योजना और नीति आयोग के कार्य और उद्देश्य

योजना आयोग

भारत में योजना आयोग का गठन नियोगी समिति की सिफारिश पर 15 मार्च, 1950 को किया गया. यह एक गैर संवैधानिक संस्था है, जिस का पदेन अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है.

वर्ग तथा वर्गमूल से जुडी जानकारी

भारत के प्रमुख झील, नदी, जलप्रपात और मिट्टी के बारे में जानकारी

भारतीय जल, वायु और रेल परिवहन के बारे में जानकारी

बौद्ध धर्म और महात्मा बुद्ध से जुडी जानकारी

विश्व में प्रथम से जुड़े सवाल और उनके जवाब

भारत में प्रथम से जुड़े सवाल और उनके जवाब

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कार्य

देश के मौलिक, पूंजीगत एक मानवीय संसाधनों का अनुमान लगाना. राष्ट्रीय संसाधनों के प्रभावी एवं संतुलित उपयोग के लिए योजना तैयार करना.

नीति आयोग

पोस्ट ऑफिस पुराने योजना आयोग को नया रूप तथा नया नाम देते हुए नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया  (नीति आयोग) के गठन की घोषणा 1 जनवरी, 2015 को की गई. यह नया आयोग केंद्र तथा राज्य सरकारों के लिए थिंक टैंक का कार्य करेगा.

नीति आयोग का पूरा नाम नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया आयोग है. इसकी मुख्य भूमिका राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्व के विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर केंद्र तथा राज्य सरकारों को जरूरी रणनीति तथा तकनीकी  परामर्श देने की होगी. आयोग के लिए 13 सूत्री सदस्य रखे गए हैं

नीति आयोग की संरचना

नीति आयोग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा उपाध्यक्ष की नियुक्ति की गई है. अरविंद पनगढ़िया को इसका प्रथम उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

युग में राज्य के मुख्यमंत्रियों तथा निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों को अधिक अहम भूमिका दी गई है, जो संघीय ढांचे को मजबूत करेगी, जबकि योजना आयोग में केंद्रीयता को महत्व दिया गया था.

नीति आयोग के उद्देश्य

  • राज्य से सशक्त राष्ट्र का निर्माण, सहकारी संघवाद को समृद्ध करना.
  • ग्राम स्तर पर योजनाएं बनाने के तंत्र को विकसित करना.
  • राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों तथा आर्थिक नीति में तालमेल
  • आर्थिक प्रगति से वंचित रहे वर्गों पर विशेष ध्यान देना.
  • रणनीति और दीर्घावधी के लिए नीति तथा कार्यक्रमों का ढांचा तैयार करना.

राष्ट्रीय विकास परिषद

राष्ट्रीय विकास परिषद का गठन ,आर्थिक नियोजन हेतु राज्य तथा योजना आयोग के बीच से हो का वातावरण बनाने के लिए 6 अगस्त, 1952 को किया गया. योजना आयोग के सदस्यों के साथ, राज्य के मुख्यमंत्रियों को मिलाकर इसका गठन किया जाता है. यह भी एक गैर-संवैधानिक निकाय है, जिसका अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है.

अंतरराष्ट्रीय परिषद

यह एक संवैधानिक संस्था है. इसके गठन का अधिकार राष्ट्रपति को है. इसका प्रमुख का एक केंद्र व राज्य के मध्य समन्वय स्थापित करना है. इसकी स्थापना प्रक्रिया, संगठन, दायित्व कार्यों का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 263 में दिया गया है.

