का यह मुड़ना को ओक्सिंन के संश्लेषण तथा उनके तथा उनके एकत्रित होने पर निर्भर करता है। पौधे कि वह दिशा/साइड जो छाया में होती है उधर ऑक्सिन की सांद्रता भी अधिक होती है।
रासायनिक समन्वय के लिए पौधों में वृद्धि हार्मोन का संश्लेषण होता है। उनमें से अधिकतर विभ्ज्योतक क्षेत्र में संश्लेषित होते हैं, जहां कोशिका विभाजन होता रहता है। इन कोशिकाओं से ये आस-पास की कोशिकाओं में विस्तृत हो जाते हैं। आसपास की कोशिकाओं में ग्राही अणु होते हैं जो उन्हें संसूचित (पहचान) लेते हैं और सूचना अन्य कोशिकाओं को प्रेषित कर देते हैं।
सामान्य पादप हार्मोन है- ऑक्सिन, जिबरेलिन, साइटोकिनिन, इथाईलीन आदि जिनका कार्य करने का अपना एक प्रकार है।
जीवो ने नियंत्रण और समन्वय का एक तंत्र विकसित कर लिया है,- क्योंकि-
अनैच्छिक क्रियाएं
शरीर या शरीर के किसी अंग की क्रियाएं जिन्हें हम अपनी इच्छा से नियंत्रित नहीं कर सकते इन्हें अनैच्छिक क्रियाएं कहते हैं। लेकिन इनका नियंत्रण मध्य मस्तिष्क व पश्चममस्तिष्क द्वारा किया जाता है।
उदाहरण- हृदय का धड़कना, सांस लेना, पाचन नली की क्रमाकुंचन गति।
प्रतिवर्ती क्रियाएं
किसी उद्दीपन के प्रति अचानक वह तीव्र प्रतिक्रिया, प्रतिवर्ती क्रिया कहलाती है। यह स्वत: ही होती है। यह मुख्यतः मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है नया की मस्तिष्क के द्वारा।
उदाहरण- छींकना, खाँसना, मुंह में लार आना, पलके झपकना आदि।
तंत्रिका उत्तक (न्यूरॉन) तथा रासायनिक संदेश वाहक हार्मोन से संयुक्त रूप से शरीर के कार्यों पर नियंत्रण और समन्वय करते हैं।
हार्मोन क्रिया विधि | तंत्रिका क्रियाविधि |
इसमें रासायनिक संदेशवाहक हार्मोन होते हैं। | इसमें तंत्रिका कोशिकाएं, तंत्रिका उत्तक है, तंत्रिका मस्तिषक, तथा मेरुरज्जु होते हैं। |
यह उपापचय को नियंत्रित करते हैं। | यह उपापचय को नियंत्रित नहीं करते। |
हार्मोन वृद्धि तथा विकास को प्रभावित करते हैं। | यह वृद्धि तथा विकास को प्रभावित नहीं करते। |
हार्मोन की प्रतिक्रिया शीघ्र हो भी सकती है और नहीं भी। | यह बहुत ही शीघ्र होती है। तथा वैद्युत रसायन संकेतों के रूप में संचारित होती है। |
छुई-मुई पादप में गति | तंत्रिका कार्य विधि |
पौधों में तंत्रिका उत्तक तथा पेशी उत्तक नहीं होते, इसलिए उन्हें तंत्रिका पर से नियंत्रण नहीं होता है। | टांग की गति तंत्रिका पेशी नियंत्रण में होती है। |
पत्तों में गति उनकी आकृति में परिवर्तन से होती है, जो उनकी कोशिकाओं में पानी की मात्रा में परिवर्तन से होती है। | यह पेशियों के सिकुड़ने तथा फैलने से होती है। |
यह गतियाँ अदिशिक गतियाँ होती है जो न तो उद्दीपन की दिशा में और ना ही उससे परे होती है। | यह गतियाँ ऐच्छिक होती है तथा उद्दीपन की ओर या उससे परे भी हो सकती है। |
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