संसद
भारत की संसद अनुच्छेद 79 राष्ट्रपति, राज्यसभा तथा लोकसभा से मिलकर बनी है. राज्यसभा को उच्च सदन कहा जाता है, जबकि लोकसभा को निम्न सदन.
राज्यसभा
राज्यसभा संसद का उच्च सदन अनुच्छेद 79 राज्यों के प्रतिनिधियों से बनता है. राज्यसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 है. वर्तमान में यह संख्या 245 है, जिनमें से 233 सदस्यों का चुनाव राज्यों से तथा शेष 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा कला, साहित्य, विज्ञान, और समाज सेवा के क्षेत्र में व्यक्तियों के विशेष योगदान के लिए राज्यसभा के सदस्य के लिए मनोनीत किए जाते हैं.
राज्यसभा के सदस्य 6 वर्ष की अवधि के लिए निर्वाचित किए जाते हैं. राज्यसभा एक स्थाई सदन है, लेकिन इसके दो तिहाई सदस्य हर 2 वर्ष बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं.
प्रत्येक राज्य विधानमंडल के निर्वाचित सदस्यों में अपने प्रतिनिधि अनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर एकल हस्तांतरणीय मत के माध्यम से चुनते हैं. राज्यसभा में उत्तर प्रदेश की सबसे अधिक सीटें (31) है और महाराष्ट्र की दूसरी सर्वाधिक सीटें (19) है. उत्तर-पूर्वी राज्यों (असोम को छोड़कर) एक सीट है.
राज्यसभा सदस्य की योग्यताएं
- वह भारत का नागरिक हो.
- उसकी आयु 30 वर्ष से कम ना हो.
- वह भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी लाभ के पद पर ना हो.
- वह पागल या दिवालिया में हो.
- जिस राज्य का वह प्रतिनिधित्व पाना चाहता है, उस राज्य के संसदीय क्षेत्र का वह मतदाता हो.
राज्यसभा की शक्तियां और कार्य
वैधानिक शक्तियों के विषय में राज्यसभा की शक्तियां लोकसभा की शक्तियों के समकक्ष ही है. कोई भी विधेयक तब तक कानून नहीं बन सकता, जब तक कि राज्यसभा उसे पारित ना कर दे. किसी भी धन विधेयक को राज्यसभा में पेश नहीं किया जा सकता है.
जब लोकसभा एक धन विधेयक को पारित कर देती है और इसे राज्यसभा में भेजा जाता है. तो राज्यसभा में विधेयक को 14 दिनों के लिए रोक कर रख सकती है. यह विधेयक को रद्द नहीं कर सकती है.
केवल राज्यसभा को ही यह अधिकार प्राप्त है कि वह संविधान के अनुच्छेद 249 के अंतर्गत राज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व का घोषित है कर सके. राज्यसभा को राज्य सभा में उपस्थित तथा मतदान देने वाले सदस्यों के कम से कम दो तिहाई सदस्यों के बहुमत से अखिल भारतीय सेवाओं के सृजन का अधिकार है.
लोकसभा
लोकसभा अनुच्छेद 81 संसद का प्रथम या निम्न सदन है. लोकसभा अपनी पहली बैठक के पश्चात यथाशीघ्र अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन करती है. (अनुच्छेद 93) मूल संविधान में लोकसभा की अधिकतम सदस्य-संख्या 550 निर्धारित की गई है. वर्तमान में लोकसभा की सदस्य संख्या 545 है. इन सदस्यों में 530 सदस्य हैं राज्यों से तथा 13 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से निर्वाचित होते हैं तथा 2 सदस्य आंग्ल-भारतीय वर्ग के प्रतिनिधि के रूप में राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत होते हैं.
अगस्त, 2001 में संसद द्वारा पारित 84वें संविधान संशोधन विधेयक के अनुसार, लोकसभा एवं विधानसभाओ की सीटों की संख्या वर्ष 2026 तक यथावत रखने का प्रावधान किया गया है. लोकसभा के सदस्यों का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा व्यस्क मताधिकार (18 वर्ष) प्रणाली के आधार पर होता है.
