आज इस आर्टिकल में हम आपको आधुनिक बिहार – बिहार हिस्ट्री के बारे में बताने जा रहे है.
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आधुनिक बिहार – बिहार हिस्ट्री
आधुनिक काल की शुरुआत प्राय: 18वीं सदी से के प्रारंभ से मानी जाती है. हालांकि बिहार में यूरोपीय का आगमन 17वीं सदी के प्रारंभ में ही आरंभ हो गया था. 1711 ई. में डकैतों ने मुगल सम्राट चौहान दार सहाय से बंगाल एवं बिहार में व्यापार हेतु कुछ रियायते प्राप्त की.
अलीवर्दी खान 1732 ई. में बिहार का नायक नाजिम तथा 1740 ई. में बंगाल का नवाब बना. उसने भोजपुर, टेकारी, चकवार, बेतिया, तिरहुत, आदि क्षेत्रों के विद्रोह शासकों को शांत कर शांति व्यवस्था कायम की. बंगाल के नवाब अलीवर्दी खान ने 1750 ई. में सिराजुद्दौला को अपना उत्तराधिकारी मनोनीत किया.
9 अप्रैल 1756 को नवाब अलीवर्दी खान की मृत्यु के पश्चात सिराजुद्दौला बंगाल का नवाब बना. प्लासी के युद्ध जो 23 जून, 1757 ई. को नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच हुआ, में अंग्रेजों की जीत हुई. अंग्रेजों ने मीर जाफर को बंगाल का नवाब बनाया और उसके पुत्र मीरन को बिहार का नवाब बनाया गया. परंतु बिहार की वास्तविकता राजा राम नारायण के हाथों में बनी रही.
मुगल सम्राट अली गौहर अपने को बिहार, बंगाल एवं उड़ीसा का अधिपति मानता था. प्लासी के युद्ध के पश्चात बंगाल की राजनीति के अर्थव्यवस्था को देखते हुए उसने बिहार पर आक्रमण किया जिसमें उसकी पराजय हुई. 1760 में अली गौहर, जिसने अबतक शाह आलम द्वितीय की उपाधि धारण कर ली थी, बिहार पर आक्रमण किया, परंतु धन एवं साधन के अभाव में उसका अभियान भी बेकार साबित हुआ. 1760 ई. में मीर कासिम अंग्रेजों की सहायता से बंगाल का नवाब बना.