पंचवर्षीय योजनाएं

  • 1 अप्रैल, 1951 से भारत की प्रथम पंचवर्षीय योजना की शुरुआत की गई. इसके पश्चात पंचवर्षीय योजनाओं की एक श्रृंखला प्रारंभ हो गई.
  • भारत में अब तक 11 पंचवर्षीय योजना लागू की जा चुकी है और 1 अप्रैल, 2012 से 12 वी पंचवर्षीय योजना प्रारंभ की गई है. 12वीं पंचवर्षीय योजना का लक्ष्य तवरित सतत समावेशी विकास है.
  • वर्ष 1978-83 के लिए जनता सरकार ने अनवरत योजना चलाई, परंतु वर्ष 1980 में कांग्रेस सरकार ने इसे रोक कर वर्ष 1980 में छठी पंचवर्षीय योजना शुरू की. प्रधानमंत्री कॉल में वर्ष 1985 में तथा पी वी नरसिंह राव की सरकार के काल में वर्ष 1991 में आई.

निर्धनता

आयोग योजना ने सितंबर, 1989 में प्रो. लकड़ावाला की अध्यक्षता में एक विशेष समूह की नियुक्ति की, जिसने प्रति व्यक्ति कैलोरी उपभोग्य को आधार बनाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी प्रति व्यक्ति तथा शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रति व्यक्ति उपभोग को आधार माना. भारत में सर्वप्रथम गरीबी का अध्ययन श्री बी एस मिन्हास ने किया और उन्होंने व्रत 1967-68  के बीच ग्रामों के निर्धनों के प्रतिशत में कमी होने के संकेत दिए.

लकड़ावाला समिति ने अपने फार्मूले में शहरी निर्धनता के आकलन के लिए औद्योगिक श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि श्रमिकों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को आधार बनाया. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश तेंदुलकर की रिपोर्ट गरीबी का आंकड़ा 37.2% बताती है.

ग्रामीण जनसंख्या का लगभग 41.8 प्रतिशत तथा शहरी जनसंख्या का 25.7% भाग गरीब है. देश में निर्धनता अनुपात का आकलन योजना आयोग द्वारा राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन के माध्यम से किया जाता है.

नई मंजिल योजना

वर्ष 2015-16 के बजट में घोषित अल्पसंख्यक के युवाओं के लिए एकीकृत शिक्षा व आजीविका योजना है, इसके तहत कौशल विकास एवं चमकता निर्माण के माध्यम से उन्हें रोजगार प्रदान करना लक्षित है.

पहल

15 नवंबर 2014 को प्रारंभ की गई यह योजना विश्व की सबसे बड़ी नकद सब्सिडी ट्रांसफर योजना है, इसके तहत LPG उपभोक्ताओं को सब्सिडी की राशि सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी.

सांसद आदर्श ग्राम योजना

लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन के अवसर पर 11 अक्टूबर, 2014 को इस योजना की शुरुआत की गई. इसका उद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर आदर्श ग्रामों का सृजन करना है. इसके तहत प्रत्येक सांसद एक आदर्श गांव प्रकाशित करने के लिए गांव को गोद लेंगे.

मुद्रा विकास बैंक

वर्ष 2015-16 के बजट में घोषित यह बैंक के इकाइयों, पिछड़े एवं छोटे उद्यमियों की वित्तीय सहयोग हेतु गठित किया गया है.

प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना

रुपए 12 प्रति वर्ष के प्रीमियम पहला दो लाख का दुर्घटना बीमा प्रदान करने वाली योजना की घोषणा वर्ष 2015-16 के बजट में की गई.

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

वर्ष 2015-16 के बजट में प्रारंभ की गई इस योजना में 18-50 वर्ष के लोगों के लिए ₹330 प्रतिवर्ष के या रुपए एक प्रतिदिन के प्रीमियम पर बीमा सुविधा प्रदान करना उचित लक्षिता है.

मेक इन इंडिया कार्यक्रम

25 सितंबर, 2014 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन से इस योजना की शुरुआत की गई. इसका उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देना तथा नवाचार को प्रोत्साहित करना है, इसके तहत है सकील डेवलपमेंट के साथ है विनिर्माण को प्रोत्साहित करना लक्षित है. वर्ष 2015-16 के बजट में इस मद में रुपए 4100 करोड़ आवंटित किए गए हैं.

