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उत्तर प्रदेश के प्रमुख उद्योग
चीनी उद्योग
देश में चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश का प्रथम स्थान है। यहां चीनी की 109 मिलें हैं। भारत का लगभग 30% चीनी उत्तर प्रदेश उत्पादित करता है। चीनी की मिले मुख्यतः गोरखपुर, देवरिया, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर, शाहजहांपुर, लखनऊ, वाराणसी, फैजाबाद, इलाहाबाद, बस्ती, और बरेली में है। इसी उद्योग के अंतर्गत दानेदार चीनी के अतिरिक्त खांडसारी शक्कर (तमार) भी बनाई जाती है। गुड उत्पादन में भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे है। गुड बनाने के प्रमुख केंद्र सीतापुर,बरेली, मुजफ्फरनगर और मेरठ है.
सूती वस्त्र
उत्तर प्रदेश में सूती वस्त्र उद्योग की दृष्टि से देश में तृतीय स्थान है। यहां सूती वस्त्र की 68 मिलें हैं। ये मिलें कानपुर, आगरा, बरेली, मेरठ, गाजियाबाद, हरदोई, हाथरस, अलीगढ़, सहारनपुर, बदायूं, इलाहाबाद, मऊ, वाराणसी, रामपुर, कानपुर में मोटे और मध्यम प्रकार का कपड़ा, तंबू ढेरे और दुस्ती कपड़ा अधिक बनाया जाता है।
प्रदेश में उत्तर प्रदेश राज्य वस्त्र निगम द्वारा 13 कताई मिलों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 5.2 लाख तकुओ की क्षमता वाली मशीनें लगी है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सहकारी कताई मिल संघ द्वारा 11 कताई मिलों का संचालन किया जा रहा है। दरियाँ बनाने के प्रमुख केंद्रों में बरेली, आगरा, इटावा, सीतापुर, मिर्जापुर, शाहजहांपुर तथा मुरादाबाद है। गलीचे बनाने के केंद्रों में आगरा, वाराणसी, मैनपुरी और मिर्जापुर है। कपास ओटने के कारखाने प्रदेश के लगभग सभी बड़े नगरों में केंद्रित है।
ऊनी वस्त्र उद्योग
ऊनी वस्त्र उद्योग का भी प्रदेश के कुछ केंद्रों में विकास हुआ है। मिलों की संख्या 8 है जिनमें 7 कताई की तथा एक संयुक्त मिल है। प्रमुख केंद्र कानपुर है। यहां की लाल इमली मिल प्रसिद्ध है। इसके अलावा मिर्जापुर में भी एक मेल है।
दियासलाई उद्योग
इस उद्योग का प्रमुख केंद्र बरेली है। इसके अतिरिक्त सहारनपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, मेरठ छावनी में दरामपुर में भी दिया सलाई के कारखाने हैं।
चमड़ा उद्योग
चमड़ा उद्योग प्रदेश का उन्नतिशील उद्योग है। प्रदेश का कानपुर नगर चमड़ा उद्योग के लिए संपूर्ण भारत में प्रसिद्ध है। आगरा, मेरठ, लखनऊ से बरेली में चमड़ा उद्योग के अन्य महत्वपूर्ण केंद्र है।
कागज उद्योग
राज्य में कागज की मिलें सहारनपुर, कानपुर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, तथा लखनऊ में स्थित है। सर्वाधिक मिलें मुजफ्फरनगर में है। दफ्ती कागज (कार्ड-बोर्ड) बनाने की मिले इलाहाबाद, कानपुर, सहारनपुर तथा मेरठ में है। मेरठ में गन्ने की खोई से कार्ड-बोर्ड बनाया जाता है।
कांच उद्योग
उत्तर प्रदेश राज्य का देश के कांच उद्योग में महत्वपूर्ण स्थान है। राज्य में कांच कारखाने की कुल संख्या 32 है तथा चूड़ियां बनाने के 90 कारखाने हैं। फिरोजाबाद विश्व प्रसिद्ध चूड़ियों का निर्माण केंद्र है। फैजाबाद के अतिरिक्त बहजोई, नैनी (इलाहाबाद), मेरठ, गाजियाबाद, वाराणसी, लखनऊ, बाला वर्ली, शासन, शिकोहाबाद, तथा हाथरस, कांच उद्योग के प्रमुख केंद्र है। सबसे अधिक लघु उद्योग गाजियाबाद (888) में स्थित है। वृहद तथा मध्यम दर्जे की गाजियाबाद में 114 इकाइयां स्थित है।
एलुमिनियम उधोग
प्रदेश में एल्युमिनियम उद्योग का एकमात्र केंद्र सोन नदी की घाटी में स्थित मिर्जापुर जिले में है। मिर्जापुर जिले के रेणुकूट नामक स्थान पर स्थित हिंदुस्तान अल्युमिनियम कॉरपोरेशन के कारखाने में नजदीक के वाराणसी तथा बांदा जिले से प्राप्त बॉक्साइट का उपयोग करके एल्युमिनियम धातु के पिंड और चादर बनाए जाते हैं।
इसके अतिरिक्त, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, कानपुर, तथा मथुरा आदि नगरों में एलुमिनियम की चादरों से बर्तन बनाने के छोटे-छोटे कारखाने स्थित है।
