फैक्ट्रियों एवं आवास की मांग की आपूर्ति हेतु वनों की अनव्रत कटाई न्याय संगत नहीं है। फैक्ट्रियों और आवास की स्थापना हेतु स्थान चाहिए और इसे वनों को काट कर उपलब्ध करवाया जाता है, परंतु ठीक इसी समय हमें यह भी याद रखना चाहिए कि वनों से मिलने वाले अन्य लाभों को हम उपयुक्त मांग को पूरा करते समय खो बैठते हैं। पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाता है। वन्य जीवन का आश्चर्य नष्ट हो जाता है। वनों की कटाई से प्राकृतिक आपदाएं ( आकाल, बाढ़) आने लगती है जिनसे लाखों की संपत्ति व लोगों का जीवन नष्ट हो जाता है। अंतर अपने उपयोग के उद्देश्यों की पूर्ति हेतु वनों को काटना न्याय संगत नहीं है।
वन प्रकृति में जल चक्र को सुचारु रुप से चलाने में सहायक है। यदि वन पृथ्वी पर जल का अवशोषण नहीं करेंगे तो निसंदेह हमारे वायुमंडल में आने वाले जलवाष्पों की मात्रा भी कम होगी। जब जलवाष्प नहीं होंगे तो बादल न बनने से वर्षा कम होगी। वन पर्यावरण को ठंडक प्रदान कर बादल बनने में भी मदद करते हैं। यदि वनोन्मूलन की स्थिति होगी तो निश्चित रूप से वर्षा की दर में कमी आएगी।
कागज का निर्माण पेड़ों की लकड़ी से तैयार लुगदी से किया जाता है। यदि हम कागज की बचत नहीं करेंगे तो कागज बनाने के लिए अधिक पेड़ काटने पड़ेंगे। यदि यह कटाई यूं ही जारी रही तो इतने पेड़ कहां से आएंगे जो हमारी कागज की दैनिक आवश्यकता को पूरा कर सकें। अतः हमें निम्नलिखित उपायों के द्वारा कागज की बचत करनी चाहिए-
इन सभी उपायों से कागज की बचत हो सकती है।
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