लोकसभा सदस्यों की योग्यताएं
- वह भारत का नागरिक हो, उसकी आयु 25 वर्ष या इससे अधिक हो.
- वह पागल तथा दिवालिया न हो.
- भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अंतर्गत थे वह किसी लाभ के पद पर नहीं हो.
- लोकसभा का अधिकतम कार्यालय समानयत: 5 वर्ष का होता है.
लोकसभा अध्यक्ष (स्पीकर)
लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव सदस्यों के बीच में से ही होता है, इसे स्पीकर भी कहा जाता है. वह अपनी शपथ एक सम्मानीय सदस्य के रूप में लेता है, अध्यक्ष के रूप में नहीं. लोकसभा भंग होने के बाद भी स्पीकर अपने पद पर बना रहता है, जब तक नई निर्वाचित लोक सभा का पहला अधिवेशन होता है. वह यह निर्णय करता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं और उसका निर्णय अंतिम होता है.
स्पीकर पहली बार मतदान नहीं करता है. गतिरोध को दूर करने के लिए अपने मत का प्रयोग कर सकता है. लोकसभा अध्यक्ष को कुल सदस्यों की संख्या के 2\3 बहुमत द्वारा पद से हटाया जा सकता है.
देश के पहले लोकसभा अध्यक्ष जी वी मावलंकर हुआ पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार थी. संसद के दोनों सदनों का संयुक्त अधिवेशन राष्ट्रपति अनुच्छेद 108 के अंतर्गत से बुला सकता है. संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करता है.
संसद की सदस्यता की समाप्ति
कोई भी सदस्य संसद की सदस्य सदस्यता से वंचित किया जा सकता है, यदि
- वह बिना किसी सूचना के 7 दिन तक सदन में अनुपस्थित रहता है.
- वह पार्टी के निर्देशन के विरुद्ध वोट देता है अथवा वोट देने नहीं जाता है.
- वह स्वेच्छा उस दल की सदस्यता त्याग देता है, जिसके टिकट लेकर वह संसद का सदस्य निर्वाचित हुआ था.
संसद की वित्तीय समितियां
प्राक्कलन समिति
इस समिति में लोकसभा के 30 सदस्य होते हैं, इसमें राज्यसभा के सदस्यों को शामिल नहीं किया जाता है, इसके सदस्यों का कार्यकाल 1 वर्ष होता है.
लोक लेखा समिति
प्राक्कलन समिति की जुड़वा बहन के रूप में ज्ञात. इस समिति में 22 सदस्य होते हैं, जिसमें 15 सदस्य लोकसभा द्वारा वह 7 सदस्य राज्यसभा द्वारा एक वृक्ष के लिए निर्वाचित किए जाते हैं.
लोक उपक्रम समिति
इस समिति में 15 सदस्य होते हैं, जिनमें 10 लोकसभा तथा राज्यसभा द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा निर्वाचित किए जाते हैं.
तदर्थ समिति
विशिष्ट उद्देश्य के लिए गठित समिति, काम समाप्त होने के बाद समिति का अस्तित्व समाप्त हो जाता है.
महत्वपूर्ण संसदीय शब्दावली
प्रश्नकाल क्या है?
संसदीय कार्यवाही का प्रथम घंटा जो सामान्यतया सुबह 11:00 से 12:00 बजे का समय होता है, प्रश्नकाल कहलाता है. नवंबर, 2014 में राज्यसभा में इस समय में बदलाव करके इसका समय 12:00 से 1:00 बजे कर दिया है, जबकि लोक सभा ने इस में कोई परिवर्तन नहीं किया है. इसी दौरान संसद सदस्यों द्वारा मंत्रियों से राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषय के संदर्भ में महत्वपूर्ण घटना पर प्रतिक्रिया प्राप्त की जाती है;
शून्यकाल क्या है?
