सौर सेल किस सिद्धांत पर कार्य करता है?, solar cell kya hai, solar cell kaise banta hai, types of solar panel in hindi, sour urja ke labh, sour urja ki jankari, sour urja ka chitra, surya urja, saur urja kalachi garaj
अर्द्धचालक के संगम पर जब विकिरण आपतित होती है, तब उसमें प्रकाश का प्रभाव पैदा होता है।
सौर सेल एक ऐसी युक्ति है जिसके द्वारा सौर ऊर्जा को सीधे ही विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सकता है। सैलेनियम जैसे अर्धचालक कि किसी पतली परत को सौर प्रकाश में रखने पर विद्युत उत्पन्न की जाती है। यह आपतित 0.7% विद्युत में परिवर्तित कर सकता है। सैलेनियम से निर्मित सौर सेल की दक्षता कम होने के कारण आजकल सौर-सेल सिलिकॉन, जरमेनियम तथा गैलियम जैसे अर्धचालको से तैयार किए जाते हैं। इनके दक्षता अधिक होती है।
अर्धचालकों की पतली परते इस प्रकार व्यवस्थित की जाती है कि जब इन पर सूर्य का प्रकाश पड़ता है तो अर्धचालक पदार्थ के दो भाग में विभवांतर उत्पन्न हो जाता है जिससे विद्युत धारा उत्पन्न होती है। एक सौर सेल से कम विद्युत उत्पन्न होती है, इसलिए कई सौर सेलों को एक निश्चित क्रम में जोड़कर उच्च शक्ति की विद्युत उत्पन्न की जा सकती है। सेलों के इस समूह को सौर-पैनल कहते हैं।
सौर-सेल विद्युत के स्वस्थ, प्रदूषण रहित और पर्यावरण हितैषी स्रोत है और एक लाभ यह है कि उनका कहीं भी विद्युत के स्वयं उत्पादक स्त्रोत की भांति उपयोग किया जा सकता है। फिर भी, वर्तमान में सौर सेलों का केवल सीमित उद्देश्यों के लिए उपयोग हो रहा है जिसका मुख्य करण इन्हें स्थापित करने के लिए ऊंची लागत की आवश्यकता है।
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