आज इस आर्टिकल में हम आपको स्वराज दल का इतिहास के बारे में बताने जा रहे है.
1922 में कांग्रेस का 38 वां अधिवेशन बिहार में गया नगर में हुआ. इसके अध्यक्ष देशबंधु चित्तरंजन दास थे. इस अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा विधायिका में भाग लेने या इसके बहिष्कार को जारी रखने के मुद्दे पर बहस हुई और निर्णय बहिष्कार के पक्ष में हुआ.
परंतु मोतीलाल नेहरू, चितरंजन दास, सत्यमूर्ति आदि विधायिका में प्रवेश करने के पक्ष में थे. उन्होंने स्वराज दल का गठन किया बिहार में फरवरी, 1923 में स्वराज दल की शाखा का गठन हुआ तथा श्री कृष्ण सिंह इसके नेता बनाए गए. 2 जून को पटना में इसकी आरंभिक बैठक हुई. बिहार में स्वराज दल का विशेष प्रभाव नहीं पड़ा. स्वराज दल की बिहार में विफलता दिसंबर, 1923 तक संपन्न हो चुकी थी तथा 1925 ई. तक यह अप्रभावी हो गया.
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