प्रश्नकाल के बाद एक घंटा, जो दोपहर 12:00 से 1:00 बजे तक के लिए निर्धारित होता है, शून्य काल कहलाता है. नवंबर, 2014 में राज्यसभा में इस समय में बदलाव करके इसका समय 11:00 से 12:00 कर दिया है, जबकि लोक सभा ने इस में कोई परिवर्तन नहीं किया है.
काम रोको प्रस्ताव क्या है?
किसी सार्वजनिक महत्व के विषय पर विचार करने के लिए यदि कोई सदस्य सजन की वर्तमान कार्रवाई को बंद करने का प्रस्ताव रखता है, तो उसे काम रोको प्रस्ताव कहते हैं.
निंदा प्रस्ताव क्या है?
विरोधी दल के नेता या सदस्यों द्वारा सरकारी नीतियों की आलोचना करने के लिए पेश किया जाता है. प्रस्ताव नियम अनुसार है या नहीं, यह निर्णय लोकसभा अध्यक्ष करता है.
लेखानुदान क्या है?
किसी कारण से यदि 1 अप्रैल से पहले विनियोग विधेयक पारित नहीं हो पाता है तो लोकसभा लेखानुदान करें सरकार के लिए अग्रिम राशि दे सकती है, इसे लेखानुदान कहते हैं.
ध्यानाकर्षण प्रस्ताव क्या है?
इसमें अध्यक्ष सभापति की स्वीकृति से कोई सदस्य सार्वजनिक हित की दृष्टि से अति सार्वजनिक महत्व के किसी मामले की ओर मंत्री का ध्यान दिलाता है या उससे संबंधित प्रश्न करता है.
स्थगन प्रस्ताव क्या है?
यह प्रस्ताव सरकार के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव होता है. यह किसी सदस्य द्वारा गंभीर सार्वजनिक महत्व के विषय पर सदन का ध्यान आकर्षित करने हेतु किया जाता है.
विभिन्न राज्यों\केंद्र शासित प्रदेशों में लोकसभा\राज्यसभा की सीटों का विवरण
राज्य | सदस्य संख्या लो.स. | रा.स. | राज्य | सदस्य संख्या लो.स. | रा.स. | राज्य | सदस्य संख्या ल.स. | रा.स. |
उत्तर प्रदेश | 80 | 31 | 10 | 5 | गोवा | 2 | 1 | |
बिहार | 40 | 16 | जम्मू- कश्मीर | 6 | 4 | छत्तीसगढ़ | 11 | 5 |
महाराष्ट्र | 48 | 19 | हिमाचल प्रदेश | 4 | 3 | उत्तराखंड | 5:00 | 3 |
आंध्र प्रदेश | 25 | 11 | त्रिपुरा | 2 | 1 | झारखंड | 14 | 6:00 |
मध्य प्रदेश | 29 | 11 | मणिपुर | 2 | 1 | संघीय क्षेत्र | ||
तमिलनाडु | 39 | 18 | पंजाब | 13 | 7 | दिल्ली | 7 | 3 |
कर्नाटक | 28 | 12 | पश्चिम बंग | 42 | 16 | पुदुच्चेरी | 1 | 1 |
गुजरात | 26 | 11 | मेघालय | 2 | 1 | चंडीगढ़ | 1 | _ |
राजस्थान | 25 | 10 | नागालैंड | 1 | 1 | दादर एवं नागर हवेली | 1 | _ |
उड़ीसा | 21 | 10 | सिक्किम | 1 | 1 | अंडमान- निकोबार | 1 | _ |
केरल | 20 | 9 | मिजोरम | 1 | 1 | लक्षद्वीप | 1 | _ |
असोम | 14 | 7 | अरुणाचल प्रदेश | 2 | 1 | दमन एवं दीप | 1 | _ |
तेल गाना | 17 | 7 |