नामिम गंगे

वर्ष 2013-14 के बजट में एक गरीब गंगा साक्षर मिशन के तहत है, इस कार्यक्रम की आधारशिला रखी गई. इस उद्देश्य के लिए रुपए 2035 को आवंटित किए गए हैं. इसके तहत गंगा संरक्षण, घाटो का विकास व सौंदर्यकरण, पर्यटन, पेयजल, स्वच्छता जैसे मुद्दों को शामिल किया गया.

कृषि

पिछले औद्योगिकीकरण के बाद भी भारतीय अर्थव्यवस्था का मूल आधार कृषि है. आर्थिक सर्वेक्षण 2010-11 के अनुसार कुल जीडीपी में कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्रों का योगदान 14.4 प्रतिशत है, जबकि यह क्षेत्र कुल जनसंख्या के 58.2% है लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता है.

हरित क्रांति

हरित क्रांति का अर्थ आधुनिक कृषि तकनीकी, उन्नत बीजों, खाद्य, सिंचाई तथा वित्तीय प्रबंध का कृषि क्षेत्र में प्रयोग करने से है, इसकी शुरुआत वर्ष 1966 में हुई. हरित क्रांति का विचार नॉर्मन बोरलॉग ने दिया था. भारत में हरित क्रांति को डॉक्टर स्वामीनाथन ने सफल बनाया था.

कृषि क्षेत्र की विभिन्न क्रांतियां

क्रान्ति संबंधित क्षेत्र
पीली क्रांति तिलहन उत्पादन
शपथ क्रांति दुग्ध उत्पादन
नीली क्रांति मछली उत्पादन
गुलाबी क्रांति झींगा उत्पादन
ग्रे क्रांति उत्पादन
सुनहरी क्रांति बागवानी उत्पादन
सिल्वर क्रांति अंडा एवं  पौलटरी उत्पादन
भूरी क्रांति कोको उत्पादन
इंद्रधनुषी क्रांति सम्रग कृषि उत्पादन

उद्योग

कुल सकल घरेलू उत्पाद औद्योगिक क्षेत्र का योगदान लगभग 27% है. किसी भी देश के संतुलित औद्योगिक विकास के लिए एक स्पष्ट और व्यापक उद्योगिक नीति की आवश्यकता होती है. अब तक घोषित औद्योगिक नीति 1948, 1956, 1977, 1980 और 1991 में रहा है.

कुटिर, लघु एवं मझौले उधम

इनका देश की जीडीपी में लगभग 8% का विनिर्माण क्षेत्र 45% तथा भारत के कुल निर्यात में लगभग 40% का योगदान है. औधोगिक नीति वर्ष 1977 में पहली लघु उद्योग को प्रोत्साहित करने की घोषणा की गई. सरकार ने 2 अक्टूबर, 2006 में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम बनाया.

MSMED अधिनियम ने सर्वप्रथम लघु उद्यमों कोशिकाओं सहित को वर्गीकृत किया. आबिद हुसैन समिति लघु उद्योग में सुधार में संबद्ध है. लघु उद्योगों के वित्तीय हेतु नायक समिति का गठन किया गया.

विशेष आर्थिक क्षेत्र

एशिया का प्रथम निर्यात प्रसंस्करण केंद्र कांडला (गुजरात) में वर्ष 1965 में स्थापित किया गया था. पहली नीति अप्रैल, 2000 में घोषित की गई थी. इस नीति का  मुख्य उद्देश्य अधोसंरचना का विकास करके आर्थिक वृद्धि को गति देना है. सेज अधिनियम, 2005 को 10 फरवरी, 2006 से लागू किया गया था.

सेज अधिनियम, 2005 के प्रावधान

  • कर मुक्त आयत की स्वतंत्रता
  • केंद्रीय व्यापार एवं सेवा कर में छूट
  • एकल खिड़की योजना के तहत सेज स्थापित करने की नीति

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