आज के आर्टिकल में हम जानेंगे पौधों में परिवहन (Transportation in plants) के बारे में- यह एक जैव प्रक्रिया है। जिसमें अवशोषित या संश्लेषित पदार्थ (जैसे- जल, ऑक्सीजन, भोजन, हार्मोन, इत्यादि) शरीर के एक भाग से दूसरे भाग तक विभिन्न जैव क्रियाओं के संचालन हेतु स्थानांतरित होते हैं।

पौधों में परिवहन (Transportation in plants)

पौधों में परिवहन

पौधों में मुख्यतः जल,  खनिज, भोजन तथा हार्मोन इत्यादि पदार्थों का परिवहन होता है। जड़ों द्वारा अवशोषण के बाद जाइलम द्वारा पानी और तरलीकृत खनिज लवण ले जाया जाता है।

पत्तियों से पौधे के अन्य भागों तक भोजन का परिवहन तनु विलेन के रूप में होता है, इसे खाद स्थांतरण कहते हैं। भोजन हार्मोन इत्यादि के स्थानांतरण की प्रक्रिया चालनों की सारणी नालिकयों द्वारा होती है.

पौधों में शारीरिक समन्वयन (Physical coordination in plants)

पौधों में किसी उत्तेजना के फलस्वरूप प्रतिक्रिया वृद्धि या गति के रूप में होती है। इसका नियंत्रण विभिन्न आंतरिक एवं बाह्य कारको द्वारा होता है।

इसके अतिरिक्त विशेष पदार्थ पदार्थ हारमोंस  जैसे – ऑकिसन, साइटोकाइनिन, ईथाइलिंन, इत्यादि. दोबारा भी क्रियाओं का नियंत्रण एवं समन्वय(coordination) होता है। प्रकाश का प्रकार एवं मात्रा दिन रात की अवधि पुष्पन एवं बीजों के अंकुरण को नियंत्रित करती है।

पारिस्थितिकी और पर्यावरण

पादप गति

पौधों में विभिन्न मुद्दों के प्रति अनुक्रिया के रूप में अनेक प्रकार गतियां होती है। जब गति की दिशा उद्दीपन की दिशा द्वारा निर्धारित होती है तो इसे अनुवर्तनी गति कहते हैं. जैसे- प्रकाशानुवर्तन, गुरुत्वनवरत्न, रसायनानुवर्तन आदि।

जब गति की दिशा अंकित संतरा द्वारा निर्धारित होती है तो इसे अनुकुचन गति कहते हैं। जैसे – छूने पर छुई मूई की पत्तियों का बंद होना, पत्तियों एवं फूलों का दिन- रात के अनुसार खुलना बंद होना।

आज इस आर्टिकल में हमने आपको पौधों में परिवहन, पौधों में परिसंचरण तंत्र की क्रियाविधि, सजीवों में परिवहन, फ्लोएम परिवहन, जाइलम और फ्लोएम में अंतर, पादपों में परिवहन के बारे में बताया है।

अगर आपको इससे जुड़ी कोई अन्य जानकारी चाहिए तो आप कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते है।

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