रासायनिक उद्योग
इस उद्योग के अंतर्गत मुख्य रूप से रासायनिक क्रियाओं के द्वारा अन्य उद्योगों के लिए रासायनिक पदार्थों का निर्माण होता है। गंधक का तेजाब, हाइड्रोक्लोरिक एसिड, सोडा ऐश, अमोनिया, ब्लीचिंग पाउडर, दवाइयां, रंग- रोगन आदि इनमें प्रमुख है। उत्तर प्रदेश में गंधक का तेजाब बायो सल्फाइड बनाने का कारखाना कानपुर में सोडा ऐश और अमोनिया क्लोराइड बनाने का कारखाना वाराणसी में, कृत्रिम रबड़ का कारखाना बरेली में, गंधक का तेजाब व अन्य रसायनिक पदार्थ बनाने का कारखाना गाजियाबाद में तथा लोहे कणों से युक्त सिलिका बालू तैयार करने के कारखाने इलाहाबाद के शंकरगढ़ में स्थित है।
स्प्रिट और शराब उद्योग
स्प्रिट और शराब बनाने के कारखाने गाजियाबाद, उन्नाव, लखनऊ, रामपुर, मेरठ, सहारनपुर, दौराला, मंसूरपुर और नवाबगंज में है।
साबुन उधोग
साबुन बनाने के कारखाने कानपुर, आगरा, मोदीनगर, गाजियाबाद, मेरठ, व अन्य नगरों में केंद्रित है।
खाद्य तेल उद्योग
उत्तर प्रदेश में का तेल की आधुनिक बड़ी मिले कानपुर, आगरा, गाजियाबाद और मोदीनगर में है।
सीमेंट उद्योग
यह सीमेंट के कारखाने चुर्क (सोनभद्र), डल्ला एवं चुनार (मिर्जापुर), दादरी (गौतम बुद्ध नगर) तथा रायबरेली में स्थित है।
कृषि यंत्र निर्माण उद्योग
उत्तर प्रदेश में कृषि कार्य में प्रयुक्त होने वाले यंत्रों के निर्माण उद्योग की स्थापना आगरा, अलीगढ़, मेरठ, कानपुर, लखनऊ आदि नगरों में हुई है, जहां बोने, जुताई एवं निराई, फसल काटने, गहने और ओसने, दुग्ध शाला, कुक्कुटशाला उपस्कर, पादप संरक्षण उपस्कर, तथा फार्म परिवहन उपस्कर आदि बनाने के कारखाने हैं।
साइकिल उद्योग
उत्तर प्रदेश में साइकिल उद्योग के प्रमुख केंद्र आगरा, वाराणसी, रामपुर, लखनऊ, कानपुर और इलाहाबाद है। यहां रॉयल प्रिंस, पॉपुलर हंसा, जय हिंद, एशिया, साइब्रो, आदि साइकिले बनाई जाती है।
इलेक्ट्रॉनिक उद्योग
गत वर्षो में प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक उद्योग का काफी तीव्र गति से विकास हुआ है। इस क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण के साथ साथ सहयोगी संसाधनों की भी स्थापना हुई है। कुछ लब्धप्रतिष्ठित इलेक्ट्रॉनिक औद्योगिक इकाइयों की स्थापना प्रदेश के विभिन्न नगरों में हुई है, जिनमें नोएडा, साहिबाबाद, पनकी, रायबरेली और लखनऊ प्रमुख है।
इंजीनियरिंग उद्योग
सामान्यतः सभी धातुओं के निर्माण संबंधी उद्योग इस उद्योग के अंतर्गत सम्मिलित है, लेकिन प्रदेश में इसके विकास की दृष्टि से मुख्य रूप से संचनात्मक अभियांत्रिकी, औद्योगिक संस्थान, मशीन टूल्स, हल्की निर्माण कला तथा विद्युत उपकरणों से संबंधित उद्योगों का विकास हुआ है।
इसके अंतर्गत इलाहाबाद के पास स्थित नैनी में त्रिवेणी स्ट्रक्चरल लिमिटेड कारखाना उल्लेखनीय है, जिसमें हाइड्रॉलिक, पेवेसटाक्स, ट्रांसमिशन टावर, इस्पाती पुल, एल डी कन्वटर तथा औद्योगिक भवनों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाली ट्रेने तथा भारी इस्पात के ढांचे बनाए जाते हैं।
जूट उद्योग
जूट उद्योग कि राज्य में तीन मिलें हैं। इनमें से दो कानपुर में तथा एक सहजनवा (गोरखपुर) में स्थित है।
रेशमी वस्त्र उद्योग
रेशमी वस्त्र उद्योग के महत्वपूर्ण केंद्र वाराणसी, कानपुर, इटावा व मोदीनगर है। वाराणसी की रेशमी साड़ियां अपनी गुणवत्ता के लिए देश-विदेश में विख्यात है।
वनस्पति घी उद्योग
प्रदेश में मोदी नगर, कानपुर, मेरठ, इलाहाबाद, अलीगढ़, वह गाजियाबाद में वनस्पति घी बनाया जाता है।
खाद उद्योग
प्रदेश में खाद बनाने के प्रमुख कारखाने गोरखपुर में कानपुर में है। मगरवारा, कानपुर में इलाहाबाद में फास्फेट खाद भी बनाई जाती है।
सूक्ष्म यंत्र बनाने का उद्योग
इस उद्योग के अंतर्गत जलमापक मीटर, औधोगिक हीरे, अनुवीक्षण यंत्र, स्टेथेस्कोप आदि बनाए जाते हैं। इसका प्रमुख केंद्र लखनऊ है।
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