आज इस आर्टिकल में हम आपको नंगी हड़ताल (1930 ई.) का इतिहास के बारे में बताने जा रहे है.

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नंगी हड़ताल (1930 ई.) का इतिहास

4 मई, 1930 को गांधीजी की गिरफ्तारी के पश्चात स्वदेशी के प्रचार और विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार की भावना इतनी प्रबल हुई कि छपरा जेल में कैदियों ने विदेशी वस्त्र पहने से इंकार कर दिया और स्वदेशी वस्त्र उपलब्ध ना कराए जाने पर नंगे बदन रहने का निश्चय किया.

कई दिनों तक यह नंगी हड़ताल जारी रही, तब जाकर कैदियों को स्वदेशी वस्त्र दिए गए.

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