स्वायत्त तंत्रिका तंत्र क्या है?

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स्वायत्त तंत्रिका तंत्र क्या है?

आंतरिक अंगों, जैसे हृदय, रक्त वाहिका है तथा ग्रंथियों की कार्यप्रणाली को एक अलग विशेष प्रकार की तंत्रिका नियंत्रित करती है, जिसे स्वायत्त तंत्रिका तंत्र कहते हैं.

स्वायत्त तंत्रिका तंत्र को दो उप भागों में विभक्त किया जाता है-

  • अनुकंपी तंत्रिका तंत्र 
  • पारकंपी तंत्रिका तंत्र

इनका शरीर के अंगों पर एक दूसरे से विपरीत प्रभाव पड़ता है।

अंग अनुकंपी तंत्रिका तंत्र परानूकंपी तंत्रिका तंत्र
हृदय यह हृदय के कुंचन तथा उद्दीपन को बढ़ाता है। यह ह्रदय के कुंचन तथा उद्दीपन को कम करता है।
आंखें यह पुतली को विसरित करता है। (फैलता है ) यह पुतली को सिकुड़ता है।
पाचक एंजाइम यह लार के स्त्रावण को कम करता है। यह लार के स्त्रावण को बढ़ाता है।
मद्रासी यह मूत्राशय को विसरित करता है यह मूत्राशय को सिकुड़ता है।  
श्वास नली यह श्वास नली को फैलाता है। यह श्वास नली को तंग कर देता है।
जनन अंग यह उनमें उत्तेजना को रोकता है। यह उनमें उत्तेजना उत्पन्न करता है।

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