आज इस आर्टिकल में हम आपको विद्युत और जल का अपव्यय के बारे में जानकारी दे ने जा रहे है जो निम्नलिखित है-

Q. जल संरक्षण हेतु आवश्यक है –
(A) जल का न्यायोचित दोहन
(B) वनों के विनाश पर नियंत्रण
(C) जनसंख्या नियंत्रण
(D) उपरोक्त सभी
Q. वनों के प्रमुख कार्य हैं –
(A) जल का संरक्षण
(B) वाष्पीकरण को रोकने में सहायक
(C) खनन प्रक्रिया में सहायक
(D) (A) एवं (B) दोनों
Q. जल वितरण एवं संचय व्यवस्था में प्रमुख हैं –
(A) अधिक जल वाले स्थानों से कम जल युक्त स्थानों पर जल की आपूर्ति
(B) जलाशयों व नहरों का निर्माण करना
(C) नदियों को जोड़ने का प्रयास
(D) उपरोक्त सभी
पंचायत, विधानसभा एवं संसद की जानकारी
Q. अपशिष्ट जल को उपचारित कर पुन: प्रयोग की विधि को कहते हैं –
(A) डिसेलीनेशन
(B) पुर्नचक्रण
(C) बाढ़ प्रबन्धन
(D) वर्षा जल संरक्षण
Q. परिष्कृत सिंचाई विधियों में प्रमुख हैं –
(A) बूंद -बूंद सिंचाई
(B) लवणीय जल को अलवणीय बनाने का प्रयोजन
(C) बाढ़ के पानी को रोककर खेतों में बहाना
(D) ट्यूबवैलों से सिंचाई
Q. जल की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आवश्यक है –
(A) जलशोधन विधियों का विकास
(B) अपशिष्ट जल का पुर्नचक्रण
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) वृक्षोन्मूलन
Q. बरसाती जल के बहाव की दिशा में परिवर्तन का मुख्य कारण है –
(A) खुले स्थानों पर नवीन कॉलोनियों का विकास
(B) वर्षा की कमी
(C) भू – जल का गिरता स्तर
(D) वनों की कटाई
Q. वह क्षेत्र जिसमें जल की आवक एक – दुसरे से जुड़ी हुई एक या अधिक नदियों के द्वारा होती है व विकास किसी निश्चित स्थान से होता है, को कहते हैं –
(A) वर्षा जल क्षेत्र
(B) नल -कूप क्षेत्र
(C) जल ग्रहण क्षेत्र
(D) जल संरक्षित क्षेत्र
Q. राज्यस्थान में प्रयोग में आने वाले जल संरक्षण के पारम्परिक स्त्रोत –
(A) बावड़ी व तालाब
(B) नाड़ी – नाड़ाव झालरा
(C) झीलें व टोबा
(D) उपरोक्त सभी
Q. भू -जल को ऊपर उठाने के उपाय हैं –
(A) वर्षा जल को रोके जाने के प्रयास
(B) घरों की छतों से वर्षा जल को सोकपिट में उतार कर
(C) तालाबों व जलाशयों की मिट्टी निकालकर इन्हें गहराकर
(D) उपरोक्त सभी
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